Khushkhabri with IVF: कुछ समय पहले पंजाबी सिंगर सिद्धु मूसेवाला की हत्या की खबर पर खूब चर्चा हुई थी। तमाम विख्यात लोगों ने सिद्धु मूसेवाला की मृत्यु की शोक भी व्यक्त किया था। वहीं, सिद्धु मूसेवाला के गुजर जाने के कुछ महीनों बाद ही उनकी मां भी खूब सुर्खियां में थीं। दरअसल, 58 साल की उम्र में सिद्धु मूसेवाला की मां चरण कौर ने वारिस की चाह में आईवीएफ तकनीक की मदद से एक बेटे को जन्म दिया था। यह खबर भले ही चरण कौर के लिए अच्छी होगी। लेकिन, 58 साल की उम्र में आईवीएफ तकनीक की मदद से पेरेंट्स बनना गैर कानूनी होता है। इसलिए, उस समय यह खबर आई थी कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पंजाब सरकार से आईवीएफ तकनीक से जन्में शिशु पर कानून को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। बहरहाल, चरण कौर ने इस उम्र में आईवीएफ के जरिए बच्चे को जन्म देकर इस सवाल को जरूर हवा दी है कि क्या 50 साल की उम्र के बाद आईवीएफ तकनीक की मदद से बच्चे को जन्म देना सहज है? क्या इसके लिए कानूनी प्रावधान है? यही नहीं, इस तरह की सिचुएशन होने पर लोगों के मन में यह सवाल भी उठता है कि आखिर आईवीएफ तकनीक की लीगल एज क्या है? कब से कब तक कोई महिला या पुरुष इस तकनीक का लाभ उठा सकते हैं।
आईवीएफ को लेकर अक्सर लोगों के मन में कई सवाल होते हैं। लीगल पहलू भी इससे अछूता नहीं है। इन्हीं सवालों को ध्यान में रखते हुए ऑनलीमायहेल्थ Khushkhabri with IVF नाम से एक स्पेशल सीरीज चला रहा है। इस सीरीज में आपको IVF से जुड़े तमाम लीगल पहलुओं पर बात करेंगे। इस तरह के तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए हमने Max Multi Speciality Centre Noida में Director, Infertility and IVF डॉ. श्वेता गुप्ता से बात की है।
आईवीएफ की लीगल एज क्या है- What Is Legal Age Of IVF In India In Hindi
आपको बता दें कि आमतौर पर आईवीएफ करवाने की सलाह फर्टाइल एज में ही दी जाती है। विशेषक 20 से 30 की उम्र के बीच महिलाओं के लिए आईवीएफ के जरिए कंसीव करना आसान होता है। इस दौरान वे अमूमन फिजिकली फिट होती हैं। इसलिए, आईवीएफ तकनीक के दौरान होने वाली परेशानियों को वो आसानी से झेल जाती हैं। उनकी बॉडी भी आईवीएफ प्रोसेस में पॉजिटिवली रेस्पॉन्ड करती है। लेकिन, आईवीएफ तकनीक की लीगल एज की बात करें, तो इसमें पुरुष और महिलाओं की अलग-अलग उम्र तय की गई है। महिलाओं के लिए यह उम्र 20 से 50 साल है, वहीं पुरुषों में यह लीगल एज लिमिट 55 साल तक है।
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आईवीएफ के लिए फटाईल एज क्या है?- What Is Fertile Age For IVF In Hindi
जिस तरह आईवीएफ तकनीक को अपनाने के लिए कानूनी उम्र का पता होना जरूरी है, उसी तरह इसकी फर्टाइल एज की जानकारी होना भी जरूरी है। इससे कपल्स को अपने लीगल एज और फर्टाइल एज की सटीक जानकारी होगी, जो उन्हें कंसीव करने में मदद कर सकती है। बहरहाल, महिलाओं के लिए 25 से 35 साल की उम्र के बीच को फर्टाइल एज माना जाता है। वहीं, पुरुषों की फर्टिलिटी भी 40 साल की उम्र के बाद कम होने लगती है।
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लेट आईवीएफ क्यों रिस्की होता है?
