मिर्गी शब्द के बारे सुनते-पढ़ते ही हम डर जाते हैं, क्योंकि यह कोई सामान्य समस्या नहीं है। बच्चे को मिर्गी आने का मतलब है कि उसकी ब्रेन एक्टिविटी में किसी न किसी तरह असामान्यता है। आमतौर पर बच्चों को मिर्गी के दौरे कई कारणों से पड़ सकते हैं, जैसे मस्तिष्क में इंफेक्शन, सिर पर चोट लगना, तेज बुखार या आनुवांशिक कारण आदि। इसके अलावा, शरीर में सोडियम की मात्रा या ब्लड शुगर का स्तर कम होने पर भी मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं। बहरहाल, ऐसा किसी भी बच्चे के साथ हो सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि हर पैरेंट्स अपने बच्चे की सेहत को ट्रैक करें और यह जानकारी रखें कि अगर बच्चे को दौरे पड़ जाए, तो उन्हें तुरंत क्या करना है? इस संबंध में हमने नोएडा सेक्टर 27 स्थित कैलाश अस्पताल में Sr. Consultant - Paediatrics डॉ. अंकुर चावला से बात की। जवाब जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
बच्चे को दौरा पड़ने पर क्या करें
मन शांत रखें
डॉ. अंकुर चावला सलाह देते हैं, "इसमें कोई दो राय नहीं है कि जब बच्चे को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं, तो ऐसे में पैरेंट्स घबरा जाते हैं और उन्हें समझ नहीं आता है कि अब क्या करना है? इस तरह की स्थिति में आप घबराए नहीं। खुद को शांत रखने की कोशिश करें। जब आप शांत रहेंगे, तो बच्चे की पूरी मदद कर सकेंगे और जरूरी हो, तो डॉक्टर के पास ले जा सकेंगे।"
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सेफ्टी का रखें ध्यान
डॉ. अंकुर चावला आगे बताते हैं, "कई बार ऐसा होता है कि बच्चे को मिर्गी के दौरे पड़ने पर उसे सिर या शरीर के किसी हिस्से में चोट लग जाती है। यह चोट गंभीर भी हो सकती है। ऐसा बच्चे के साथ न हो, इसलिए दौरा पड़ने पर बच्चे को जमीन पर लेटाने की कोशिश करें। ध्यान रखें कि उसके आसपास कोई नुकीली वस्तु न हो, ताकि उसे चोट लगने का रिस्क कम हो सके। विशेषकर, बच्चे के सिर की सेफ्टी का ध्यान रखें।"
कपड़े ढीले करें
डॉ. अंकुर चावला की मानें, "जब बच्चे को मिर्गी के दौरा पड़े, तो पैरेंट्स को चाहिए कि तुरंत उसके कपड़े ढीले कर दें। ऐसा करने से बच्चे को सांस लेने में आसानी होगी और दौरे के दौरान किसी अन्य अनहोनी का रिस्क कम हो जाएगा। साथ ही, बच्चे की गर्दन सीधी रखें, ताकि एयरवेज क्लियर रहे और बच्चे को मिर्गी के दौरान सांस लेने में दिक्कत न हो। इस दौरान जरूरी है कि पैरेंट्स बच्चे के चेहरे के कलर को नोटिस करें। अगर बच्चे का चेहरा नीला पड़ जाए, तो यह सही संकेत नहीं है।"
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टाइम नोट करें
बच्चे को कितनी देर के लिए मिर्गी का दौरा आ रहा है, इस समयावधि को नोटिस करना जरूरी है। यह इसलिए जरूरी है, ताकि पैरेंट्स इस संबंध में डॉक्टर को सही सूचना दे सके और बच्चे की ट्रीटमेंट में मदद मिले। हां, पैरेंट्स के लिए जरूरी है कि वे इस बात का भी ध्यान रखें कि मिर्गी पड़ने के दौरान बच्चे के मुंह में कुछ न डालें। यह जानलेवा साबित हो सकता है।
डॉक्टर से संपर्क करें
बच्चे को मिर्गी के दौरे पड़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मिर्गी के दौरान बच्चे के शरीर में किस-किस तरह के बदलाव हुए हैं, चेहरे का रंग तो नहीं बदला या अन्य इसी तरह की सभी जरूरी बातों पर गौर करें। डॉक्टर द्वारा पूछे जाने पर हर सवाल का जवाब दें। इससे बच्चे ट्रीटमेंट में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, अगर बच्चे को कोई अन्य समस्या है, तो इस बारे में भी डॉक्टर को बताएंगे।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, कहने की बात ये है कि अगर बच्चे को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं, तो इसे बिल्कुल हल्के में न लें और न ही बच्चे के स्वास्थ्य के साथ किसी तरह की लापरवाही करें। जैसे ही बच्चे को मिर्गी का दौरा पड़े, तुरंत ऊपर बताए गए टिप्स पर अमल करें। अगर बच्चे को 5 मिनट से ज्यादा मिर्गी का दौरा पड़ रहा है, तो यह सही संकेत नहीं है। इस संबंध में डॉक्टर हर छोटी-बड़ी बात बताएं।
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Oct 03, 2025 15:50 IST
Modified By : Meera TagoreOct 03, 2025 15:50 IST
Published By : Meera Tagore