Doctor Verified

क्या मानसून में जौ की रोटी का सेवन करना चाहिए? आयुर्वेदाचार्य से जानें फायदे और नुकसान

जौ की गिनती हल्के अनाजों में होती है, जिस वजह से इसका सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होता है। यहां जानिए, क्या मानसून में जौ की रोटी का सेवन करना चाहिए?
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या मानसून में जौ की रोटी का सेवन करना चाहिए? आयुर्वेदाचार्य से जानें फायदे और नुकसान


सेहतमंद रहने के लिए डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट डाइट में सब्जियों और फलों के साथ-साथ कई तरह के अनाजों को शामिल करने की सलाह देते हैं। जैसे कि गर्मियों में लोग जौ का सेवन करना शुरू कर देते हैं, जौ को डाइट में दलिया और रोटी के रूप में शामिल किया जा सकता है। लेकिन अब मानसून शुरू हो चुका है, ऐसे में कई लोगों का सवाल होता है कि क्या मानसून में जौ की रोटी का सेवन करना चाहिए। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की है। डॉक्टर श्रेय ने मानसून में जौ खाना चाहिए या नहीं और इसे खाने के फायदे-नुकसानों के बारे में बताया है।

क्या मानसून में जौ की रोटी का सेवन करना चाहिए?

डॉक्टर श्रेय ने बताया कि मानसून के मौसम में जौ की रोटी का सेवन बिल्कुल किया जा सकता है। डॉक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि सिर्फ बहुत ज्यादा सर्दी के मौसम यानी नवंबर, दिसंबर, जनवरी और फरवरी के महीनों में जौ का सेवन करने से परहेज करना चाहिए, इन महीनों के अलावा बाकी पूरे साल जौ की रोटी का सेवन किया जा सकता है। डॉक्टर ने बताया कि जौ एक हल्का अनाज है, ऐसे में यह पाचन के लिए भी आसान है। खासतौर पर मानसून के मौसम में जब पेट की अग्नि मंद हो जाती है तो ऐसे में जौ के आटे से बनी रोटी का सेवन पेट के लिए लाभकारी रहता है। हालांकि, डॉक्टर ने ये भी बताया है कि ये व्यक्ति के शरीर की अग्नि पर भी निर्भर होता है कि उसके लिए किस मौसम में जौ की रोटी का सेवन लाभकारी रहेगा। 

इसे भी पढ़ें: चेहरे पर लगाएं जौ का फेस पैक, स्किन को मिलेंगे कई फायदे

Jau

जौ की रोटी के फायदे

1. जौ में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन तंत्र को सुधारता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है।

2. डायबिटीज के मरीजों के लिए जौ की रोटी लाभकारी होती है। यह शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है। जौ के आटे को चने और गेहूं के आटे के साथ मिलाकर रोटी बना सकते हैं।

3. जौ की रोटी कम कैलोरी और हाई फाइबर युक्त होती है, जो भूख को कंट्रोल करती है और वजन घटाने में सहायक होती है।

4. जौ में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स हार्ट को हेल्दी रखने में सहायक होते हैं और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: गर्मियों में इस तरह बनाकर पिएं जौ का सत्तू, सेहत को मिलेंगे कई फायदे

मानसून में जौ की रोटी के संभावित नुकसान

1. मानसून के दौरान नमी के कारण जौ में फंगस का खतरा बढ़ सकता है। इससे पेट में इंफेक्शन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

2. आयुर्वेद के अनुसार, जौ वात दोष को बढ़ा सकता है। इसलिए, वात प्रकृति वाले व्यक्तियों को मानसून में इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।

आयुर्वेद के अनुसार सेवन कैसे करें

1. जौ को अच्छे से धोने के बाद सुखाकर इस्तेमाल करें ताकि फंगस और बैक्टीरिया का खतरा कम हो।

2. मानसून में आप जौ के आटे के साथ अन्य अनाजों को मिलाकर भी रोटी बना सकते हैं।

जौ की रोटी सेहत के लिए बेहद लाभदायक होती है। लेकिन मानसून के मौसम में इसके सेवन के दौरान कुछ सावधानियों का पालन करना जरूरी है। 

All Images Credit- Freepik

Read Next

क्या मानसून में सत्तू का सेवन करना चाहिए? आयुर्वेदाचार्य से जानें फायदे और नुकसान

Disclaimer