हर साल 4 सितंबर को मनाया जाता है विश्व ल्यूकेमिया दिवस, जानें इस दिन का महत्व और इतिहास

ल्यूकेमिया के प्रति लोगों को जागरूक करने और यह बीमारी किसी व्यक्ति को कैसे प्रभावित कर सकती है, इसके उद्देश्य से विश्व ल्यूकेमिया दिवस मनाया जाता है। 
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हर साल 4 सितंबर को मनाया जाता है विश्व ल्यूकेमिया दिवस, जानें इस दिन का महत्व और इतिहास


हर साल 4 सितंबर को विश्व ल्यूकेमिया दिवस मनाया जाता है। ल्यूकेमिया जिसे आम भाषा में ब्लड और बोन मैरो का कैंसर कहा जाता है। यह कैंसर मुख्य रूप से बच्चों को किशोरों को प्रभावित करता है। ल्यूकेमिया दुनिया में 13वां सबसे आम कैंसर है। आंकड़ों के अनुसार, हर साल 4, 37,000 से ज्यादा लोगों में ल्यूकेमिया की पहचान की जाती है। यानि की दुनिया में रोजाना 1 हजार से ज्यादा मामले ल्यूकेमिया के आते हैं।

वहीं, हर साल ल्यूकेमिया के कारण 3,00,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। ल्यूकेमिया के प्रति लोगों को जागरूक करने और यह बीमारी किसी व्यक्ति को कैसे प्रभावित कर सकती है, इसके उद्देश्य से विश्व ल्यूकेमिया दिवस मनाया जाता है। विश्व ल्यूकेमिया दिवस के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं, इस दिन का इतिहास और इसकी थीम के बारे में। साथ ही यह भी जानेंगे कि ल्यूकेमिया के लक्षण क्या होते हैं, जिससे आपको बीमारी को पहचानने में आसानी हो।

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विश्व ल्यूकेमिया दिवस का इतिहास - History of World Leukemia Day

विश्व ल्यूकेमिया दिवस के इतिहास की बात करें, तो सबसे पहले ल्यूकेमिया जैसी गंभीर बीमारी का वर्णन एनाटॉमिस्ट और सर्जन अल्फ्रेड-आर्मंड-लुई-मैरी वेलपेउ ने 1827 में किया था। 1845 में पैथोलॉजिस्ट रुडोल्फ विरचो ने इस गंभीर बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी लोगों तक पहुंचाई। समय के साथ शोधकर्ताओं ओर डॉक्टरों ने ल्यूकेमिया के बारे में रिसर्च की और लगभग 1 दशक के बाद यह बीमारी क्यों और कैसे फैलती है, इसके बारे में पता लगाया। मुख्य रूप से 1947 के बाद ल्यूकेमिया के बारे में विस्तृत जानकारी डॉक्टर के पास थी। ल्यूकेमिया दिवस को मनाने की शुरुआत एक्यूट ल्यूकेमिया एडवोकेट्स नेटवर्क (एएलएएन), सीएलएल एडवोकेट्स नेटवर्क, सीएमएल एडवोकेट्स नेटवर्क और ल्यूकेमिया केयर द्वारा  की गई थी। विश्व ल्यूकेमिया दिवस को मनाने की शुरुआत 2004 में हुई थी। इसके बाद से हर साल 4 सितंबर को ल्यूकेमिया के प्रति लोगों में जागरूकता लाने और ल्यूकेमिया से प्रभावित लोगों के सामने क्या चुनौतियां हैं, इसके बारे में लोगों को बताना है।

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विश्व ल्यूकेमिया दिवस की थीम- World Leukemia Day Theme

इस साल विश्व ल्यूकेमिया दिवस किस थीम पर मनाया जाएगा, फिलहाल इसकी जानकारी किसी को नहीं है। 2023 में ल्यूकेमिया के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से इस दिन की थीम "ल्यूकेमिया आपके लिए क्या मायने रखता है?" रखा गया था। 

 

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ल्यूकेमिया के लक्षण क्या हैं? - What are the symptoms of leukemia?

ल्यूकेमिया के लक्षण बच्चे, किशोर और वयस्कों में अलग-अलग नजर आते हैं। ल्यूकेमिया के आम लक्षणों में शामिल हैं : 

    • आसानी से थक जाना
    • बुखार या रात में पसीना आना
    • बार-बार संक्रमण होना
    • सांस लेने में कठिनाई
    • त्वचा का पीला पड़ना
    • गर्दन, बगल, कमर या पेट में सूजी हुई लिम्फ नोड्स
    • त्वचा पर छोटे लाल धब्बे जैसे दिखाई देना भी ल्यूकेमिया का एक लक्षण है। 

  • अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण अपने अंदर नजर आता है, तो इस विषय पर अपने डॉक्टर से बात करें।

All Image Credit: Freepik.com

 

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