
भारत में सर्वाइकल कैंसर रोकथाम की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए तमिलनाडु अब देश का पहला राज्य बन गया है, जो 1 से 14 साल की लड़कियों को मुफ्त HPV वैक्सीन देगा। राज्य सरकार ने इस योजना को मंजूरी दी है ताकि कम उम्र से ही लड़कियों को इस गंभीर बीमारी से सुरक्षा दी जा सके। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमणियन ने बताया कि सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए 38 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। यह वैक्सीन सभी सरकारी अस्पतालों और स्कूलों के माध्यम से दी जाएगी।
क्यों जरूरी है यह पहल
भारत में हर साल लगभग 1.25 लाख नई महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित होती हैं, जिनमें से करीब 70,000 महिलाओं की मौत हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार यह बीमारी समय पर टीकाकरण और नियमित जांच से पूरी तरह रोकी जा सकती है। सर्वाइकल कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में चौथा सबसे आम कैंसर है। वर्ष 2022 में इसके लगभग 6,60,000 नए मामले और लगभग 3,50,000 मौतें दर्ज की गईं।
सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) है, जो यौन संपर्क से फैलता है। WHO का कहना है कि अगर वैक्सीन 9 से 14 साल की उम्र में दे दी जाए, तो यह वायरस के संक्रमण से लगभग 90% तक सुरक्षा देती है। इसलिए तमिलनाडु सरकार ने इसे बचपन में ही लागू करने का फैसला किया है।
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सरकार ने क्या कहा
स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमणियन ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि तमिलनाडु की कोई भी लड़की भविष्य में इस बीमारी (सर्वाइकल कैंसर) से न गुजरे। वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि पहले चरण में यह अभियान स्कूलों और सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से शुरू होगा। आने वाले महीनों में इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
देश के लिए उदाहरण
भारत में अब तक कुछ राज्यों में यह वैक्सीन सीमित रूप से दी जा रही थी, लेकिन तमिलनाडु ने इसे राज्यव्यापी मुफ्त कार्यक्रम बनाकर बाकी राज्यों के लिए उदाहरण पेश किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी अगले साल से इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने पर विचार कर रहा है।
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HPV वैक्सीन किसके लिए?
WHO की नई गाइडलाइन्स के अनुसार HPV Vaccine इस प्रकार देनी चाहिए।
- 9 से 14 वर्ष की लड़कियों के लिए एक या दो डोज
- 15 से 20 वर्ष की लड़कियों और महिलाओं के लिए एक या दो डोज
- 21 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं के लिए 6 महीने के अंतराल पर दो डोज
यह वैक्सीन ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के खिलाफ सुरक्षा देती है, जो सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण है। इसे 9–14 साल की उम्र में देना सबसे प्रभावी माना जाता है। वैक्सीन लेने के बाद भी समय-समय पर पैप स्मीयर टेस्ट या सर्वाइकल स्क्रीनिंग जरूरी होती है।
तमिलनाडु की यह पहल दिखाती है कि रोकथाम ही इलाज से बड़ी है। कम उम्र में दी गई यह वैक्सीन न सिर्फ कैंसर का खतरा घटाएगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों की सेहत की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी।
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Oct 27, 2025 19:41 IST
Published By : Anurag Gupta