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PTSD क्या है और क्यों होता है? जानें 29 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अरमान की केस स्टडी से

पीटीएसडी जैसी समस्या तभी होती है, जब व्यक्ति के साथ कोई बुरी दुर्घटना घटी हो या फिर बचपन में सेक्सुअल एसॉल्ट हुआ हो।
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PTSD क्या है और क्यों होता है? जानें 29 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अरमान की केस स्टडी से

What Is PTSD Explained With A Real Case Study In Hindi: "28 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अरमान आज भले ही बहुत अच्छी लाइफ स्पेंड कर रहा है। लेकिन, जब वह मेरे पास आया था, उसी लाइफस्टोरी इतनी अच्छी नहीं थी। हालांकि, उसमें अब भी सुधार की गुंजाइश है। फिर भी मैं यह कहूंगी कि सही इलाज की मदद से आज अरमान की स्थिति बहुत अच्छी है। दरअसल, अरमान पीटीएसडी यानी पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर का शिकार था। यह एक गंभीर मानसिक रोग है। इसके मरीजों को बहुत ज्यादा केयर की जरूरत होती है। अच्छी बात ये है कि उसकी फैमिली उसे समय पर मेरे पास ले आई। उसका बचपन बाहरी तौर पर देखकर अच्छा लगता है। लेकिन, उसके पापा बहुत शराब पीते थे और नशे की हालत में घर के बच्चों और उसकी मां के साथ बदतमीजी करते थे, मारपीट करते थे। यही सब घटनाएं, अरमान के मन में कहीं गहरे तक बैठ गईं। जिनसे निकलना उसके लिए मुश्किल हो गया।"

यह केस स्टडी हमारे साथ क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और माइंडट्राइब की फाउंडर डॉ. प्रेरणा कोहली ने शेयर की है, जिन्होंने अरमान का सफलतापूर्वक ट्रीटमेंट किया। अरमान से बात करके और उसकी फैमिली हिस्ट्री जानकर डॉक्टर प्रेरणा को पता चलता था कि वह पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर का मरीज है।

ओनलीमायहेल्थ ऐसे मानसिक विकारों और रोगों की बेहतर तरीके से समझने के लिए ‘मेंटल हेल्थ मैटर्स’ नाम से एक विशेष सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के जरिए हम अलग-अलग मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं के बारे में अपने पाठकों को बताते हैं। आज इस सीरीज में हम आपको अरमान की केस स्टडी की मदद से ‘पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर’ के बारे में बताएंगे।

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क्या है पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर

पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर या पीटीएसएड एक गंभीर समस्या है। ऐसा व्यक्ति के साथ तब होता है, जब वह किसी बुरी दुर्घटना का शिकार हुआ होता है। इसमें कोई भी घटना शामिल हो सकती है, जैसे बचपन में मोलेस्टेशन होना, पेरेंट्स द्वारा मारपीट करना आदि। पीटीएसडी होने पर व्यक्ति के मन में डर घर कर जाता है, वह खुद को हेल्पलेस मानता है और बहुत ज्यादा मूड स्विंग होते हैं।

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पीटीएसडी के लक्षण

डॉ. प्रेरणा कोहली के शब्दों में, "अगर हम अरमान के लक्षणों की बात करें, तो वह घर में पिता द्वारा मारपीट करने, शराब पीकर हंगामा करने और अक्सर बच्चों पर अपना गुस्सा निकालने के कारण, अरमान काफी डर गया था। इस वजह से उसने लोगों से मिलना-जुलना छोड़ दिया था। हालांकि, वह बाहरी दुनिया के सामने खुद को फिट दिखाने की कोशिश करता था। लेकिन, उसकी इसी आदत ने उसे अंदर ही अंदर तोड़कर रख दिया। नतीजतन वह पीटीएसडी का श्किर हो गया।" डॉ. प्रेरणा कोहली पीटीएसडी के अन्य लक्षणों के बारे में बताती हैं-

पीटीएसडी कई प्रकार के लक्षणों को जन्म दे सकता है, जिन्हें चार मुख्य भागों में बांटा जा सकता है। हालांकि, यह गौर करने की बात है कि पीटीएसडी के हर मरीज में ये लक्षण दिखे,ये जरूरी नहीं है। इसकी गंभीरता व्यक्ति-दर-व्यक्ति अलग-अलग हो सकती है। यहां प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं-

  • व्यक्ति को बार-बार और अचानक दर्दनाक घटना याद आ जाती है और बार-बार खुद को दुखी महसूस करता है। जैसे अचानक कोई ऐसी चीज याद आना है, जिससे दुख मिला हो। यही नहीं, ऐसी यादों के बारे में सोचता है, जिससे परेशानी होती है, मन बेचैन हो जाता है।
  • पीटीएसडी से पीड़ित व्यक्ति अक्सर ऐसी किसी भी चीज़ से बचने की कोशिश करते हैं, जो उन्हें बुरी घटना याद दिलापती है। इसमें जगह, एक्टिविटी या ऐसे लोगों से दूर रहना, जिन्होंने उन्हें कष्ट दिया है या एब्यूज किया है।
  • अचानक मन की चीजें करने में रुचि न दिखाना।
  • किसी बुरी दुर्घटना के लिए खुद को ब्लेम करना।
  • मन में किसी दुर्घटना को लेकर गिल्ट से भर जाना।
  • लगातार नकारात्मक भावनात्मक स्थिति, जैसे उदासी, भय, क्रोध या चिड़चिड़ेपन से भरे रहना।
  • आसानी से चौंक जाना या लगातार घबराहट महसूस होना।
  • सोने में कठिनाई होना या बार-बार बुरे सपने आना।
  • मुश्किल से अपने काम या स्टडी में कंसंट्रेट कर पाना।

