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Dyslexia: डिस्लेक्सिया क्या है और क्यों होता है? 12 साल के शुभम की केस स्टडी से समझें इस बीमारी को

What Is Dyslexia In Hindi: डिस्लेक्सिया होने पर बच्चे को पढ़ने-लिखने और शब्दों को समझने में दिक्कत होती है।
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Dyslexia: डिस्लेक्सिया क्या है और क्यों होता है? 12 साल के शुभम की केस स्टडी से समझें इस बीमारी को


What Is Dyslexia In Hindi: 12 साल का शुभम (बदला हुआ नाम) अपनी एकेडेमिक स्टडीज में अच्छा कर रहा था। उसके पेरेंट्स को किसी तरह की प्रॉब्लम नहीं हो रही थी और उसका बिहेवियर भी सामान्य था। लेकिन, फिर भी उसके पेरेंट्स को अपने बेटे में कोई बात खटती थी, जो कि सही नहीं थी। कभी-कभी उसका बिहेवियर सामान्य बच्चों जैसा नहीं लगता था। वहीं, इस बात की पुष्टि के लिए कि क्या उनका बेटा ठीक है, वे उसे साइकोलॉजिस्ट दीपाली बत्रा के पास ले गए। वहां बच्चे से बातचीत, उसके बिहेवियर को समझने के बाद दीपाली बत्रा ने उसे एकेडेमी की किताबों के इतर एक किताब पढ़ने के लिए दी। तभी यह पता चला कि शुभम डिस्लेक्सिया का शिकार है। उसे शब्दों की पहचान नहीं है। स्कूल की किताबों के अलावा, कोई भी किताब पढ़ नहीं पाता है। अब पेरेंट्स को इस बात ने परेशान किया कि आखिर वह एकेडेमी की किताबें कैसे पढ़ रहा है? तो साइकोलॉजिस्ट दीपाली ने यह कंफर्म किया कि वह किताबों को रट लेता है। इसलिए, उसके स्कूल में उसके नंबर भी सामान्य आ जाते हैं। लेकिन, जैसे ही उसे और पढ़ने या लिखने दिया जाता है, वह नहीं कर पाता है। यह वही पल था, जब शुभम के पेरेंट्स को गहरा झटका लगा था।

यह केस स्टडी हमारे साथ क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी ने शेयर की है। उन्होंने ही शुभम का केस हैंडल किया। इस दौरान उन्हांने शुभम से बातचीत की और उसके बिहेवियर को नोटिस किया, जिससे पता चला कि वह डिस्लेक्सिया का शिकार है। उसे पढ़ने-लिखने या शब्दों को पहचानने में दिक्कत आती है। 

ओनलीमायहेल्थ ‘मेंटल हेल्थ मैटर्स’ नाम से एक विशेष सीरीज चला रहा है। इसके जरिए हम मानसिक विकारों और रोगों की बेहतर तरीके से अपने पाठकों को समझाने की कोशिश करते हैं। साथ ही इस सीरीज में हम मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं। आज इस सीरीज में हम आपको शुभ की केस स्टडी की मदद से ‘डिस्लेक्सिया’ के बारे में बताएंगे।

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डिस्लेक्सिया क्या है- What Is Dyslexia In Hindi

What Is Dyslexia In Hindi

मेयोक्लिनिक के अनुसार, ‘डिस्लेक्सिया सीखने-समझने और ध्वनियों को पहचानने की समस्या से जुड़ा मानसिक विकार है। इसके तहत मरीज को अक्षर और शब्दों को पहचानने में दिक्कत होती है। दूसरे शब्दों में आप कह सकते हैं कि डिस्लेक्सिया के कारण मरीज को पढ़ने की क्षमता सही तरह से विकसित नहीं हो पाती है। इस वजह से मरीज भाषा को भी समझ नहीं पाता है। डिस्लेक्सिया को हम बुद्धिमानी से जोड़कर नहीं देख सकते हैं। यही बीमारी होने पर मरीज की सुनने या देखने की क्षमता भी प्रभावित नहीं होती है। यहां तक कि अगर इन छात्रों को सही गाइडेंस मिले, स्पेशल एजुकेशन प्रोग्राम में दाखिला दिलाया जाए, तो ये बच्चे अच्छा कर सकते हैं और जीवन में सफल भी हो सकते हैं। हालांकि, डिस्लेक्सिया का कोई इलाज नहीं है। कभी-कभी पेरेंट्स समय रहते इस बीमारी का पता नहीं लगा पाते हैं और बच्चा लंबे समय तक इसी विकार से बिना डायग्नोस्ड रह जाता है। नतीजतन बच्चे को देर से मदद मिलती है, जो कि उनकी प्रोग्रेस को धीमा कर देता है।

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डिस्लेक्सिया का लक्षण- Symptoms Of Dyslexia In Hindi

