Causes And Symptoms Of Nephrocalcinosis in Hindi: किडनी यानी गुर्दे शरीर में एक महत्वपूर्ण अंग हैं जो रक्त को छानते हैं, अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालते हैं, और शरीर में पानी और लवण(नमक) के संतुलन को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन, आज के समय में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं और खराब खानपान के कारण किडनी पर बहुत ज्यादा दबाव बढ़ गया है, जिस कारण किडनी से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ गई हैं। नेफ्रोकैल्सीनोसिस भी किडनी से जुड़ी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें किडनी के टिशू में बहुत ज्यादा मात्रा में कैल्शियम हो जमा हो जाते हैं। यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ती है और शुरुआत में इसके लक्षण नजर नहीं आते हैं। आज के इस लेख में आइए हम एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से जानते हैं कि नेफ्रोकैल्सीनोसिस यानी किडनी में कैल्शियम जमा होने के क्या कारण है और इस समस्या के होने पर शरीर पर क्या लक्षण नजर आते हैं?
नेफ्रोकैल्सिनोसिस के कारण - Causes Of Nephrocalcinosis in Hindi
नेफ्रोकैल्सिनोसिस की समस्या होने के पीछे कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जैसे-
- हाइपरकैल्सीमिया: ब्लड में कैल्शियम का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ने के कारण किडनी में कैल्शियम का जमाव हो सकता है। यह स्थिति हाइपर पैराथाइरोइडिज्म, विटामिन D की बहुत ज्यादा बढ़ना या कैल्शियम से भरपूर फूड्स का बहुत ज्यादा सेवन करने के कारण हो सकता है।
- हाइपरऑक्सालुरिया: यूरिन में ऑक्सेलेट का लेवल बढ़ने के कारण किडनी में कैल्शियम ऑक्सेलेट क्रिस्टल के रूप में जम हो सकते हैं, जिससे नेफ्रोकैल्सिनोसिस की समस्या यानी किडनी में कैल्शियम जमा हो सकता है।
- डिस्टल रेनल ट्यूब्यूलर एसीडोसिस: किडनी में कैल्शियम जमा होने का कारण एक ये स्थिति भी हो सकती है। इस स्थिति में किडनी यूरिन को सही तरीके से अम्लीकरण नहीं कर पाते है, जिसके कारण किडनी में कैल्शियम फॉस्फेट क्रिस्टल का जमाव होने लगता है।
- मेडुलरी स्पॉन्ज किडनी: यह एक जन्मजात स्थिति है जिसमें पीड़ित के किडनी के मेडुला में सिस्ट बन जाते हैं और इस कारण उसमें कैल्शियम का जमाव भी होने लगता है।
- दवाओं का सेवन: कुछ दवाओं के सेवन के कारण भी व्यक्ति को नेफ्रोकैल्सिनोसिस की समस्या हो सकती है। कुछ तरह की दवाओं का सेवन आपके शरीर में कैल्शियम के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं और नेफ्रोकैल्सिनोसिस की समस्या का कारण बन सकती हैं।
नेफ्रोकैल्सिनोसिस के लक्षण - Symptoms Of Nephrocalcinosis in Hindi
नेफ्रोकैल्सिनोसिस के लक्षण हर व्यक्ति की स्थिति और इस समस्या के होने के कारणों पर निर्भर करता है। लेकिन, इसके कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं-
- किडनी में कैल्शियम के जमाव से सूजन हो सकती है, जिससे पीठ, पेट या कमर में दर्द की समस्या हो सकती है।
- कैल्शियम क्रिस्टल पीड़ित व्यक्ति के यूरीन के रास्ते को बढ़ावा दे सकता है, जिससे यूरिन में ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।
- किडनी में इंफेक्शन के कारण बुखार और ठंड लगने की समस्या भी बढ़ सकती है।
- किडनी में कैल्शियम जमा होने के कारण इसके काम करने में गड़बड़ हो सकती है, जो सीधे आपके पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है, जिससे उल्टी और मतली की समस्या हो सकती है।
- नेफ्रोकैल्सिनोसिस के कारण आपको बार-बार पेशाब आने या प्यास लगने की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
नेफ्रोकैल्सिनोसिस एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, लेकिन इसके लक्षणों को पहचान कर और कारणों के बारे में पता लगाकर आप सही समय पर इस बीमारी का इलाज करवा सकते हैं। समय पर इस समस्या का इलाज करने से किडनी से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं को होने से रोका जा सकता है। इसलिए, अगर आपको इस तरह के लक्षण नजर आए या किडनी और यूरिन से जुड़ी कोई समस्या हो तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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FAQ
क्या खाने से किडनी हमेशा स्वस्थ रहती है?
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि आप संतुलित और हेल्दी फूड्स ही चुनें। ऐसे में आप अपनी डाइट में फाइबर, हेल्दी फैट, पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन का सेवन कर सकते हैं।किडनी खराब होने पर कहां दर्द होता है?
किसी भी व्यक्ति की किडनी में खराबी होने पर शरीर के कुछ हिस्से ऐसे हैं, जिसमें दर्द महसूस हो सकते हैं। पीठ के निचले हिस्से, पसलियों के नीचे, और रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ किडनी खराब होने पर दर्द महसूस होता है। यह दर्द अक्सर एक तरफ हो सकता है और पेट के निचले हिस्से तक भी फैल सकत है।किडनी प्रॉब्लम के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
किडनी की समस्या होने पर आपके शरीर में शुरुआती लक्षणों में थकान, भूख न लगना, पैरों में सूजन, पेशाब में बदलाव और स्किन में खुजली की समस्या हो सकती है।
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