पीटीएसडी का कारण

ptsd causes

डॉ. प्रेरणा कोहली बताती हैं, "अरमान के मामले में उसकी फैमिली हिस्ट्री देखकर यह कहना मुश्किल नहीं था कि वह किसी तरह की मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर का शिकार है। इसके अलावा, उसे बार-बार अपने जॉब को कंटीन्यू करने में परेशानी हो रही थी। उसे बार-बार एंग्जाइटी अटैक आ जाते थे। इस तरह वह धीरे-धीरे पीटीएसडी का शिकार हो गया। इसका उसके रिश्तों पर भी गहरा असर पड़ा। यहां तक उसके दोस्त, रिश्तेदार और लव लाइफ भी बुरी तरह प्रभावित हो गई।" पीटीएसडी के कारणों की बात करें-

  • पीटीएसडी आनुवंशिक कारकों की वजह से हो सकता है। अगर घर का कोई सदस्य पीटीएसडी का मरीज है, तो भविष्य में उसकी नई पीढ़ी में यह समस्या देखी जा सकती है।
  • जिंदगी में बहुत दर्दनाक घटना हुई हो, परेशानी हुई हो तो भी पीटीएसडी हो सकता है। जैसे सेक्सुल ट्रॉमा, चाइल्डहुड एब्यूज, बचपन में एक्सिडेंट या किसी नेचुरल डिजास्टर देखा हो। 
  • आसपास का माहौल भी पीटीएसडी का जिम्मेदार हो सकता है। 

पीटीएसडी का इलाज

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जैसा कि डॉ. प्रेरणा कोहली ने शुरुआती दिनों में अरमान का एसेसमेंट किया। इसके बाद, एक रिपोर्ट तैयार की। इसी आधार पर उसका ट्रीटमेंट किया। शुरुआती दिनों में उसे थेरेपी दी, जो कि वाकई काफी मुश्किल थी। यही नहीं, उसे कस्टमाइज्ड ट्रीटमेंट दिया गया। उसके ट्रीटमेंट के लिए स्ट्रैटेजी तैयार की गई। इसके बाद जाकर, कहीं उसका इलाज संभव हो सका है। हालांकि, इसमें उसके फैमिली का सपोर्ट भी बहुत मायने रखता था। लेकिन, उसे यह समस्या उसके परिवार की वजह से ही हुई थी। इसके अन्य इलाज के तरीकों मेंसाइकिएट्रिस्ट की मदद से दवाई लेना, साइकोथेरेपी करवाना, ग्रुप थेरेपी करवाना और सपोर्टिव कांउसलिंग जेसी चीजें भी शामिल हैं।

पीटीएसडी के मरीज की मदद कैसे करें

  • खुद को इस बीमारी के बारे में एजुकेट करें। इसके प्रभावों को समझें। पीटीएसडी क्या होता है, यह जानने की कोशिश करें।
  • मरीज की हर बात को बहुत ध्यान से सुनें। वह सलाह मांगे, तो दें। अपनी तरफ से कोई सजेशन उन्हें न दें।
  • अगर व्यक्ति आपसे अपने दिल की बात कह रहा है, तो उसे बीच में टोके नहीं। इससे उसके मन में बुरा असर पड़ेगा।
  • जैसे ही स्थिति आपके हाथ से निकल जाए, आप एक्सपर्ट की मदद लें। आपको बता दें, पीटीएसडी के इलाज में अनुभवी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से ही करवाएं। 
  • पीटीएसडी से उबरने में समय लगता है। यह कोई हेल्थ कंडीशन नहीं है, जिसे दवा से ठीक किया जा सकता है। इसलिए अपना धैर्य बनाए रखें।
  • कौन सी बातें पीटीएसडी को ट्रिगर करती है, इस बात पर ध्यान रखें। इस तरह की चीजों को सामने आने से रोकें।
  • समय-समय पर अपनी मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखें। जब भी समय मिले, अपने दोस्तों के साथ घूमने जाएं।

अरमान की तरह अगर आपके घर में भी ऐसा कोई है, जिसे पीटीएसडी है, तो आप सावधान हो जाएं। उसे लेकर तुरंत एक्सपर्ट के पास जाएं। इस लेख में हम ‘पीटीएसडी' से जुडी सभी जानकारी देने की कोशिश की है। अगर फिर भी आपके मन में कोई सवाल रह गए हैं, तो हमारी वेबसाइट www.onlymyhealth.com में 'PTSD' से जुड़े दूसरे लेख पढ़ें या हमारे सोशल प्लेटफार्म से जुड़ें।

image credit: freepik

 

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