What is Mutual Supplementation: प्रोटीन हम सभी के शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है। प्रोटीन आंख, स्किन, बाल, मांसपेशियों के विकास और हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी होता है। प्रोटीन शरीर के सेल्स को रिपेयर करने के साथ ही कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मानें तो कम उम्र से ही डाइट में सही मात्रा में प्रोटीन को शामिल न किया जाए, तो यह बढ़ती उम्र में कई बीमारियों का कारण बन सकता है। लेकिन आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि ज्यादातर भारतीयों के शरीर में प्रोटीन की कमी है। इसका मुख्य कारण है खाने में प्रोटीन की कमी और खाने का संतुलन न होना। मांसाहारी लोगों के मुकाबले शाकाहारी लोगों में प्रोटीन की कमी ज्यादा देखी जाती है।
प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए लोग कई तरह के सप्लीमेंट लेते हैं, लेकिन सप्लीमेंट कई बार स्वास्थ्य पर नेगेटिव इफेक्ट भी डालते है। अब आप सोच रहे होंगे कि अब क्या किया जाए? अगर आपने वीगन या शाकाहारी खाना ही खाते हैं, तो अपनी डाइट को म्यूचल सप्लीमेंट के जरिए पूरा करें। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं म्यूचल सप्लीमेंट क्या होता है? इस विषय पर न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटिशियन नमामि अग्रवाल ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है।
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म्यूचुअल सप्लीमेंट क्या है?- What is Mutual Supplementation?
नमामि अग्रवाल ने कहा, कल्पना करें कि आप एक पहेली बना रहे हैं। प्रत्येक टुकड़ा एक अलग आकार का है, लेकिन जब आप उन्हें एक साथ रखते हैं, तो वे एक पूरी तस्वीर बनाते हैं। उसी तरह, म्यूचुअल सप्लीमेंट विभिन्न पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों को मिलाकर एक संपूर्ण प्रोटीन प्रोफाइल को पूरा करने के बारे में। न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि म्यूचुअल सप्लीमेंट वीगन और शाकाहारी लोगों के लिए ज्यादा जरूरी है।
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म्यूचुअल सप्लीमेंट कैसे काम करता है?- How Mutual Supplementation Work?
एक्सपर्ट की मानें तो, प्रोटीन अमीनो एसिड की छोटी इकाइयों से बने होते हैं। 20 अलग-अलग अमीनो एसिड होते हैं और हमारे शरीर को ठीक से काम करने के लिए सभी 20 अमीनो एसिड की आवश्यकता होती है। जबकि कुछ प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थों में कुछ अमीनो एसिड होते हैं, जबकि कुछ प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थों में अमीना एसिड पाए ही नहीं जाते हैं। आइए आगे जानते हैं किस प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थ में कौन सा अमीनो एसिड पाया जाता है।
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फलियां: दाल, छोले, बीन्स और मटर प्रोटीन से भरपूर होते हैं। उनमें विशेष रूप से लाइसिन की मात्रा अधिक होती है, जो एक आवश्यक अमीनो एसिड है जिसकी अक्सर अनाज में कमी होती है।
अनाज: चावल, गेहूं और मक्का प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। उनमें मेथियोनीन और सिस्टीन की मात्रा अधिक होती है। ये दोनों ही अमीनो एसिड दालों में कम मात्रा में पाए जाते हैं।
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नट्स और बीज: बादाम, अखरोट, सूरजमुखी के बीज और कद्दू के बीज प्रोटीन से भरपूर होते हैं। नट्स और बीजों में कई तरह के अमीनो एसिड पाए जाते हैं, जो पूरे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
सोया उत्पाद: टोफू, टेम्पेह और एडम प्रोटीन के बेहतरीन स्रोत हैं। उनमें सभी आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं, जो उन्हें एक संपूर्ण प्रोटीन स्रोत बनाते हैं।
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न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि म्यूचुअल सप्लीमेंट में खाने की थाली में अनाज, फलियां, नट्स, सीड्स और सोया प्रोडक्ट को संतुलित मात्रा में शामिल किया जाता है। इससे शरीर में प्रोटीन की कमी पूरी हो जाती है और बीमारियों का खतरा भी कम होता है।
Image Credit: Freepik.com
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