बच्चों की आंखों का लाल होना बहुत ही सामान्य समस्या है। इसे हम पिंक आई या कंजक्टिवाटिस भी कहते हैं। जब कंजंक्टिवा में सूजन हो जाती है, तभी बच्चों को इस तरह की समस्या होने लगती है। आंख के सफेद भाग और भीतरी पलकों को ढकने वाली ट्रांसपैरेंट झिल्ली को कंजंक्टिवा कहते हैं। यूं तो इस तरह की परश्ेानियां गंभीर नहीं होती हैं और कुछ दिनों में अपन आप ठीक हो जाती है। लेकिन, बच्चों की अंखों के लाल होने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। इससे बच्चे की असहजता बढ़ जाती है। उन्हें आंखों में खुजली और दर्द भी हो सकता है। तो ऐसी स्थिति में पैरेंट्स को क्या करना चाहिए? इस लेख में हम आपको न सिर्फ यह बताएंगे कि बच्चों की आंखों का लाल होने के क्या कारण हो सकते हैं, बल्कि यह भी जानेंगे कि इस स्थिति में पैरेंट्स क्या करें। आइए, जानते हैं दिल्ली स्थित जिविशा क्लिनिक में Pediatrician डॉ. अंकित गुप्ता से।
बच्चों की आंखों लाल होने के कारण- What Causes Red Eye In Babies In Hindi
कंजक्टिवाटिस
इसका जिक्र हम पहले ही कर चुके हैं। कंजक्टिवाटिस बच्चों की आंखों के लाल होने एक सामान्य कारण है। आपको बता दें कि कई तरह के कंजक्टिवाटिस होते हैं, जैसे बैक्टीरियल कंजक्टिवाटिस, वायरल कंजक्टिवाटिस आदि। ध्यान रखें कि कंजक्टिवाटिस संक्रामक है। यह एक बच्चे से दूसरों को आसानी से हो सकता है। इस तरह की स्थिति में कई बार बच्चों की आंखों में बार-बार पानी आने लगता है और बैक्टीरियल कंजक्टिवाटिस होने पर आंखों से पीला पदार्थ निकलने लगता है।
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एलर्जी
कभी-कभी बच्चे की आंखों को किसी चीज से एलर्जी होती है। इसे हम एलर्जिक कंजक्टिवाटिस कहते हैं। बच्चों को पोलन, धूल-मिट्टी जैसी कई चीजों से एलर्जी हो सकती है। एलर्जिक कंजक्टिवाटिस होने पर आंखें लाल हो जाती हैं, खुजली होने लगती है और आंखों से बार-बार पानी आने की दिक्कत भी महसूस होती रहती है। यह स्थिति छोटे बच्चों को बहुत ज्यादा परेशान रखती है।
स्क्रीन टाइम
इस समस्या से मौजूदा समय में हर पैरेंट्स वाकिफ हैं। आजकल बच्चे बहुत ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताते हैं। इससे आंखें कमजोर हो जाती हैं, आंखों में रेडनेस और इचिंग की समस्या भी होने लगती है। यही नहीं, कभी-कभी स्क्रीन टाइम ज्यादा होने पर बच्चों की आंखों और सिर में दर्द भी शुरू हो जाता है। बच्चों की आंखें खराब न हो, इसके लिए पैरेंट्स को चाहिए कि बच्चे की स्क्रीन टाइम को लिमिट करें। जितना संभव हो, बच्चों को आउटडोर गेम्स खेलने को कहें।
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ब्लेफेराइटिस
यह एकमात्र आंखों से जुड़ी बीमारी है। इस बीमारी के होने पर पलकों में सूजन हो जाती है। इसकी वजह से पलकों के किनारें और रोमछिद्र प्रभावित होते हैं। ध्यान रखें कि ब्लेफेराइटिस होने पर बच्चों की आंखें लाल हो जाती हैं, जिसमें इचिंग और दर्द होने लगता है। आपको शायद यह जानकर हैरानी हो कि ब्लेफेराइटिस के कारण पलकों की बेस पर डैंड्रफ जैसी समस्या होने लगती है। यह बैक्टीरियल इंफेक्शन या किसी तरह की मेडिकल कंडीशन की वजह से हो सकती है।
बच्चे की आंखें लाल होने पर पैरेंट्स क्या करें?- What To Do If Your Baby Has A Red Eye In Hindi
- बच्चों की आंखें लाल होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
- बच्चों की आंखों को साफ रखना चाहिए।
- संभव हो, तो बच्चे की आंखों की गर्म सिंकाई करें।
- बच्चे को आंखें रगड़ने न दें। इससे कंडीशन बिगड़ सकती है।
- आंखें लाल होने के साथ-साथ इसके अन्य लक्षणों पर भी गौर करें।
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