When Is Tooth Extraction Recommended In Hindi: टूथ एक्स्ट्रैक्शन उस प्रक्रिया को कहते हैं, जब किसी दांत की बीमारी के कारण दांत को डेंटिस्ट द्वारा निकलवा दिया जाता है। यह प्रक्रिया डेंटिस्ट या फिर ओरल सर्जन करता है। आमतौर पर दांत निकलवाने की प्रक्रिया दांत से जुड़े ट्रीटमेंट का आखिरी चरण होता है। पहले दांत में समस्या क्यों है और उसका ट्रीटमेंट क्या हो सकता है? इस संबंध में पूरी जानकारी हासिल की जाती है। अगर मरीज का दांत किसी वजह से सही नहीं हो पा रहा है और मसूड़ा भी प्रभावित हो रहा है, तो इस स्थिति में दांत को निकाला जा सकता है। हालांकि, यह जान लेना आवश्यक है कि वो कौन-सी वजहें हो सकती हैं, जब टूथ एक्स्ट्रैक्शन करवाना पड़ सकता है? इस बारे में हमने शारदा अस्पताल में Oral medicine and Radiology के Head of Department डॉ. हेमंत साहनी से बात की है।
दांतों में सड़न- Tooth Damage Due To Severe Decay
दांत में सड़न होने पर आमतौर पर डॉक्टर ट्रीटमेंट करते हैं। इसके लिए दवाईयां और जरूरी हो, तो क्लीनिंग प्रक्रिया की भी मदद ली जाती है। लेकिन, अगर दांतों की सड़न मसूड़ों को भी प्रभावित करने लगे और इसके ठीक होने की संभावना बिल्कुल न हो। दरअसल, दांतों में सड़न की वजह से मसूड़ों में संक्रमण होने लगते हैं। यह स्थिति बहुत गंभीर हो जाती है, जिसे ट्रीटमेंट करना आसान नहीं होता है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए टूथ एक्स्ट्रैक्शन की जरूरत पड़ सकती है।
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पीरियोडोन्टल रोग होने पर- Periodontal Disease
पीरियोडोन्टल बीमारी काफी गंभीर मानी जाती है। इसके होने पर न सिर्फ दांत प्रभावित होते हैं, बल्कि मसूड़े, काने के आसपास का हिस्सा और हड्डियों पर भी असर पड़ता है। पीरियोडोन्टल रोग होने पर मसूड़ों में सूजन हो जाती है, जिसमें तीव्र दर्द होता है। कई बार मसूड़ों से खून भी निकलने लगता है और प्रभावित हिस्सा लाल हो जाता है। इस तरह की समस्या का इलाज आमतौर पर संभव नहीं होता है। यही कारण है कि डॉक्टर जरूरत पड़ने पर टूथ एक्स्ट्रैक्शन कर सकते हैं।
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क्राउडेड टीथ होने पर- Crowded Teeth
जैसा कि आपको नाम से ही पता चल रहा होगा कि क्राउडेड टीथ का मतलब मुंह में ज्यादा संख्या में दांत का होना। दरअसल, कुछ लोगों के मुंह में विसडम टूथ निकलने पर मुंह में पर्याप्त जगह नहीं रह जाती है। ऐसी स्थिति में दांत एक के ऊपर एक चढ़ जाते हैं। मुंह में स्पेस कम रह जाता है। कई बार, तो क्राउडेड टीथ होने पर दांतों की पोजिशन बदल जाती है और खाने के कण अक्सर दांतों के बीच फंस जाते है। इस स्थिति में डॉक्टर दांतों के क्राउड को कम करने के लिए विसडम टूथ को रिमूव कर सकते हैं।
डेंटल इंजुरी होने पर- Dental Injuries
जरूरी नहीं है कि दांत से जुड़ी किसी बीमारी के होने पर ही टूथ एक्स्ट्रैक्शन किया जाता है। कई बार, दांतों में इंजुरी यानी चोट लगने पर भी ऐसा किया जाता है। अगर इंजुरी बहुत गंभीर है, जिससे दांतों में फ्रेक्चर हो गया है, जिसे रिपेयर किया जाना मुश्किल होता है। इस तरह की सिचुएशन में दांत की सेंसिटिविटी प्रभावित हो जाती है और मसूड़े भी सही तरह से काम नहीं कर पाते हैं। मरीज की कंडीशन के आधार पर सर्जन टूथ एक्स्ट्रैक्शन कर सकते हैं।
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