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Micronutrients: माक्रोन्यूट्रिएंट्स क्या होते हैं? एक्सपर्ट से जानें शरीर के लिए ये क्यों होते हैं जरूरी

Micronutrients In Hindi: माक्रोन्यूट्रिएंट्स कौन-कौन से होते हैं, इनके प्रकार और शरीर में इनके कार्य जानने के लिए पढ़ें इस लेख को। 
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Micronutrients: माक्रोन्यूट्रिएंट्स क्या होते हैं? एक्सपर्ट से जानें शरीर के लिए ये क्यों होते हैं जरूरी

Micronutrients In Hindi: बचपन से हम पढ़ते और सुनते आ रहे हैं, कि स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार लेना चाहिए। क्योंकि इससे हमारे शरीर को जरूरी पोषण मिलता है, जो शरीर को रोगों से बचाने और बेहतर विकास के लिए बहुत जरूरी है। अब इनमें भी दो तरह के पोषक तत्व होते हैं, पहला मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और दूसरा माइक्रोन्यूट्रिएंट्स। बहुत से लोग कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट जैसे मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और उनके कार्यों के बारे में मोटे-मोटे तौर पर जानकारी तो रखते हैं। लेकिन माइक्रोन्यूट्रिएंट्स क्या होते हैं और कौन-कौन से शरीर के लिए जरूरी होते हैं, इसको लेकर लोगों के पास जानकारी की कमी है। जबकि ये संपूर्ण स्वास्थ्य की भलाई के लिए बहुत जरूरी होते हैं।


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माइक्रोन्यूट्रिएंट्स क्या होते हैं- What is micronutrients in hindi

माइक्रोन्यूट्रिएंट्स शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं। ये ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जिनकी हमारी शरीर को बहुत कम मात्रा (10 ग्राम से कम) में आवश्यकता होती है, लेकिन शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों में इनकी अहम भूमिका होती है। इनमें कई विटामिन और मिनरल्स आते हैं। वैसे तो कई माइक्रोन्यूट्रिएंट्स शरीर के लिए जरूरी होते हैं, जिनमें से कुछ को हमारा शरीर खुद को बनाने में सक्षम होता है। लेकिन 30 ऐसे विटामिन और मिनरल्स हैं, जिन्हें हमारे शरीर को बाहरी रूप से प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। इन्हें प्राप्त करने के लिए संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती है। जब लोग अपने आहार से इन पोषक तत्वों को प्राप्त नहीं करते हैं, तो ऐसा लंबे समय तक होने पर शरीर में कुछ माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी हो जाती है। यह सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है। माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी कई बड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ाती है। हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस आदि जैसे रोगों को रोकने में यह अहम भूमिका निभाते हैं। ये शारीरिक वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक एंजाइम, हार्मोन और अन्य पदार्थों के उत्पादन के लिए भी जरूरी होते हैं।

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माइक्रोन्यूट्रिएंट्स कौन-कौन से होते हैं, जानें इनके प्रकार- Types of Micronutrients In Hindi

माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में विटामिन और मिनरल्स की 4 कैटेगरी हैं

  1. पानी में घुलनशील विटामिन- Water Soluble Vitamin
  2. फैट में घुलनशील विटामिन- Fat Soluble Vitamin
  3. मैक्रोमिनेरल्स- Macro minerals
  4. ट्रेस मिनरल्स- Trace Minerals

1. पानी में घुलनशील विटामिन और उनके कार्य- Water Soluble Vitamin Function In Body

ऐसे 9 विटामिन हैं, जो हमारे शरीर में पानी में घुलकर अवशोषित होते हैं और अपना काम करते हैं। इनमें से ज्यादातर शरीर के दैनिक कार्यों को स्वस्थ तरीके से करने के लिए होती है। ये पानी के साथ मिलकर अपना कार्य करते हैं और उसके बाद यूरीन के जरिए बाहर निकल जाते हैं। इनमें शामिल हैं....

विटामिन बी 1

इसका रसायनिक नाम थियामिन (Thiamine) है। इसका कार्य पोषक तत्वों को एनर्जी में बदलना है।

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विटामिन बी 2

इसका रसायनिक नाम राइबोफ्लेविन (Riboflavin) है। इसका कार्य शरीर में एनर्जी बनाना, कोशिकाओं के कार्य को बनाए रखना और फैल को मेटाबॉलाइज करना है।

विटामिन बी 3

इसका रसायनिक नाम नियासिन (Niacin) है। इसका कार्य भोजन से ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाना है।

विटामिन बी 5

इसका रसायनिक नाम पैंटोथैनिक एसिड (Pantothenic Acid) है। शरीर में फैटी एसिड के संश्लेषण के लिए यह बहुत आवश्यक है।

विटामिन बी 6 

इसका रसायनिक नाम पाइरीडॉक्सिन (Pyridoxine) है। इसका कार्य शरीर को एनर्जी के लिए कार्बोहाइड्रेट से चीनी को अलग करना है। यह लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में भी मदद करता है।

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विटामिन बी 7 

इसका रसायनिक नाम बायोटिन (Biotin) है। इसका कार्य ग्लूकोज, अमीनो एसिड और फैटी एसिड को मेटाबॉलाइज करना है।

विटामिन बी 9 

इसका रसायनिक नाम फोलेट (Folate) है। यह कोशिकाओं के उत्पादन और उनके विभाजन के लिए जरूरी है।

विटामिन बी 12

इसका केमिकल नाम कोबालामिन (Cobalamin) है। लाल रक्त कोशिका के निर्माण से लेकर, तंत्रिकाओं और मस्तिष्क को स्वस्थ रखना, इसके प्रमुख कार्य हैं।

