आज के समय में खराब खानपान, तनाव, नींद की कमी और असंतुलित लाइफस्टाइल के कारण थायराइड की समस्या तेजी से बढ़ रही है। एक समय था जब यह समस्या मुख्यरूप से महिलाओं में देखी जाती थी, लेकिन अब पुरुष और यहां तक कि युवा वर्ग भी इस हार्मोनल गड़बड़ी की चपेट में आ रहा है। थायराइड ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म यानी चयापचय को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाती है, लेकिन जब इसमें असंतुलन आता है, तो शरीर की कई प्रक्रियाएं प्रभावित होने लगती हैं। ऐसे में एक आम सवाल लोगों के मन में उठता है कि क्या थायराइड की वजह से कब्ज (Constipation) की समस्या हो सकती है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज (Dr. Sudhir Kumar Bhardwaj, General Physician, Sant Bhagat Singh Maharaj Charitable Hospital, NIT Faridabad) से बात की-
क्या थायराइड कब्ज का कारण बनता है? - Can Thyroid Problems Cause Constipation
डॉक्टर सुधीर कुमार बताते हैं कि थायराइड एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है जो गले के सामने वाले हिस्से में स्थित होती है। यह ग्रंथि हार्मोन बनाती है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म यानी चयापचय को कंट्रोल करते हैं। मेटाबॉलिज्म जितना अच्छा होता है, शरीर की सारी क्रियाएं उतनी ही तेजी से और संतुलित रूप से होती हैं, जैसे एनर्जी बनना, पाचन होना, हार्ट रेट कंट्रोल रहना आदि। जब यह हार्मोन कम बनते हैं तो उसे हाइपोथायराइडिज्म कहते हैं, जिससे शरीर की सारी एक्टिविटीज धीमी हो जाती हैं, जिसमें पाचन भी शामिल है।
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हाइपोथायराइडिज्म के कारण शरीर की मांसपेशियों की गति धीमी हो जाती है, जिसमें आंतों की मांसपेशियां भी शामिल होती हैं। नतीजतन, भोजन आंतों में धीरे-धीरे चलता है और मल त्याग की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इससे मल कठोर हो सकता है, पेट भारी लग सकता है और दिन में एक बार भी शौच नहीं हो पाता। यह स्थिति कब्ज कहलाती है। इसलिए अगर आपको लगातार कब्ज की समस्या है और इसके साथ थकान, वजन बढ़ना, ठंड लगना जैसे लक्षण भी हैं, तो थायराइड टेस्ट करवाना जरूरी है।
थायराइड हार्मोन सिर्फ वजन या बालों पर ही असर नहीं डालता, यह पूरे शरीर पर असर डालता है। जब इसकी मात्रा कम हो जाती है तो आंतों की गतिशीलता धीमी हो जाती है और यह कब्ज का कारण बनती है। खासकर महिलाओं में यह बहुत आम है, लेकिन लोग अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं और केवल कब्ज का इलाज करते रहते हैं।
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थायराइड कब्ज का इलाज कैसे करें? - How to treat thyroid constipation
1. गुनगुना पानी
सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुना पानी पीना आंतों को एक्टिव करता है।
2. फाइबर युक्त डाइट
साबुत अनाज, हरी सब्जियां, फल और सलाद का सेवन करें।
3. घी
रात को सोने से पहले एक चम्मच घी गुनगुने पानी के साथ लेना लाभकारी हो सकता है।
4. इसबगोल
खाना खाने के बाद एक चम्मच इसबगोल भूसी गुनगुने पानी में मिलाकर लें।
5. योग और प्राणायाम
नियमित योगासन जैसे पवनमुक्तासन, वज्रासन, भुजंगासन और अनुलोम-विलोम कब्ज और थायराइड दोनों में मददगार होते हैं।
निष्कर्ष
थायराइड की समस्या केवल हार्मोन से जुड़ी नहीं, यह पाचन तंत्र को भी प्रभावित करती है। विशेष रूप से हाइपोथायराइडिज्म में कब्ज एक आम लेकिन अनदेखा लक्षण हो सकता है। यदि आप या आपके किसी परिवारजन को लंबे समय से कब्ज है और उसके साथ थकान, वजन बढ़ना जैसे लक्षण भी हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। उचित जांच और सही खानपान से न सिर्फ थायराइड बल्कि कब्ज से भी राहत पाई जा सकती है।
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FAQ
थायराइड होने से क्या-क्या दिक्कत होती है?
थायराइड की समस्या होने पर शरीर में कई तरह की दिक्कतें देखने को मिलती हैं, जो इस पर निर्भर करती हैं कि थायराइड हार्मोन कम बन रहा है या ज्यादा। हाइपोथायराइडिज्म में थकान, वजन बढ़ना, कब्ज, बाल झड़ना, ड्राई स्किन, डिप्रेशन और पीरियड्स में गड़बड़ी हो सकती है। वहीं, हाइपरथायराइडिज्म में वजन तेजी से घटता है, धड़कन तेज होती है, पसीना ज्यादा आता है, घबराहट, नींद न आना और चिड़चिड़ापन हो सकता है। दोनों ही स्थितियों में हार्मोन असंतुलन शरीर के मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ देता है, जिससे कई शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।थायराइड कैसे ठीक करें?
थायराइड को ठीक करने के लिए सबसे पहले इसके प्रकार की सही जांच जरूरी है। डॉक्टर की सलाह अनुसार नियमित रूप से दवाएं लेना, जैसे हाइपोथायराइड में थायरॉक्सिन, बहुत जरूरी है। साथ ही, आयोडीन युक्त संतुलित आहार लें, जैसे नमक, दही, अंडा, और हरी सब्जियां। स्ट्रेस कम करने के लिए योग, प्राणायाम और ध्यान करें।कब्ज होने का सबसे बड़ा कारण क्या है?
कब्ज होने का सबसे बड़ा कारण अनियमित और खराब लाइफस्टाइल है। खासकर फाइबर की कमी वाली डाइट, कम पानी पीना, फिजिकल एक्टिविटी का अभाव और ज्यादा तली-भुनी या प्रोसेस्ड चीजों का सेवन कब्ज की मुख्य वजह बनते हैं। इसके अलावा, देर रात तक जागना, समय पर शौच न जाना, बार-बार भोजन में गैप बदलना और मानसिक तनाव भी पाचन क्रिया को प्रभावित करते हैं। कुछ मामलों में थायराइड, डायबिटीज या दवाओं के साइड इफेक्ट से भी कब्ज हो सकती है।