ओवुलेशन टेस्ट किट क्या होती है और कैसे इस्तेमाल करते हैं?

ओवुलेशन टेस्ट किट से आपको एचएल हार्मोन की वृद्धि के बारे में पता चल सकता है और आप आसानी से प्रेगनेंट हो सकती हैं। 
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ओवुलेशन टेस्ट किट क्या होती है और कैसे इस्तेमाल करते हैं?


ओवुलेशन के बारे में लोग कई बातें जानने को लेकर उत्सुक होते हैं ताकि वह अपनी परेशानी दूर कर सकें। इसके अलावा इसके टेस्ट किट और जांच के परिणामों को लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं। किसी भी चीज की जानकारी का अभाव आपके लिए परेशानी का कारण भी बन सकता है। इसके लिए इस लेख में हम आपको ओवुलेशन क्या होता है (What is ovulation) और उसके टेस्ट से जुड़े सभी तरह के सवालों का जवाब देंगे। ओवुलेशन वह समय होता है, जब महिलाओं के शरीर में अंडे पुरूष शुक्राण से मिलने के लिए तैयार होते हैं। यह समय 12 से 24 घंटे का होता है। इसमें अंडे ओवरीज से सीजनल साइकिल के समय निकलते हैं। हर महीने महिला के अंडकोष से लगभग 15 से 20 अंडे निकलते हैं और यह फैलोपियन ट्यूब से होते हुए गर्भाश्य तक पहुंचते हैं। अगर इस समय यौन संबंध स्थापित किया जाता है, तो पुरूष शुक्राण अंडे से मिलते हैं, तभी एक महिला गर्भधारण कर सकती है। अगर आपको रेगुलर पीरियड्स आते हैं, तो आपके ओवुलेशन का समय तय होता है। हालांकि जिन महिलाओं में पीरियड्स का समय तय नहीं होता है। उनमें ओवुलेशन में परेशानी होती है। इसलिए ओवुलेशन के लिए आपको पीरियड्स के सही चक्र पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है। 

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ओवुलेशन किट का इस्तेमाल कैसे करते हैं (How to uses ovulation kit)

ओवुलेशन किट को आप प्रेडिक्टर किट के रूप में भी जाना जाता है। यह आपको बता सकता है कि ओवुलेशन कब हो सकता है और किस समय आपको यौन संबंध स्थापित करना चाहिए ताकि आप आसानी से गर्भवती हो सकें। ओवुलेशन किट ओवुलेशन होने वाले ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एचएल) का पता लगाता है। यह आपके मूत्र में एलएच में वृद्धि का पता लगाती है और ओवुलेशन का कब आ सकता है, इसके बारे में पहले से बता सकती है। इस टेस्ट किट की मदद से पता चल सकता है कि आपका शरीर पीरियड्स चक्र से निकलकर अब शिशु-निर्माण के क्रम में प्रवेश कर रहा है। यह टेस्ट आपको एलएच हार्मोन की वृद्धि के बारे में बताता है और गर्भधारण के लिए यह समय सबसे अच्छा माना जाता है। 

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किट कैसे काम करती है ? (How Ovulation kit works) 

इस किट में दो लाइनें होती हैं। एक लाइन कंट्रोल लाइन है। यह आपको बता सकती है कि किट काम कर रही है या नहीं। दूसरी लाइन टेस्ट लाइन होती है। अगर जांच के बाद परीक्षण लाइन का रंग नियंत्रण रेखा की तुलना में अधिक गहरे रंग की होती है, तो यह एचएल हार्मोन की वृद्धि का संकेत होता है। इस समय आप यौन संबंध स्थापित कर सकते हैं। ये तो बात हो गई कि अगर आपका रिजल्ट पॉजिटिव है, तो आपको टेस्ट लाइन कंट्रोल लाइन से गहरी नजर आ सकती है लेकिन अगर टेस्ट निगेटिव आती है, तो इसमें टेस्ट लाइन कंट्रोल लाइन से हल्की होती है। इसका मतलब होता है कि आपके शरीर में एचएल हार्मोन में वृद्धि नहीं हुई है। ऐसे में आपको रोजाना टेस्ट करते रहना चाहिए। अगर बात करें कि किन स्थितियों में आप ये समझेंगे कि टेस्ट सही तरीके से नहीं हो पाया, तो ऐसे में आपको रिजल्ट में कोई रेखा दिखाई नहीं देती है, मतलब अगर आपको कंट्रोल लाइन नहीं दिखती है, तो आपने गलत तरीके से टेस्ट कर रहे हैं। इसके लिए आप दोबारा 5 से 10 मिनट के बाद टेस्ट कर सकते हैं। हालांकि आपको सेम स्ट्रिप का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए बल्कि इसे फेंक देना चाहिए। भूलकर भी इसका दोबारा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 

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ओवुलेशन टेस्ट के प्रकार 

1. यूरीन बेस्ड ओवुलेशन टेस्ट किट

2. सलाइवा ओवुलेशन प्रेडिक्शन टेस्ट किट

(All Image Credit- Freepik.com)

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