दुनियाभर में सही मात्रा में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स नहीं लेने से पड़ रहा है लोगों की सेहत पर असर: स्टडी

हाल ही में हुई स्टडी के मुताबिक दुनियाभर में ज्यादातर लोग सही मात्रा में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स नहीं ले रहे हैं, जिसके चलते लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं। 
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दुनियाभर में सही मात्रा में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स नहीं लेने से पड़ रहा है लोगों की सेहत पर असर: स्टडी


सेहतमंद रहने के लिए शरीर में पोषक तत्वों का बैलेंस रहना बेहद जरूरी होता है। पोषक तत्वों को बैलेंस रखने के लिए आपको हेल्दी डाइट जैसे फल, सब्जियां और ड्राई फ्रूट्स आदि खाने चाहिए। आमतौर पर शरीर के विकास के लिए हमें विटामिन सी, मिनरल्स, प्रोटीन और कैल्शियम आदि की जरूरत पड़ती है, लेकिन इसके साथ ही हम माइक्रोन्यूट्रिएंट्स यानि सूक्ष्म पोषक तत्वों को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी होने से भी शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। 

ज्यादातर लोग नहीं ले रहे हैं सही माइक्रोन्यूट्रिएंटस 

हार्वड टी.एच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और ग्लोबल अलायंस फॉर इंप्रूव्ड न्यूट्रिशन (GAIN) द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक दुनियाभर में ज्यादातर लोग सही मात्रा में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स नहीं ले रहे हैं। स्टडी के मुताबिक दुनियाभर में आधे से ज्यादा आबादी सूक्ष्म पोषक तत्वों को ठीक से नहीं ले रही है। यही कारण है कि आज के समय में लोगों में पोषक तत्वों की कमी हो रही है। इस स्टडी को करने में ग्लोबल डायट्री डेटाबेस से एक डेटा लिया गया। यह डेटा 31 देशों पर सर्वे किए जाने के बाद लिया गया। 

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लोगों को हो रही है स्वास्थ्य समस्याएं 

लांसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित हुई इस स्टडी के मुताबिक शरीर में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी लोगों की सेहत पर भारी पड़ रही है। इसकी वजह से दुनियाभर की आबादी का एक अच्छा खासा हिस्सा बीमार पड़ रहा है। इसकी वजह से लोगों में इंफेक्शन से होने वाली बीमारियों की समस्या बढ़ने के साथ ही साथ कुछ मामलों में दिखाई देने में भी कठिनाई महसूस हो रही है। यही नहीं, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी के कारण कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान भी महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ता है। 

कौन-कौन से माइक्रोन्यूट्रिएंट्स लेना है जरूरी? 

सेहतमंद रहने के लिए आयोडीन, फोलेट और आयरन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों को बैलेंस रखना जरूरी होता है। इसके साथ ही साथ सेलेनियम और जिंक और लेना भी शरीर के लिए अनिवार्य होता है। माइक्रोन्यूट्रिएंट्स लेने से शरीर में इंफेक्शन, हार्मोन में होने वाले बदलाव और इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी होने की आशंका कम होती है। इससे हार्ट डिजीज कम होने के साथ ही डेंगू-मलेरिया का भी खतरा कम होता है।

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