मानसून के आने से तपती गर्मी से राहत मिल रही है लेकिन मौसम के बदलने के साथ-साथ हमें अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में भी जरूरी बदलाव करने चाहिए। जब एक ऋतु समाप्त होती है और दूसरी ऋतु शुरू होती है तो इस दौरान के समय को आयुर्वेद में ऋतु संधि कहा गया है। ऋतु संधि एक महत्वपूर्ण समय होता है, यह समय शारीरिक और मानसिक स्थिति पर प्रभाव डालता है। आयुर्वेद में ऋतुओं के अनुसार लोगों को जीवनशैली और खानपान में बदलाव करने की सलाह दी जाती है, अगर व्यक्ति ऋतुओं के अनुसार बदलाव नहीं करते हैं तो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) ऋतु संधि के बारे में बता रहे हैं।
ऋतु संधि क्या है?
ऋतु संधि वह समय होता है जब एक ऋतु समाप्त होती है और दूसरी ऋतु शुरू होती है, जैस कि वर्तमान समय में ग्रीष्म ऋतु समाप्त हुई है और वर्षा ऋतु शुरू हुई है तो इस दौरान जो समय चल रहा है, यह ऋतु संधि है, जिसकी अवधि लगभग 15 दिनों की होती है। डॉक्टर ने आसान भाषा में समझाने के लिए बताया कि जब एक ऋतु समाप्त होती है और दूसरी ऋतु शुरू होती है तो इसके आगे और पीछे के हफ्ते का समय यानी जहां दोनों ऋतुओं का मिलन होता है उसे ऋतु संधि कहा जाता है। इसमें बताया जाता है कि लोगों को पिछली ऋतु के आहार और विहार यानी डाइट और लाइफस्टाइल को त्यागकर नई ऋतु के अनुसार बदलाव करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि अगर आप मौसम के अनुसार लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव नहीं करेंगे और बैंलेंस डाइट नहीं लेंगे तो शरीर को सही पोषण प्राप्त नहीं होगा। ऋतु संधि का समय शारीरिक और मानसिक स्थिति में बदलाव लाता है। ऋतु संधि के दौरान शरीर में तीनों दोषों वात, पित्त और कफ के बिगड़ने की संभावना अधिक होती है। इस वजह से लोगों को अपने आहार और जीवनशैली पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
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ऋतु संधि में क्या करें
आहार
1. ताजे फल और सब्जियां खाएं और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। इस मौसम में मिलने वाले फलों जैसे कि जामुन, आलूबुखारा अनानास और चेरी आदि का सेवन जरूर करें।
2. इस दौरान आपको आहार में हल्की चीजों को शामिल करना चाहिए, जो कि सुपाच्य हों।
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व्यायाम और ध्यान
1. आयुर्वेद के अनुसार, इस समय में व्यायाम और ध्यान रोजाना करें।
2. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए योग और प्राणायाम का अभ्यास करें।
3. नियमित रूप से पर्याप्त नींद लें और दिनचर्या का पालन करें।
ऋतु संधि में क्या न करें
1. अधिक तले हुए, मसालेदार और तीखे भोजन से बचें। खासतौर पर गरम मसालों का सेवन इस दौरान नहीं करना चाहिए।
2. जो लोग गर्मियों में आइसक्रीम और अन्य ठंडी चीजों का सेवन करते थे उन्हें इस समय इन चीजों से परहेज करना चाहिए।
3. जीवनशैली में जरूरी बदलाव करें और रोजाना समय से सोएं और उठें।
4. समय-समय पर आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
यह आयुर्वेदिक सलाह न केवल हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक है, बल्कि त्वचा और बालों के लिए भी लाभकारी है।
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