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हाथों और पैरों की उंगलियों का बदलता रंग हो सकता है Raynaud's Syndrome का संकेत, जानें क्या है यह स्थिति

रेनॉड सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के कुछ हिस्से सुन्न पड़ जाते हैं। डॉक्टर से समझें इस समस्या के बारे में।
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हाथों और पैरों की उंगलियों का बदलता रंग हो सकता है Raynaud's Syndrome का संकेत, जानें क्या है यह स्थिति


What Is Raynaud Syndrome: क्या सर्दियों में आपके हाथ-पैर भी सुन्न हो जाते हैं? क्या सर्दियों में आपकी उंगलियों का रंग भी बदलने लगता है? अगर हां, तो आपको रेनॉड सिंड्रोम के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। रेनॉड सिंड्रोम एक प्रकार की स्थिति है जिसमें ठंड के ज्यादा संपर्क में आने के कारण हाथ-पैरों की उंगलियां सुन्न हो जाती है। इसके कारण हाथ-पैरों की उंगलियों के रंग में भी बदलाव आता है। जो लोग ज्यादा ठंडे वातावरण में रहते हैं या सर्दियों में बर्फ में घूमने जाते हैं, उन्हें इस स्थिति का खतरा रहता है। यह स्थिति कुछ घंटों से शुरू होकर दिनों में भी बदल सकती है। इसलिए इसके बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है। इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने वैशाली स्थित मैक्स हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक्स एवं जॉइंट रिप्लेसमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. अखिलेश यादव से बात की।

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रेनॉड सिंड्रोम की स्थिति किस तरह होती है?

रेनॉड सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगती है। यह स्थिति कम तापमान में ज्यादा समय तक रहने के कारण हो सकती है। ऐसे में ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगते हैं जिस कारण ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है। इस कारण शरीर के कुछ हिस्सों जैसे कि हाथों और पैरों की उंगलियों, कान और नाक तक ब्लड फ्लो धीमा होता जाता है। ऐसे में शरीर के जिस हिस्से में ब्लड फ्लो रुकता है, उसका रंग सफेद या नीला होने लगता है। इसके अलावा वो हिस्सा ठंडा और सुन्न भी पड़ सकता है। कुछ स्थिति में खुजली और जलन भी हो सकती है।

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रेनॉड सिंड्रोम के कारण- Causes of Raynaud Syndrome

प्राथमिक रेनॉड- Primary Raynaud

एक्सपर्ट के मुताबिक प्राथमिक रेनॉड अपने आप होता है। लेकिन शुरुआत में यह हल्का होता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इसकी वजह स्ट्रेस या सर्दी से जुड़ी हो सकती है।

सेकेंडरी रेनॉड- Secondary Raynaud

यह किसी बीमारी या दूसरे मेडिकल कारणों जैसे कि स्क्लेरोडर्मा, ल्यूपस, रुमेटीइड गठिया या कुछ दवाओं के कारण हो सकता है।

ट्रिगर करने वाली चीजें- Trigger

कुछ चीजों के कारण यह समस्या होने का खतरा रहता है। हर व्यक्ति के लिए रेनॉड सिंड्रोम की वजह भी अलग हो सकती है। एक्सपर्ट के मुताबिक यह स्थिति ठंड, तनाव, स्मोकिंग या कैफीन इंटेक बढ़ने के कारण हो सकती है। ऐसे में इसके कारण अटैक आ सकते हैं।

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रेनॉड सिंड्रोम से कैसे बचें?

  • रेनॉड सिंड्रोम से बचने के लिए आप इन तरीकों को अपना सकते हैं-
  • ज्यादा ठंड होने पर रूम हीटर या आग सेकने से आपको मदद मिलेगी।
  • वातावरण में तापमान कम होने पर बाहर न निकलें। कोशिश करें कि आप खुद को ठंड से दूर रखें।
  • इस स्थिति से बचने के लिए शरीर को कवर रखें जिससे शरीर में गरमाहट बनी रहे।
  • स्ट्रेस कंट्रोल करें और स्मोकिंग अवॉइड करें। इससे रेनॉड सिंड्रोम बार-बार होने का खतरा कम होता है।

अगर यह स्थिति बार-बार हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे समस्या को बढ़ने से बचा सकते हैं। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो शेयर करना न भूलें।

 

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