देश की अधिकतर महिलाएं अपने शरीर में होने वाले बदलावों व उनकी वजहों के बारे में अवगत नहीं होती। अगर महिलाओं को अपनी उम्र के साथ अपने शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में पता हो तो वे लंबे अरसे तक स्वस्थ रह सकती हैं और अपनी सेहत दुरुस्त रख सकते हैं। महिलाओं के शरीर में उम्र के साथ होने वाले बदलावों में से एक है ओवुलेशन। यह विशेषकर उन महिलाओं के लिए जरूरी हैं, जो मां बनना चाहती है।
ओवुलेशन, महिला के जीवन में अहम भूमिका अदा करता है। ओवरी से अण्डे के बाहर आने की क्रिया को ओवुलेशन कहा जाता है। महिलाओं में यह प्रक्रिया मासिक चक्र के दौरान होती है। अगर कोई महिला गर्भधारण करना चाहती है तो उस लिहाज से यह पीरियड सबसे अच्छा माना जाता है। ओवुलेशन की सही जानकारी से कई फायदे हो सकते हैं और महिलाएं आसानी से गर्भधारण कर सकती हैं। वहीं अगर ओवुलेशन के दौरान यौन संबंध न बनाये जाएं तो बर्थ कंट्रोल करना आसान होता है।
ओवुलेशन के बारे में पढ़ी लिखी महिलाएं तक अवगत नहीं है यही कारण है कि उन्हें कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जेपी हॉस्पिटल के ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनाकॉलॉजिस्ट की एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर ज्योति मिश्रा ने ओवुलेशन के बारे में कई जानकारियां साझा है की हैं, जिसकी जानकारी महिलाओं को होना बेहद जरूरी है विशेषकर उन्हें जो गर्भधारण का सपना संजोए हुए हैं।
ओवुलेशन के बारे में बताते हुए डॉ. ज्योति मिश्रा ने कहा कि महिलाओं में ओवुलेशन मूल रूप से अंडे के ओवरी से बाहर आने को कहते हैं। यानी यह गर्भधारण के लिए उपायुक्त समय होता है। पीरियड शुरु होने के 12वें से 16वें दिन होती है और जिन महिलाओं को अनियमित पीरियड की समस्या होती है उनके ओवुलेशन का समय अलग होता है।
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ओवुलेशन के लक्षण
- इन दिनों में शरीर में सामान्य दिनों की तुलना में अधिक तापमान होता है।
- यौन संबंध की प्रबल इच्छा होती है।
- योनि स्राव अन्य दिनों की तुलना में ओवुलेशन के बाद गाढ़ा व चिपचिपा हो जाता है।
ओवुलेशन का पता कैसे लगाएं
इसके अलावा ओवुलेशन का पता लगाने वाले उपकरण से भी इसकी जांच की जा सकती है। यह उपकरण महिलाओं के यूरिन में ल्युटिनाइज़िंग हार्मोन के स्तर की जांच कर यह निश्चित कर देता है कि ओवुलेशन हुआ है या नहीं, इस उपकरण से आप 12 से 24 घंटे पहले ओवुलेशन का पता लगा सकते हैं।
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इस स्थिति में महिलाओं के शरीर में क्या बदलाव देखने को मिलते हैं, जिसपर डॉ. ज्योति ने बताया कि इस दौरान यौन संबंध की प्रबल इच्छा होती है, योनि स्राव अन्य दिनों की तुलना मे गाढ़ा व चिपचिपा हो जाता है व शरीर का तापमान अन्य दिनों की तुलना में अधिक हो जाता है।
ओवुलेशन का गर्भ पर क्या असर पड़ता है, जिसपर उन्होंने बताया कि गर्भवती होने के लिए फैल्लोपियन ट्यूबों में अंडे को स्पर्म से मिलना होता है, लेकिन अंडे केवल 24 घंटे तक ही जीवित रहते हैं,
इसलिए दोनो का समय पर मिलना जरूरी होता है, लेकिन स्पर्म 7 दिन तक जीवित रहते हैं, इसलिए जल्दबाजी की जरुरत नहीं होती।
उन्होंने बताया कि ध्यान रखें की गर्भवती होने के लिए आपके पास ओवुलेशन के दौरान 5 दिन का समय होता है। अगर आप इस दौरान यौन संबंध बनाती हैं तो तो अंडे और स्पर्म के मिलने से आप बड़ी आसानी से गर्भवती हो सकती हैं।
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