मसल्स बनाने के लिए प्रोटीन बेहद जरूरी है। प्रोटीन हमें मुख्य तौर पर 2 स्रोतों से मिलते हैं- पौधों से प्राप्त होने वाले आहार से और जानवरों से प्राप्त होने वाले आहार से। दोनों ही तरह के प्रोटीन हेल्दी माने जाते हैं और जवान लोगों के लिए दोनों का ही सेवन अच्छा माना जाता है। लेकिन वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक नई रिसर्च के बाद ये दावा किया है कि अगर उम्रदराज व्यक्ति अपने मसल्स बढ़ाना चाहते हैं और बॉडी को अच्छा शेप देना चाहते हैं, तो उनके लिए पौधों के बजाय जानवरों से प्राप्त होने वाला प्रोटीन ज्यादा फायदेमंद है। ये रिसर्च The Physiological Society द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में रखी गई है।
शाकाहार की तरफ बढ़ रहे हैं लोग
एक स्टडी के मुताबिक दुनियाभर में 40-50 की उम्र के बाद बहुत सारे लोग शाकाहारी बनने का फैसला ले रहे हैं। इसका कारण यह है कि इस उम्र के बाद धीरे-धीरे लोगों का स्वाद से ज्यादा सेहत की तरफ ध्यान आकर्षित होने लगता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि हम यह मानते हैं कि प्लांट बेस्ड डाइट (पौधों से प्राप्त होने वाला आहार) हेल्दी होता है और पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होता है, लेकिन हम ये नहीं जानते हैं कि ये हेल्दी डाइट उम्रदराज लोगों के मसल्स को मजबूत रखने में कितनी कारगर होती हैं। यही कारण है कि वैज्ञानिकों ये ये स्टडी किया और इसका पता लगाने की कोशिश की।
इसे भी पढ़ें: दूध या अंडा, किसका प्रोटीन है ज्यादा हेल्दी? क्या आप एक साथ अंडे और दूध का सेवन कर सकते हैं?
उम्र के साथ घटने लगती हैं मसल्स
विज्ञान के अनुसार बढ़ती उम्र के साथ व्यक्ति के शरीर में मांसपेशियों का घटना (Muscle Loss) शुरू हो जाता है। जो लोग शरीर से स्वस्थ भी होते हैं, उनके शरीर में भी 45-50 की उम्र के बाद मसल्स प्रोटीन बनाने वाले एमिनो एसिड्स कम होने लगते हैं। ये प्रोटीन हमें भोजन द्वारा मिलता है और शरीर इसे एमिनो एसिड में एक्सरसाइज के दौरान बदलता है। इसलिए उम्रदराज लोग अगर अपना खानपान सही रखें और थोड़ी एक्सरसाइज करते रहें, तो उनकी मसल्स लंबे समय तक मजबूत रहेंगी और स्वस्थ रहेंगी।
उम्रदराज लोगों को किस तरह का प्रोटीन खाना चाहिए?
The Physiological Society द्वारा आयोजित Future Physiology 2020 नामक कॉन्फ्रेंस में King’s College London के Oliver Witard ने ये रिसर्च प्रस्तुत की है। उन्होंने सोया और व्हीट (गेंहूं) से प्राप्त होने वाले प्रोटीन के बारे में कुछ फैक्ट्स रखते हुए बताया कि इनके सेवन से बूढ़े लोगों में मसल्स बनाने में अपेक्षाकृत ज्यादा समय लगता है। जबकि एनिमल बेस्ड प्रोटीन (जानवरों से प्राप्त होने वाले प्रोटीन) से कम समय लगता है। वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि ज्यादा बेहतर और बैलेंस डाइट का तरीका यह है कि आप एनिमल और प्लांट दोनों तरह के प्रोटीन को खाएं।
इसे भी पढ़ें: क्या सिर्फ रनिंग करके मसल्स बनाया जा सकता है? जानें दौड़ने से आपके मसल्स पर क्या प्रभाव पड़ता है
फिलहाल और अधिक रिसर्च की है जरूरत
ये अध्ययन अपने आप में महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि बुजुर्गो की मसल्स को बनाने में कैसी डाइट महत्वपूर्ण हो सकती है, इस बारे में बताती है। लेकिन इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने फिलहाल सिर्फ 2 ही प्लांट बेस्ड प्रोटीन (सोया और गेंहूं) का अध्ययन किया है। इसलिए अभी दूसरे प्लांट प्रोटीन्स जैसे- ओट्स, क्विनोआ और बाजरा आदि पर भी रिसर्च किए जाने की जरूरत है।
इस वैज्ञानिक रिसर्च से यह समझने में मदद मिलती है कि शाकाहार या मांसाहार का पुराना विवाद दरअसल कभी भी समाप्त न होने वाला विवाद है। इसलिए बेहतर यही है कि व्यक्ति को अपने भोजन में दोनों तरह के प्रोटीन्स को जगह देनी चाहिए।
Source: ANI
Read More Articles on Health News in Hindi