आजकल बहुत से लोग थायराइड से जूझ रहे हैं। हाइपरथाइरॉयडिज़्म भी थायराइड का ही एक प्रकार है, जिससे पीड़ित मरीजों का वजन तेजी से कम हो सकता है। ऐसे में अधिक पसीना आना, थकान और दिल की धड़कने तेज होने जैसे अन्य लक्षण भी दिख सकते हैं। हालांकि, खान-पान को दुरुस्त रखकर आप इसके लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं। चलिए डाइटिशियन मनप्रीत कालरा से जानते हैं हाइपरथाइरॉयडिज़्म से राहत पाने के लिए डाइट में किन माइक्रोन्यूट्रिएंट्स को शामिल करना चाहिए?
डाइट में शामिल करें ये 5 माइक्रोन्यूट्रिएंट्स
सेलेनियम (Selenium)
कुछ माइक्रोन्यूट्रिएंट्स के जरिए आप थायराड की फंक्शनिंग को ठीक कर सकते हैं। इसके लिएआपको डाइट में सेलेनियम को शामिल करना चाहिए। सेलेनियम इनएक्टिव थायराइड हार्मोन T4 को थायराइड के एक्टिव हार्मोन T3 में बदलने में मदद करता है, इससे थायराइड ग्लैंड की फंक्शनिंग बेहतर होती है। इसके लिए आप सूरजमुखी के बीज और ब्राजील नट्स खा सकते हैं।
मैग्नीशियम (Magnesium)
हाइपरथाइरॉयडिज़्म से राहत पाने के लिए आप डाइट में मैग्नीशियम को शामिल कर सकते हैं। मैग्नीशियम थायराइड हार्मोन के मेटाबॉलिज्म और सिंथिसिस को सुधारने में मददगार साबित होता है। इसके लिए आप कोको, बादाम, छोले और हरी सब्जियों का सेवन कर सकते हैं।
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विटामिन डी (Vitamin D)
हाइपरथाइरॉयडिज़्म की समस्या में आप विटामिन डी से भरपूर फूड्स का भी सेवन कर सकते हैं। यह थायराइड के फंक्शन्स को रेगुलेट करने के साथ ही हड्डियों और इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद होता है। इसके लिए आप सुबह 8 से 10 बजे के बीच 15 मिनट के लिए धूप में बैठ सकते हैं।
जिंक (Zinc)
जिंक सेहत के लिए अन्य तरीकों से फायदेमंद होने के साथ ही साथ हाइपरथाइरॉयडिज़्म से राहत दिलाने में भी लाभकारी होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो थायराइड ग्लैंड को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में लाभकारी होते हैं। इसके लिए आप छोले, बादाम या फिर कद्दू के बीज आदि खा सकते हैं।
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आयरन (Iron)
आयर शरीर के लिए अन्य तरीकों से जरूरी होने के साथ ही इस समस्या से बचाने में भी लाभकारी होता है। दरअसल, यह हाइपरथाइरॉयडिज़्म के इनएक्टिव हार्मोन T4 को इसके एक्टिव हार्मोन T3 में बदलने में मदद करता है, जिससे हाइपरथाइरॉयडिज़्म के लक्षणों में कमी आती है। इसके लिए आप काले किशमिश, अनार और खजूर आदि खा सकते हैं।