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स्पर्म की संख्या कम होना है हाइपोस्पर्मिया, डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और कारण

What Is Hypospermia In Hindi: हाइपोस्पर्मिया एक ऐसी समस्या है, जिसमें सीमन वॉल्यूम की मात्रा असामान्य तरीके से प्रभावित होती है। जानें, इसके लक्षण और कारण।
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स्पर्म की संख्या कम होना है हाइपोस्पर्मिया, डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और कारण


What Is Hypospermia In Hindi: एक समय तक हम लोग फर्टिलिटी की बात करते ही महिलाओं के बारे में सोचने लगते थे। लेकिन, मौजूदा जीवनशैली, तनाव और स्ट्रेस के कारण पुरुष भी इस तरह की समस्या से गुजर रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो पुरुषों में इंफर्टिलिटी का एक मुख्य कारण हाइपोस्पर्मिया हो सकता है। हाइपोस्पर्मिया का मतलब है कि स्पर्म की संख्या का कम होना। यह एक किस्म की बीमारी है, जिसमें पुरुषों में असामान्य तरीके से स्पर्म काउंट कम होता है। औसतन सीमन वॉल्यूम प्रति स्खलन 1.5-5 मिलिलीटर होता है। बहरहाल, अगर किसी का सीमन वॉल्यूम कम होता है, तो उन्हें इसकी जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि यह एक गंभीर समस्या है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि हाइपोस्पर्मिया क्या होता है और इसके किस तरह के लक्षण नजर आते हैं। इस बारे में हमने मेडिकवर हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. विजय दहिफले से बात की।

क्या है हाइपोस्पर्मिया- What Is Hypospermia In Hindi

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हाइपोस्पर्मिया एक तरह की मेडिकल कंडीशन है, इसका जिक्र हमने पहले ही किया है। इसकी वजह से पुरुषों में असामान्य तरीके से स्पर्म वॉल्यूम कम हो जाता है। यह एक तरह का विकास है, पुरुषों को प्रभावित करती है। इसकी वजह से इजैकुलेशन के दौरान पुरुषों में बहुत कम सीमन प्रोड्यूस होता है। ऐसा होने के पीई कई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होती हैं।

इसे भी पढ़ें: Hyperspermia In Hindi: पुरुषों के शरीर में ज्यादा स्पर्म बनना भी नहीं है सही, डॉक्टर से जानें इसके 5 नुकसान

हाइपोस्पर्मिया के लक्षण- Symptoms Of Hypospermia In Hindi

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इजैकुलेशन में वीर्य की मात्रा कम होनाः हाइपोस्पर्मिया होने पर पुरुषों में इजैकुलेशन के दौरान बहुत कम मात्रा में स्पर्म निकलता है। सीमन का वॉल्यूम 1.5 मिलीलीटर से भी कम होता है।

  1. सेक्सुअल सैटिस्फेक्शन की कमीः जब पुरुषों को हाइपोस्पर्मिया हो जाता है, तो उन्हें यौन संबंध बनने के बाद संतुष्टि का अहसास नहीं होता है। वे अपने शारीरिक संबंध को लेकर अक्सर परेशान रहते हैं, तो उनहें मानसिक हेल्थ पर भी दबाव डालता है।
  2. सीमन में खून निकलनाः हाइपोस्पर्मिया के कारण पुरुषों के सीमन से खून भी निकल सकता है। ध्यान रखें, ऐसा होना हाइपोस्पर्मिया के गंभीर होने की ओर संकेत करता हैं
  3. संभोग के बाद पेशाब का रंग बदलनाः अगर हाइपोस्पर्मिया की कंडीशन बिगड़ रही है, और सही समय पर इसका इलाज नहीं हो रहा है, तो इजैकुलेशन के बाद पेशाब का रंग में भी बदलाव नोटिस किया जा सकता है।
  4. वीर्य से दुर्गंध आनाः सामान्यतः वीर्य से किसी तरह की गंध नहीं आती है। हाइपोस्पर्मिया होने इस तरह की समस्या भी देखने को मिल सकती है। यही नहीं, हाइपोस्पर्मिया के कारण वीर्य बहुत ज्यादा पतला हो जाता है, जो कि बिल्कुल पानी जैसा नजर आता है।

हाइपोस्पर्मिया के कारण- Causes Of Hypospermia In Hindi

आमतौर पर हाइपोस्पर्मिया होने के पीछे किसी न किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या जिम्मेदार होती है। जैसे रेट्रोग्रेड इजैकुलेशन, एक्वायर्ड डक्ट ऑब्सट्रक्शन आदि। आपको बता दें कि रेट्रोग्रेड इजैकुलेशन एक ऐसी समस्या है, जिसमें सीमन ब्लैडर की ओर वापिस लौटने लगता है। इसके अलावा, टेस्टोस्टेरोन का प्रोडक्शन अपर्याप्त मात्रा में होना और किसी तरह का हार्मोन बदलाव के कारण भी हाइपोस्पर्मिया की समस्या हो सकती है।

हाइपोस्पर्मिया का ट्रीटमेंट- Treatment Of Hypospermia In Hindi

  1. हाइपोस्पर्मिया का इलाज करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले इसके कारण पर गौर करते हैं।
  2. अगर हाइपोस्पर्मिया किसी तरह के संक्रमण के कारण हो रहा है, तो उसकी रिकवरी के लिए दवा दी जाती है।
  3. हाइपोस्पर्मिया का इलाज अगर दवाओं से न हो, तो सर्जिकल प्रोसेस भी किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए मरीज की मेडिकल हेल्थ की पूरी जानकारी लेना आवश्यक होता है।
  4. हाइपोस्पर्मिया के इलाज के लिए सीमन प्रोडक्शन पर जोर दिया जाता है। इसके लिए, लाइफस्टाइल से जुड़े बदलाव भी अहम होते हैं।
All Image Credit: Freepik

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