Causes And Symptoms Of Andropause In Hindi: वैसे तो कहा जाता है कि पुरुषों में सेक्सुअल डिजायर कभी कम नहीं होती है। जबकि महिलाओं में मेनोपॉज के बाद सेक्सुअल डिजायर कम हो जाती है और धीरे-धीरे सेक्स प्रक्रिया में उन्हें कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ती हैं, जैसे लुब्रिकेशन की कमी आदि। आपको बता दें कि इस तरह की परेशानियां सिर्फ महिलाओं के साथ नहीं, बल्कि पुरुषों के साथ भी होती है। इसे हम एंड्रोपॉज के नाम से जानते हैं। एनसीबीआई की मानें, तो एंड्रोपॉज का शाब्दिक अर्थ है सेक्सुअल सेटिस्फेक्शन में कमी आना। ऐसा बढ़ती उम्र में टेस्टेस्टेरोन के स्तर में कमी के कारण हो सकता है। कुछ पुरुषों को 40 से 50 साल की उम्र के आसपास इसका सामना करना पड़ता है। आइए, इसके लक्षण, कारण और प्रभाव के बारे में नवी मुंबई स्थित मेडिकवर हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. विजय दहिफले से विस्तार से जानते हैं।
एंड्रोपॉज का कारण- Causes Of Andropause In Hindi
एनएचएस वेबसाइट की मानें, तो एंड्रोपॉज, जिसे हम पुरुष मेनोपॉज के नाम से जानते हैं। यह अचानक टेस्टोस्टेरोन के स्तर में आई कमी के कारण होता है। इसे बढ़ती उम्र में सामान्य माना जाता है। ठीक उसी तरह, जैसे महिलाओं के साथ होता है। महिलाओं में ऐस्ट्रोजेन के स्तर में कमी के कारण मेनोपॉज का सामना करना पड़ता है। लेकिन, पुरुषों के लिए यह बात कही जानी सही नहीं है। असल में, पुरुषों में 30 से 40 साल की उम्र के बीच टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी आ सकती है, लेकिन यह गिरावट बहुत मामूली यानी महज एक प्रतिशत प्रति वर्ष होती है। यानी आप कह सकते हैं कि एंड्रोपॉज होने के कई अन्य कारण हो सकते हैं। इसमें लाइफस्टाइल से जुड़ी परेशानियां, स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंग्जाइटी जैसी चीजें शुमार है। इसके अलावा, नींद की कमी, खराब डाइट, एक्सरसाइज की कमी, बहुत ज्यादा शराब पीना, स्मोकिंग करना आदि भी एंड्रोपॉज का कारण माने जाते हैं।
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एंड्रोपॉज का लक्षण- Symptoms Of Andropause In Hindi
- एनर्जी की कमी
- डिप्रेशन या उदासीनता
- मोटिवेशन की कमी
- आत्मविश्वास का कमना होना
- कंसंट्रेट करने में परेशानी होना
- अनिद्रा या सोने में कठिनाई
- शरीर में चर्बी बढ़ना
- मांसपेशियों में कमी और शारीरिक कमजोरी का अहसास होना
- स्तंभन दोष यानी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
- कामेच्छा में कमी
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एंड्रोपॉज का प्रभाव- Effects Of Andropause In Hindi
प्रजनन क्षमता पर असरः एंड्रोपॉज होने पर पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। दरअसल, एंड्रोपॉज की वजह से वीर्य के उत्पादन में कमी आती है और हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण वीर्य की क्वालिटी भी प्रभावित होती है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शनः एंड्रोपॉज के कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या भी हो सकती है। दरअसल, शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर में गिरावट के कारण नर्वस सिस्ट सही तरह से काम नहीं करता है। इससे पुरुषों को इस समस्या को झेलना पड़ता है। हालांकि, ऐसा सबके साथ हो, यह जरूरी नहीं है।
मानसिक स्वास्थ्य पर असरः एंड्रोपॉज होने के कारण पुरुषों का मानसिक स्वास्यि पर भी प्रभाव पड़ता है। इससे वे चिड़चिड़े हो जाते हैं, अवसाद से घिर जाते हैं, आत्मविश्वास कम हो जाता है और उनका वैवाहिक जीवन पर भी बुरा असर पड़ता है।
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