Rubella Virus During Pregnancy in Hindi: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई कठिनाइयो का सामना करना पड़ता है। इस दौरान उन्हें कई प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में वायरस और इंफेक्शन होना का भी जोखिम रहता है। कुछ महिलाएं प्रेग्नेंसी में रूबेला वायरस से संक्रमित रहती हैं। जो गर्भ में पल रहे शिशु के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। प्रेग्नेंसी में यह अन्य भी कई तरीकों से नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसके इलाज के लिए कोई विशेष या प्रभावी दवा अबतक नहीं बन पाई है। आइये जानते हैं रूबेला वायरस क्या है और प्रेग्नेंसी में यह कैसे खतरनाक होता है।
क्या है रूबेला वायरस?
बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ, गुरुग्राम की सीनियर कंसल्टेंट एड हेड डॉ. प्राची बनेरा के मुताबिक रूबेला वायरस एक प्रकार का इंफेक्शन है। यह एक RNA वायरस है, जिसके अंतर्गत कई वायरस और संक्रमण आते हैं। इस वायरस से संक्रमित होने के बाद व्यक्ति में रैशेज की समस्या हो सकती है। इसे आमतौर पर जर्मन मीसल्स के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर चेहरे पर लालिमा आने से इस वायरस की शुरुआत होती है। ऐसे में बुखार, सूजन और सिर दर्द हो सकता है। यह समस्या एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है।
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प्रेग्नेंसी में रूबेला होने पर बच्चे पर असर पड़ता है?
प्रेग्नेंसी में अगर महिला इस वायरस से संक्रमित हो जाती हैं तो संभव है कि भ्रूण में पल रहे शिशु को भी इससे संक्रमण हो सकता है। अगर प्रेग्नेंसी के शुरुआती 3 महीने के भीतर मां को रूबेला वायरस हो तो बच्चे को कंजेनाइटल रूबेला सिंड्रॉम (Congenital Rubella Syndrome) हो सकता है। यह सिंड्रॉम आमतौर पर शिशु को मां से मिलता है। यह तब होता है जब प्रेग्नेंसी के दौरान मां रूबेला वायरस से संक्रमित हो।
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बच्चे के लिए कैसे होता है नुकसानदायक?
- इस स्थिति में बच्चे को कंजेनाइटल कैटेरेक्ट हो सकता है, जिसमें आंखों में मौजूद लेंस बचपन से ही धुंधला हो जाता है।
- ऐसे में बच्चे को सेंसिन्यूरल हियरिंग लॉस हो सकता है। इस स्थिति में बच्चे को सुनने में कठिनाई हो सकती है।
- मां के रूबेला वायरस पॉजिटिव होने पर बच्चे को पल्मोनरी स्टिनॉसिस हो सकता है, जिसमें हार्ट से जुड़ी समस्या हो सकती है।
- रूबेला वायरस से बचने के लिए आपको रूबेला की वैक्सीन लगवानी चाहिए। इससे शरीर को रूबेला से लड़ने की पर्याप्त क्षमता मिलती है।