Symptoms Of Dyslexia In Hindi

शुभम की बात करें, तो जब उसे स्कूल से अलग दूसरी किताबें दी गई पढ़ने के लिए, तो वह पढ़ नहीं पाया। इसी बात ने उसके पेरेंट्स का ध्यान अपनी ओर खींचा। जिसके बाद वे उसे एक्सपर्ट के पास ले गए। वैसे, डिस्लेक्सिया के अलग-अलग चरण में अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं।

स्कूल से पहले

  • देर से बातचीत करना सीखना।
  • नए शब्दों को सीखने में समय लगना।
  • बड़े या कठिन शब्दों को सही तरह से उच्चारण न कर पाना।
  • नाम, अक्षर या रंगों को याद रखने में कठिनाई होना।
  • नर्सरी क्लास की कविताओं को याद करने में मुश्किल होना।

स्कूल के दिनों में

  • औसत बच्चों की तुलना में पढ़ाई में कमजोर होना।
  • सुनी गई बातों को समझ न पाना।
  • सवालों के जवाब लिखते हुए कंफ्यूज हो जाना।
  • चीजां को सिक्वेंस में रखने में दिक्कत होना।
  • नए शब्दों को सही तरह से बोल न पाना।
  • स्पेलिंग याद करने में कठिनाई होना।
  • रीडिंग करने से बचना।

टीनेजर और एडल्ट्स में डिस्लेक्सिया के लक्षण

  • जोर-जोर से पढ़ने में दिक्कत होना।
  • धीमे या मन-मन में किताबें पढ़ना।
  • स्पेलिंग याद करने में दिक्कत होना।
  • नाम, बड़े शब्दों को गलत तरह से पढ़ना।
  • रीडिंग या राइटिंग से जुड़े टास्क को पूरा करने में औसत से ज्यादा समय लगना।
  • विदेशी भाषाओं को याद करने में दिक्कत होना।

डिस्लेक्सिया का कारण- Causes Of Dyslexia In Hindi

Causes Of Dyslexia In Hindi

किसी भी मानसिक विकार के सटीक कारणों का अब तक पता नहीं लगा हैं इसी तरह, डिस्लेक्सिया क्यों होता है, इसकी वजह स्पष्ट नहीं है। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार, ‘डिस्लेक्सिया मस्तिष्क के उन हिस्सों में व्यक्तिगत अंतर के कारण होता है, जो पढ़ने में सक्षम बनाते हैं। परिवार में अगर किसी को पहले से यह परेशानी है, तो भावी पीढ़ी में भी इस समस्या के होने का रिस्क बढ़ जाता है। एक्सपर्ट्स का दावा है कि डिस्लेक्सिया कुछ जीनों से जुड़ा हुआ है, जो ब्रेन को पढ़ने, भाषा सीखने और शब्दों को पहचानने के लिए सक्षम बनाता है।’

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डिस्लेक्सिया से जुड़े रिस्क- Complications Related To Dyslexia In Hindi

डिस्लेक्सिया कई समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे-

  • सीखने में दिक्कत होनाः डिस्लेक्सिया की वजह से बच्चों की पढ़ाई कमजोर हो जाती है। वे शब्दों की पहचान नहीं कर पाते हैं, इसलिए हर क्लास में अन्य बच्चों की तुलना में ज्यादा कमजोर रहते हैं। यहां तक कि उन्हें अपने साथी दोस्तों के साथ तालमेल बैठाने में भी दिक्कत आती है।
  • आत्मविश्वास की कमीः इस तरह के बच्चे जब अपने हमउम्र बच्चों से पीछे रह जाते हैं, तो इनका आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है। इनमें व्यवहार संबंधी समस्याएं, चिंता, वायोलेंस जैसी चीजें आ जाती है। ये बच्चे एक समय बाद अपने दोस्तों, माता-पिता और टीचर्स से दूर रहने लगते हैं।
  • बड़े होने के बाद अन्य परेशानियांः जब ये बच्चे सही तरह लिख-पढ़ नहीं पाते, भाषा सीख नहीं पाते हैं, तो इनकी ग्रोथ रुक जाती है। ये बच्चे भविष्य में आगे नहीं बढ़ पाते और कोई मुकाम हासिल नहीं कर पाते। इस कारण, इन्हें आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ता है और इनकी सोशल लाइफ भी कमजोर हो जाती है।

शुभम की तरह अगर आपके घर में भी ऐसा डिस्लेक्सिया का शिकार है, तो उसे उसे लेकर तुरंत एक्सपर्ट के पास जाएं। इस लेख में हम ‘डिस्लेक्सिया’ से जुड़ी सभी जानकारी देने की कोशिश की है। अगर फिर भी आपके मन में कोई सवाल रह गए हैं, तो हमारी वेबसाइट https://www.onlymyhealth.com में 'Dyslexia' से जुड़े दूसरे लेख पढ़ें या हमारे सोशल प्लेटफार्म से जुड़ें।

image credit: freepik

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