विटामिन सी

इसका रसायनिक नाम एस्कॉर्बिक एसिड (Ascorbic Acid) है। कोलेजन प्रोटीन के निर्माण और आयरन के अवशोषण के लिए यह बहुत जरूरी है। यह न्यूरोट्रांसमीटर के निर्माण भी मदद करता है।

2. फैट में घुलनशील विटामिन और उनके कार्य- Fat Soluble Vitamins Function In Body

4 ऐसे विटामिन हैं, जो फैट में अच्छी तरह अवशोषित हो जाते हैं और इसके साथ मिलकर अपना कार्य करते हैं। हमारा शरीर इन्हें भविष्य में जरूरत के लिए स्टोर भी करता है। ये मुख्य रूप से लिवर और फैट टिशू में स्टोर होते हैं। इनमें शामिल हैं..

विटामिन ए

इसका रसायनिक नाम रेटिनोल (Retinol) है। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। इसके अलावा, शरीर के अंग को स्वस्थ और उनके कार्य बेहतर बनाने में मदद करता है। 

विटामिन डी

इसका रसायनिक नाम कैल्सिफेरॉल (Calciferol) है। इम्यूनिटी बढ़ाने, कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों की मजबूती के लिए यह बहुत आवश्यक है।

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विटामिन ई

इसका रसायनिक नाम टोकोफेरॉल (Tocopherol) है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है।

विटामिन के

रसायनिक नाम फाइटोनेडियोन (Phytonadione) है। इसका प्रमुख कार्य रक्त में थक्के बनाने है। यह हड्डियों के विकास के लिए भी जरूरी है।

3. मैक्रोमिनरल्स और उनके कार्य- Macro minerals Function in body

ट्रेस मिनरल की तुलना में शरीर को मैक्रोमिनरल की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है। इनके शरीर में कुछ विशिष्ट कार्य हैं। इनमें शामिल हैं...

कैल्शियम (Calcium): दांत और हड्डियों को स्वस्थ, उन्हें मजबूत बनाने और बेहतर संरचना प्रदान करने के यह जरूरी है। यह मांसपेशियों को बेहतर फंक्शन और रक्त वाहिका के संकुचन में भी मदद करता है।

फास्फोरस (Phosphorus): यह हड्डियों और कोशिका झिल्ली की संरचना का अहम हिस्सा है।

मैग्नीशियम (Magnesium): ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने के साथ-साथ यह 300 से अधिक एंजाइम की प्रतिक्रियाओं बेहतर करने में मदद करता है।

सोडियम (Sodium): शरीर में तरल के संतुलन को बनाए और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के लिए जरूरी है।

क्लोराइड (Chloride): यह सोडियम के साथ मिलकर काम करता है। तरल के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही इसका प्रयोग शरीर में पाचन रस बनाने के लिए भी होता है।

पोटेशियम (Potassium): यह भी कोशिकाओं को में तरल या द्रव को बनाए रखता है। मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के कार्यों को बेहतर ढंग से करने में भी मदद करता है।

सल्फर (Sulfur): यह एक जीवित टीशू का हिस्सा है, जो अमीनो एसिड मेथियोनीन और सिस्टीन में मौजूद होता है।

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4. ट्रेस मिनरल और उनके कार्य- Trace Minerals Function In Body

भले ही शरीर को इन मिरल्स की आवश्यकता मैक्रोमिनेरल्स की तुलना में कम होती है, लेकिन ये कई महत्वपूर्ण कार्यों में अहम भूमिका निभाते हैं। 

आयरन (Iron): रक्त और मांसपेशियों में पर्याप्त ऑक्सीजन के साथ-साथ कुछ हार्मोन के निर्माण के लिए यह आवश्यक मिनरल है।

मैंगनीज (Manganese): यह कोलेस्ट्रॉल, अमीनो एसिड और कार्बोहाइड्रेट हाइड्रेट को मेटाबॉलाइज करने के लिए जरूरी है।

कॉपर (Copper): कनेक्टिव टिशू के निर्माण के लिए यह आवश्यक है। इसके अलावा, नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखने में भी भूमिका निभाता है।

जिंक (Zinc): यह शारीरिक विकास और वृद्धि, घाव भरने और इम्यूनिटी मजबूत बनाने में मदद करता है।

आयोडीन (Iodine): यह थायराइड को रेगुलेट और बेहतर फंक्शन में मदद करता है।

फ्लोराइड (Fluoride): कैल्शियम की तरह यह भी हड्डियों और दांतों की मजबूती के साथ-साथ विकास के लिए जरूरी है।

सेलेनियम (Selenium): यह प्रजनन स्वास्थ्य बढ़ाने, थायराइड फंक्शन में सुधार करने और ऑक्सीडेटिव डैमेज को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उम्मीद है अब तक आप समझ गए होंगे कि माइक्रोन्यूट्रिएंट्स कौन-कौन से होते हैं और ये शरीर के लिए क्यों जरूरी हैं।  इसलिए आज से ही अपनी डाइट में इन्हें शामिल करें। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा और इससे आपको कुछ नई जानकारी मिली, तो इसे अपने दोस्त और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ शेयर करें। न्यूट्रिशन और सप्लीमेंट्स से जुड़ी ऐसी ही और जानकारियों के लिए पढ़ते रहें Onlymyhealth.com

(Written by Vineet Kumar- Certified Fitness Coach, Nutritionist And Supplement Specialist)

Image source:  Freepik

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