पिछले एक दशक में दुनियाभर के लोगों में कई तरह की बीमारियां बढ़ती ही जा रही हैं। विशेषकर कैंसर जैसी घातक बीमारी का ग्राफ पिछले 5 सालों में तेजी से ऊपर की ओर ही जा रहा है। कैंसर जैसी बीमारी की रोकथाम जरूरी है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है। अगर किसी व्यक्ति के खून में कैंसर हो जाता है तो इसे ल्यूकेमिया या ब्लड कैंसर कहा जाता है। लासेंट की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल 70 हजार लोगों की मौत ल्यूकेमिया के कारण होती है। ल्यूकेमिया के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए हर साल 4 सितंबर को विश्व ल्यूकेमिया दिवस मनाया जाता है।
भारत जैसे देश में जहां ल्यूकेमिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, वहां आज भी सिर्फ इसके कारण और लक्षण के बारे में बात की जाती है। ल्यूकेमिया के मरीजों को अपनी डाइट में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस विषय पर बहुत ही कम लोग बात करना चाहते हैं। विश्व ल्यूकेमिया दिवस के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं इस बीमारी में क्या खाना चाहिए और किन चीजों को खाने से परहेज करनी चाहिए। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने मुंबई के बोरीवली स्थित एचसीजी कैंसर सेंटर की हेमेटो ऑन्कोलॉजिस्ट और बीएमटी फिजिशियन, कंसल्टेंट हेमेटोलॉजिस्ट डॉ. अदिति शाह कासकर से बात की।
ल्यूकेमिया के मरीजों को क्या खाना चाहिए?- What should leukemia patients eat?
डॉ. अदिति शाह कासकर के अनुसार, ल्यूकेमिया के मरीजों की इम्यूनिटी काफी कमजोर हो जाती है। ऐसे मरीजों की जब कीमोथेरेपी की जाती है, तो इम्यूनिटी और भी ज्यादा कमजोर हो जाती है। इसीलिए ल्यूकेमिया के मरीजों को ऐसी चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व है, ताकि शरीर की इम्यूनिटी को रिकवर किया जा सके। ल्यूकेमिया के मरीजों को उबाला या प्रेशर कुक किया हुआ ही खाना खाने की सलाह दी जाती है। उबले हुए खाने को पचाने के लिए शरीर को कम मेहनत करनी पड़ती है, इसलिए वह उनके लिए फायदेमंद है। इस बीमारी से पीड़ित मरीज आलू, डॉक्टर द्वारा सुझाई गई सब्जियां, बीन्स, अंडे और मीट का भी सेवन कर सकते हैं।
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डॉ. अदिति शाह ने बताया, कीमोथेरेपी के कारण ल्यूकेमिया से पीड़ित लोगों को कई बार कब्ज और एसिडिटी का भी सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में मरीज को फाइबर का सेवन करने की सलाह दी जाती है। फाइबर युक्त आहार खाने से पाचन क्रिया में हो रही परेशानियों से बचा जा सकता है। फाइबर के लिए ल्यूकेमिया के मरीज सेब, सही तरीके से पकाया हुआ साबुत अनाज और ओटमील को आहार का हिस्सा बना सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ का कहना है कि ल्यूकेमिया के मरीजों को खाना पकाने के 1 से 2 घंटों के भीतर ही इसका सेवन करना चाहिए।
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क्या ल्यूकेमिया के मरीज फल खा सकते हैं?- Can leukemia patients eat fruits?
हमारे साथ बातचीत में इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ. अदिति शाह ने कहा कि ल्यूकेमिया या किसी भी अन्य कैंसर से पीड़ित मरीज फलों का सेवन डॉक्टर की सलाह पर कर सकते हैं। ल्यूकेमिया के मरीज, केला, सेब, नारंगी, मौसमी और अंगूर जैसे फलों का सेवन कर सकते हैं। इन फलों के छिलकों को आसानी से उतार इसे खाया जा सकता है। लेकिन इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को फलों का छिलका उतारने के तुरंत बाद ही इसे खाना है। वो फल जिसके छिलके 1 या 2 घंटे पहले भी उतारे गए हैं, उनका सेवन बिल्कुल नहीं करना।
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ल्यूकेमिया के मरीजों को क्या नहीं खाना चाहिए? - What should leukemia patients not eat?
डॉ. अदिति शाह के अनुसार, ल्यूकेमिया के मरीजों को फैट युक्त आहार का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इतना ही नहीं इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए कैल्शियम भी हानिकारक होता है। इस स्थिति में तेल, मसाले, दूध और दही जैसी चीजों से भी परहेज करना चाहिए।
ल्यूकेमिया के इलाज के दौरान मरीज की स्थिति क्या है इसके आधार पर भी आहार में बदलाव किए जाते हैं। इसलिए अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें।