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टीनएजर्स के लिए कौन से वैक्सीन लगवाना है जरूरी, जानें डॉक्टर से

Vaccination in Teenagers: अक्सर पैरेंट्स शिशुओं के वैक्सीनेशन का तो पूरा ध्यान रखते हैं, लेकिन टीनएजर्स के वैक्सीनेशन पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते। इस लेख में डॉक्टर ने टीनएजर्स के वैक्सीन की जानकारी दी है, जिन्हें लगवाना बहुत जरूरी है।

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टीनएजर्स के लिए कौन से वैक्सीन लगवाना है जरूरी, जानें डॉक्टर से


Vaccination in Teenagers: टीनएज ऐसी उम्र है, जिसमें उनमें न सिर्फ फिजिकल बल्कि मानसिक बदलाव भी देखने को मिलते हैं। ऐसे में उनकी देखभाल करना और उन्हें समझना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही उनकी फिजिकल हेल्थ का ध्यान रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। 10 से 16 साल की उम्र में टीनएजर्स की इम्युनिटी को भी मजबूत करना बेहद जरूरी है, ताकि उन्हें किसी तरह की जानलेवा बीमारियां न हो। बीमारियों से बचाने के लिए उनका वैक्सीनेशन होना महत्वपूर्ण है। दरअसल, पैरेंट्स शिशु के वैक्सीनेशन का तो पूरा ख्याल रखते हैं, लेकिन टीनएजर्स के वैक्सीनेशन का इतना ध्यान नहीं रहता। इसलिए कई बार उनके वैक्सीनेशन छूट जाते हैं, जबकि इसी समय के वैक्सीन उन्हें कई गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं। वैक्सीनेशन के बारे में हमने गुडगांव के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के स्त्रीरोग विशेषज्ञ विभाग की डायरेक्टर डॉ. चेतना जैन (Dr. Chetna Jain, Director, Dept of Obstetrics & Gynecology Cloudnine Group of hospitals, Sector 14, Gurgaon) से बात की और उन्होंने हमें टीनएजर्स के लिए जरूरी वैक्सीनेशन की जानकारी दी।

टीनएजर्स के लिए जरूरी वैक्सीनेशन - Vaccination For Teenagers in Hindi

एचपीवी वैक्सीन - HPV Vaccine

डॉ.चेतना कहती है, “यह वैक्सीन खासतौर पर लड़कियों के बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि सर्वाइकल कैंसर की मुख्य वजह HPV (Human Papillomavirus) है। अगर समय रहते लड़कियों को वैक्सीनेशन लग जाए, तो भविष्य में होने वाली इस बीमारी से बचाया जा सकता है। अगर लड़की 9 से 14 साल के बीच है, तो वैक्सीन की दो डोज दी जाती है और 15 साल के बाद तीन डोज दिए जाते हैं। लड़कों को भी HPV के इंफेक्शन का खतरा रहता है। इसकी वजह से लड़कों को गले या एनस के कैंसर से बचाया जा सकता है। इसलिए लड़के को भी ये वैक्सीन जरूर लगवाएं।

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टेटनस, डिफ्थीरिया और परट्यूसिस - Tdap

डॉ. चेतना ने बताया कि टेटनस, डिफ्थीरिया और परट्यूसिस, ये बीमारियां बच्चों और बड़ों दोनों के लिए खतरनाक है। खासतौर से परट्यूसिस जैसी बीमारी शिशु और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकती है। अगर समय रहते टीनएजर्स को वैक्सीन लग जाए, तो इंफेक्शन का रिस्क कम हो जाता है। इस वैक्सीन को 11 से 12 साल की उम्र में लगवाया जाता है।

