प्राचीन समय से आयुर्वेद में बीमारियों को ठीक करने और स्वस्थ्य रहने के लिए अलग-अलग तरह के आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और पंचकर्मा जैसे ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन्हीं में ऐसे कई विधियां हैं, जो आपके शरीर को शुद्ध करना भी शामिल है, जिसमें विरेचन भी शामिल है। विरेचन एक नेचुरल प्रक्रिया है। विरेचन आपके शरीर के अंदर जमे हुए टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह प्रक्रिया आपके पाचन तंत्र, लिवर और आंतों की सफाई के लिए किया जाता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है, जो अपच, कब्ज, एलर्जी और थकान की समस्या से परेशान रहते हैं। वैसे तो विरेचन आयुर्वेदिक डॉक्टर की निगरानी में होता है, लेकिन अगर आप चाहे तो कुछ बातों का ध्यान रखते हुए इस प्रक्रिया को घर पर ही कर सकते हैं। तो आइए रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा से जानते हैं कि घर पर विरेचन करने का सही तरीका क्या है?
घर पर विरेचन करने का सही तरीका
आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, विरेचन एक प्रभावशाली शरीर के शुद्धिकरण का तरीका है, लेकिन इसका प्रभाव सभी लोगों पर एक जैसे हो ये जरूरी नहीं है। विरेचन के लिए शरीर की वात, पित्त और कफ प्रकृति के अनुसार दवाई और मात्रा तय की जाती है। इसलिए, इससे घर पर खुद करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। इसके बाद आप घर पर ही इसे सही तरीके से कर सकते हैं-
विरेचन से पहले की तैयारी
विरेचन करने से पहले जरूरी है कि आप अपने शरीर को तैयार करें। विरेचन से पहले की इस प्रक्रिया को पूरवकर्म के रूप में जाना जाता है, जिसमें आपको दो से तीन दिन तक हल्का, आसानी से पचने वाला और घी से भरपूर भोजन करना होता है। जैसे-
- दो से तीन दिन तक सिर्फ घी वाली खिचड़ी खाएं।
- सुबह और रात को आप सादी मूंग दाल और चावल की खिचड़ी में थोड़ा देशी गाय का घी मिलाकर खाएं।
- यह आहार हल्का, आसानी से पचने वाला और पाचन क्रिया को बढ़ावा देने वाला होता है।
- घी आपके पेट के टॉक्सिक पदार्थों को ढीला करता है ताकि विरेचन के समय आसानी से बाहर निकल सके।
विरेचन का दिन
एक बार जब आपका शरीर विरेचन के लिए तैयार हो जाता है तो आप विरेचन के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई औषधि का सेवन कर सकते हैं। आमतौर पर विरेचन के लिए डॉक्टर हरड़ का सेवन करने की सलाह देते हैं। ये एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो कब्ज की समस्या को दूर करने और आंतों को साफ करने में मदद करती है। अन्य विकल्पों में आप डॉक्टर की सलाह पर त्रिफला चूर्ण, अरंडी का तेल या अविपत्तिकर चूर्ण का भी सेवन कर सकते हैं।
विरेचन करने का तरीका-
- विरेचन वाले दिन आप सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ हरड़ चूर्ण या त्रिफला लें।
- इसके बाद किसी भी तरह के भारी भोजन को करने से बचें और सिर्फ गुनगुना पानी पीते रहें।
- इस प्रक्रिया में जड़ी-बूटी लेने के 1 से 3 घंटे में मल त्याग की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जो कई बार हो सकती है।
विरेचन के बाद की देखभाल का तरीका
विरेचन के बाद आपको थोड़ी देर के लिए आपका शरीर कमजोर महसूस हो सकता है। इसलिए, धीरे-धीरे हल्का भोजन करना शुरू करें। विरेचन करने के पहले दिन आप सिर्फ मांड यानी चावल का पतला पानी पिएं। फिर खिचड़ी, सूप, और फिर धीरे-धीरे सामान्य आहार पर वापस आएं। लेकिन, ध्यान रहे कुछ दिनों तक आप पूरी तरह ऑयली, मसालेदार और बाहर के खाने से परहेज करें।
विरेचन के फायदे - Benefits of Virechana in Hindi
विरेचन करने से सेहत को कई तरह के फायदे मिल सकते हैं जैसे-
- पाचन शक्ति में सुधार होता है
- स्किन से जुड़ी समस्याओं से राहत
- मानसिक तनाव कम होना और एनर्जी बढ़ती है
- शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में आसानी
- लिवर और आंतों की कार्यक्षमता बढ़ती है
विरेचन के दौरान बरतें ये सावधानियां
- प्रेग्नेंट महिलाओं, छोटे बच्चों और ज्यादा कमजोर लोगों को विरेचन नहीं करना चाहिए।
- अगर आप हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो डॉक्टर की सलाह पर ही यह प्रक्रिया करें।
- विरेचन के दिन घर पर रहें और अपने शरीर को पूरी तरह आराम दें।
निष्कर्ष
विरेचन एक बेहतरीन आयुर्वेदिक प्रक्रिया है, जो शरीर को अंदर से शुद्ध करती है और मानसिक या शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। अगर आप इस विधि को घर पर ही सही तरीके से करते हैं तो पेट को शुद्ध करने में मदद मिलती है।
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FAQ
पेट की आंतों को मजबूत करने के लिए क्या करना चाहिए?
पेट की आंतों को मजबूत करने के लिए जरूरी है कि आप अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव करें, जिसमें फाइबर से भरपूर आहार, प्रोबायोटिक्स, पर्याप्त नींद और तनाव कम लेना शामिल है।पेट खराब होने का मुख्य कारण क्या है?
पेट खराब होने का मुख्य कारण आमतौर पर आपकी खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान और कुछ तरह के इंफेक्शन शामिल हैं।पेट खराब हो तो क्या नहीं खाना चाहिए?
पेट खराब होने पर आपको कई तरह के खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए, जिसमें कैफीन, शराब और ज्यादा चीनी शामिल है।