Menopause Symptoms At Night In Hindi: मेनोपॉज वह प्रक्रिया है, जिससे हर महिला को गुजरना पड़ता है। जिस तरह 10-12 की उम्र के बाद लड़कियों को पीरियड साइकिल शुरू होते हैं, इसी तरह 40 के बाद महिला को कभी भी मेनोपॉज हो सकता है। मेनोपॉज का मतलब है कि पीरियड्स पूरी तरह बंद हो जाता है। पीरियड्स होने का मतलब है कि अब महिला कभी भी कंसीव नहीं कर सकती है। पीरियड्स बंद होने के कारण महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। आपको बता दें कि मेनोपॉज कभी भी एक बार में नहीं होता है, बल्कि धीरे-धीरे होता है। इसलिए, इस दौरान महिलाओं को कई तरह की शारीरिक समस्याओं को झेलना पड़ता है, जैसे हॉट फ्लैशेज या नाइट स्वेट। कुछ महिलाएं यह शिकायत करती देखी गई हैं कि रात के समय मेनोपॉज के लक्षण उन्हें अधिक परेशान करते हैं। सवाल है, क्या वाकई मेनोपॉज के लक्षण रात के समय ज्यादा नजर आते हैं? आइए, जानते हैं वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता का क्या कहना है।
क्या वाकई रात के समय मेनोपॉज के लक्षण ज्यादा परेशान करते हैं?- Are Menopause Symptoms Worse At Night In Hindi
यह सच है कि रात के समय मेनोपॉज के लक्षण अधिक उभरते हैं। सवाल यह है कि ऐसा क्यों होता है? एक्सपर्ट की मानें तो इसके होने के पीछे कुछ कारक जिम्मेदार हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि मेनोपॉज की वजह से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम होने लगता है। असल में, मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के पीरियड्स प्रभावित होने लगते हैं। कभी बहुत पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग होती है, कभी लो ब्लीडिंग तो कभी महीनों-महीनों पीरियड्स नहीं होते हैं। ऐसी सिचुएशन में महिलाओं के शरीर में हार्मोन का संतुलन बने रहना मुश्किल होता है। खासकर, एस्ट्रोजन का। एक्सपर्ट आगे बताते हैं कि रात के समय हार्मोनल में नाटकीय बदलाव देखे जा सकते हैं। रात के समय हार्मोन फ्लक्चुएशन काफी ज्यादा होता है। यही कारण है कि महिलाओं को रात के समय हॉट फ्लैशेज और नाइट स्वेट अधिक होते हैं। आपको बता दें कि रात को सोते समय हमारा शरीर का तापमान अपने आप कम हो जाता है, ताकि हम अच्छी नींद ले सकें। लेकिन, हार्मोनल बदलाव के कारण बॉडी गर्म हो जाती है, हॉट फ्लैशेज होने लगते हैं। ऐसे में रात की नींद भी बाधित हो जाती है।
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रात के समय मेनोपॉज के लक्षणों को उभरने से कैसे रोकें
वैसे तो आप मेनोपॉज के लक्षणों को उभरने से रोक नहीं सकती हैं। हां, लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके, इनके प्रभाव को कुछ कम कर सकती हैं, जैसे-
रात के समय लाइट डाइट लें
रात के समय हॉट फ्लैशेज या नाइट स्वेट से बचना है, तो मेनोपॉज हो चुकी महिलाएं रात को हल्का खाना खाएं। स्पाइसी या गर्म तासीर की चीजें खाने से बचें। इससे हॉट फ्लैशेज को कुछ कम किया जा सकता है।
रूम टेंप्रेचर को ठंडा रखें
अगर मेनोपॉज हो चुकी महिलाओं को रात के समय काफी गर्मी लगती है या उन्हें असामान्य तरीके से पसीने आते हैं, तो ऐसे में उन्हें अपने रूम टेंप्रेचर को ठंडा रखने पर जोर देना चाहिए। घर में एसी है, तो सोने से पहले इे ऑन कर दें। ठंडे रूम में नींद बेहतर आती है और मेनोपॉज के लक्षण का प्रभाव कम हो जाता है।
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स्ट्रेस से दूर रहें
यह बात शायद आपको हैरान करती है, लेकिन यह सच है कि मेनोपॉज हो चुकी महिलाओं को स्ट्रेस से दूर रहना चाहिए। वह जितना स्ट्रेस लेंगी, उनकी बॉडी टेंप्रचेर और एनर्जी उतनी ही इफेक्टेड होती है। ऐसे में मेनोपॉज के लक्षण भी अधिक उभर सकते हैं। अतः तनाव से दूर रहें।
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