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कीट पंतगों से आपको भी लगता है ज्यादा डर तो हो सकती है यह समस्या, जानें इसके लक्षण और कारण

What Is Entomophobia In Hindi: कीट-पतंगों से डर को एंटोमोफोबिया के नाम से जाना जाता है। जानें, यह बीमारी क्यों होती है और इसके होने पर किस तरह के लक्षण नजर आते हैं-
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कीट पंतगों से आपको भी लगता है ज्यादा डर तो हो सकती है यह समस्या, जानें इसके लक्षण और कारण


What Is Entomophobia Causes And Symptoms In Hindi: कीट-पंतग या इंसेक्ट से बहुत ज्यादा डरने को कहा जाता है, एंटोमोफोबिया। यह एक तरह का फोबिया होता है। इस फोबिया के अंतरर्गत व्यक्ति कीड़ों-मकौड़ों या इंसेक्ट्स को देखते ही या उनके बारे में सोचकर ही घबरा जाते हैं। यह एक ऐसा डर है, जिसे व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को समझा नहीं पाता है। लेकिन, कीड़े-मकौड़े देखते हुए उनके शरीर में कंपकंपी छूट जाती है और अचानक एंग्जाइटी सी होने लगती है। इस फोबिया के बारे में इस लेख में आगे और भी जरूरी बातें जानेंगे। तो पढ़ना जारी रखिए-

एंटोमोफोबिया किसे कहते हैं?- What Is Entomophobia In Hindi

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क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी बताती हैं, एंटोमोफोबिया से ग्रसित लोगों को इंसेक्ट्स या कीड़े मकौडों से बहुत ज्यादा डर लगता है। इस डर की वे व्याख्या नहीं कर सकते हैं। जैसा कि पहले भी बताया है कि एंटोमोफोबिया होने पर मरीज कीड़े के बारे में सोचने भर से डर और सिहरन से भर जाता है। ऐसे लोग अक्सर खुले में एक्सरसाइज करने या घूमने-फिरने से बचते हैं। इन्हें अक्सर यह डर सताता है कि वे घर से बाहर निकलेंगे और उन्हें कीड़े-मकौड़े दिख जाएंगे।" वह आगे कहती हैं, "यहां तक कि एंटोमोफोबिया से ग्रसित लोगों के मन में यह डर इतना ज्यादा बैठा हेता है कि उनकी डेली लाइफ भी इसकी वजह से प्रभावित होने लगती है। वे किसी भी इवेंट में जाने से बचते हैं या यह सुनिश्ति करते हैं कि जहां वे जा रहे हैं, वहां किसी भी तरह के कीड़े-मकौड़े या इंसेक्ट्स न हों। हद तो तब हो जाती है, जब एंटोमोफोबिया से पीड़ित कुछ लोग घर से बाहर तक निकलना बंद कर देते हैं।"

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एंटोमोफोबिया के कारण- Entomophobia Causes In Hindi

ट्रॉमाः एंटोमोफोबिया एक बड़ा कारण किसी तरह के ट्रॉमा को माना जाता है। जैसे अगर किसी को बचपन में किसी कीड़े ने काट दिया था, जिसकी वजह से बच्चे को बहुत ज्यादा तकलीफ झेलनी पड़ी थी और कई दिनों तक परेशान रहा था। समय के साथ-साथ यह तकलीफ बच्चे के मन में बैठ जाती है, जो एक समय के बाद फियर यानी डर में बदल जाता है। ऐसी कंडीशन कई बार एंटोमोफोबिया को ट्रिगर कर सकती है।

घर के सदस्यों का प्रभावः अगर घर में कोई व्यक्ति कीड़े-मकौड़ों से बहुत ज्यादा डरता है, तो इस स्थिति में बच्चा भी अपने आप कीड़े-मकौड़ों से डरने लगता है। समय के साथ-साथ यह डर गहरा होता जाता है, जो कि एंटोमोफोबिया में बदल जाता है।

जेनेटिक प्रॉब्लमः कई बार एंटोमोफोबिया जेनेटिकल भी हो सकता है। इसका मतलब है कि घर में पहले किसी को रहा है, तो संभवतः बच्चों को भी इस तरह की समस्या हो सकती है।

बाहरी कारकः बाहरी कारक भी एंटोमोफोबिया का कारण बन सकते हैं। जैसे अगर आप लंबे समय से ऐसी जगह रह रहे है, जहां इंसेक्ट्स की बहुत ज्यादा है। हर वक्त उनसे बचने के लिए तरह-तरह के तरकीब अपनाते रहे हैं, तो ऐसे में एक समय बाद कीड़े-मकौड़ों से अपने आप डर लगने लगता है। समय के साथ-साथ यह डर एंटोमोफोबिया में तब्दील हो जाता है।

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एंटोमोफोबिया के लक्षण- Entomophobia Symptoms In Hindi

एंटोमोफोबिया होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, जैसे-

साइकोलॉजिकल लक्षण

  1. एंग्जाइटी होना
  2. पैनिक अटैक
  3. बिहेवियर में बदलाव
  4. बार-बार कीड़े के बारे में सोचना
  5. हर समय कीड़े को लेकर घबराहट महसूस होना

शारीरिक लक्षण

  1. तेज हार्ट बीट
  2. पसीना आना
  3. चक्कर आना या सिर भारी होना
  4. मितली आना
  5. सांस लेने में तकलीफ होना
  6. सीने में दर्द या जकड़न महसूस होना
  7. अपच या पेट से जुड़ी समस्या होना
All Image Credit: Freepik

FAQ

  • फोबिया बीमारी के लक्षण क्या हैं?

    फोबिया मतलब एक किस्म का डर होता है। फोबिया को समय रहते कंट्रोल न किया जाए, तो यह चिंता और डिप्रेशन का कारण बन सकता है। आपको बता दें कि अलग-अगल किस्म के फोबिया होते हैं, जैसे एगोराफोबिया और सोशल फोबिया। हर तरह के फोबिया के लक्षण अलग-अलग होते हैं। 
  • कौन सी मानसिक बीमारी डर का कारण बनती है?

    फोबिया एक ऐसी बीमारी है, जो डर का कारण बनती है। फोबिया होने पर मरीज किसी एक चीज से इतना ज्यादा डर और दहशत में रहता है कि वह अपनी कंडीशन के बारे में किसी को समझा नहीं पाता है। अपने डर में बारे में सोचने भर से मन में बेचैनी और घबराहट बन जाती है।
  • फोबिया कैसे खत्म करें?

    फोबिया को जड़े से खत्म करना है, तो बेहतर है कि आप एक्सपर्ट से मिलें। वे आपको इससे रिकवरी के लिए सही गाइडेंस दे सकते हैं। हां, लाइफस्टाइल में कुछ बलाव करके, जैसे अच्छी डाइट लें, फोबिया को ट्रिगर करने वाली चीजों से दूर रहें, पर्याप्त नींद लें और शराब का सेवन न करें। इससे कुछ हद तक आप फोबिया को मैनेज कर सकेंगे।

 

 

 

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