लेट आईवीएफ महिलाओं की हेल्थ के लिए बहुत ही नुकसानदायक हो सकती है। वैसे भी आईवीएफ एक ऐसी तकनीक है, जिसमें महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। उन्हें कई किस्म के इंजेक्शन लगाए जाते है और उन्हें शारीरिक रूप से कई परिवर्तन झेलने पड़ते हैं। ऐसे में अगर अधिक उम्र में महिलाएं इस तकनीक का सहारा लेती हैं, तो संभवतः उनका शरीर इन सबके लिए तैयार न हो। आपको बता दें लेट आईवीएफ अक्सर 35-40 साल की उम्र के बाद को माना जाता है। ध्यान रखें कि 35 की उम्र से ही महिलाओं शरीर में कमजोरी और शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं। इसीलिए, जो महिलाएं 35 की उम्र के बाद आईवीएफ प्रोसेस अपनाती हैं, उन्हें एक्सपर्ट्स लेट कंसीडर करते हैं। लेट आईवीएफ की वजह से मिसकैरेज, महिलाओं की हेल्थ इश्यूज का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा, अगर महिला की उम्र इससे भी ज्यादा है और कुछ हेल्थ इश्यूज भी हैं, तो उन्हें आईवीएफ प्रोसेस का सहारा नहीं लेना चाहिए। इसीलिए, डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि सटीक उम्र में ही आईवीएफ तकनीक को अपनाएं। हां, अगर आप 40 की उम्र के बाद इस तकनीक को अपनाती हैं, तो इस संबंध में डॉक्टर सबसे पहले महिला की हेल्थ को लेकर कॉन्शस रहते हैं। उनके मेडिकल जांच करते हैं। इसके बाद ही इस प्रक्रिया के लिए प्रोसीड करते हैं।
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अगर कोई आईवीएफ की लीगल एज क्रॉस करता है, तो क्या होता है?
हमारे देश में आईवीएफ को लेकर कड़े कानून बने हुए हैं। इनका पालन के लिए एक एआरटी बोर्ड बनाई गई है। इसके प्रोसीजर को फॉलो करने के लिए गाइडलाइन बनाई गई है, जिन्हें हर डॉक्टर और सामान्य लोगों को फॉलो करना पड़ता है। अगर कोई इन गाइडलाइन को नहीं मानता है या बताए गए कानूनों को तोड़ता है, तो उस डॉक्टर या सेंटर विशेष के खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है। यहां तक कि जरूरी हो, तो कुछ सख्त कदम भी उठाए जा सकते हैं। कुल मिलाकर कहने की बात ये है कि सभी विशेषज्ञों के लिए एआरटी में दर्ज की गई गाइडलाइन फॉलो करना अनिवार्य है।
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क्या सिंगल महिलाएं आईवीएफ तकनीक का लाभ उठा सकती हैं?
हाल के सालों में हमने यह देखा है कि कई महिलाएं जो अकेली रह रही हैं, वे सिंगल मदर बनने को इंपॉर्टेंस दे रही हैं। लेकिन, सवाल है कि क्या वे आईवीएफ प्रोसस का लाभ उठा सकती हैं? इस संबंध में एक्सपर्ट कहते हैं कि हां, सिंगल महिलाएं स्पर्म डोनर की मदद से आईवीएफ प्रोसेस के जरिए मां बन सकती हैं। हां, इससे पहले उन्हें सभी गाइडलाइन फॉलो करनी होती है। यही नहीं, उनकी काउंसलिंग भी की जाती है, ताकि भविष्य में उन्हें सिंगल पेरेंटिंग के दौरान दिक्कतें न आएं। इसके अलावा, उनका मेडिकल टेस्ट भी किया जाता है, ताकि यह पता चल सके कि वह मां बनने के लिए कितनी फिट हैं। साथ ही, यह भी जाना जा सकता है कि बच्चे केयर करने में कितनी सक्षम साबित हो सकती हैं।
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