मेनिन्जाइटिस वैक्सीन - Meningococcal Vaccine

डॉ. चेतना कहती हैं, “ टीनएजर्स आमतौर पर भीड़भाड़ वाली जगहों पर रहना बहुत पसंद करते हैं। ऐसे टीनएजर्स के लिए मेनिन्जाइटिस वैक्सीन लगवाना बहुत महत्वपूर्ण है। इस बीमारी में टीनएजर्स को तेज बुखार और सिरदर्द होता है और इससे ब्रेन और रीढ की हड्डी बहुत ज्यादा प्रभावित होती है। अगर इस बीमारी का समय पर इलाज न किया जाए, तो ये जानलेवा भी हो सकता है। इसे 11 से लेकर 12 साल की उम्र में वैक्सीन दी जाती है और फिर 16 साल की उम्र में बूस्टर डोज दिया जाता है।

हेपेटाइटिस ए और बी - Hepatitis A & B

डॉ.चेतना के अनुसार, टीनएजर्स के लिए हेपेटाइटिस ए और बी दोनों वैक्सीन बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि Hepatitis A खराब पानी और खाने से फैलता है और टीनएजर्स सबसे ज्यादा बाहर का खाते हैं। हेपेटाइटिस B इंफेक्शन की सुई, असुरक्षित यौन संबंधों या इंफेक्टिड ब्लड से फैलता है। इन दोनों बीमारियों से लिवर पर असर पड़ता है। अगर इनका वैक्सीन छोटी उम्र में नहीं लगा, तो डॉक्टर की सलाह लेकर इसे टीनएज में इसे लगवा लें।”

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फ्लू वैक्सीन - Influenza Vaccine

डॉ. चेतना बताती हैं, “जिस तरह से भारत में कभी बारिश, कभी गर्मी और सर्दी का मौसम बदलता है, उसे देखते हुए फ्लू का वैक्सीन लगवाना फायदेमंद रहता है। बदलते मौसम में आम सा दिखने वाल सर्दी-जुकाम फ्लू का रूप कब ले लेता है, पता ही नहीं चलता। खासतौर पर जिन बच्चों को अस्थमा या एलर्जी की शिकायत रहती है, या फिर इम्युनिटी काफी कमजोर है, तो उन्हें गंभीर संक्रमण से बचाने के लिए फ्लू वैक्सीन काफी असरदार रहता है। इसे हर साल लगवाना चाहिए।”

निष्कर्ष

टीनएजर्स को वैक्सीन लगाकर उन्हें भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचाया जा सकता है। इसलिए पैरेंट्स को चाहिए कि वे अपने टीनएज बच्चों को वैक्सीन समय रहते लगवाएं और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें। अगर वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह के सवाल हो, तो अपने डॉक्टर से मिलें और उनसे वैक्सीन की पूरी जानकारी लें क्योंकि सवाल बच्चों की सेहत का और भविष्य से जुड़ी बीमारियों से सुरक्षा देना है।

उम्मीद है कि आपको लेख पसंद आया होगा। इस लेख का मकसद सिर्फ आपको जानकारी देना है।किसी भी तरह की सेहत से जुड़ी परेशानी हो तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

FAQ

  • बच्चों को कुल कितने टीके लगते हैं?

    भारत में बच्चों को 12 से 15 अलग-अलग टीके लगते हैं, जिनमें बीसीजी, हेपेटाइटिस बी, रोटावायरस, DTP, पोलियो, खसरा और कोविड-19 जैसे टीके शामिल हैं।
  • टीका लगने के बाद बुखार आने पर क्या करें?

    वैक्सीन लगाने के बाद बुखार आना एक सामान्य बात है। इससे पता चलता है कि शरीर इंफेक्शन से लड़ रहा है। बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल दे सकते हैं।
  • लड़कियों को HPV वैक्सीन क्यों लगवाना चाहिए?

    HPV वैक्सीन जननांग मस्सों और सर्वाइकल कैंसर से बचाता है। इसलिए लड़कियों को HPV का वैक्सीन जरूर लगवाना चाहिए ताकि भविष्य में कैंसर से बचाव हो सके।

 

 

 

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