Does Crying Reduce Stress In Hindi: रोना इंसान की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। हम कई तरह की परिस्थितियों में रो लेते हैं, जैस दुख, दर्द, तनाव, खुशी और मूड स्विंग आदि। वैसे भी कहा जाता है कि रोने से मन हल्का हो जाता है। यही नहीं, रोने का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ता है। जैसे, रो लेने से स्ट्रेस रिलीज होता है, एंग्जाइटी कम होती है और डिप्रेस्ड व्यक्ति का मूड भी बेहतर हो जाता है। अब यहां सवाल उठता है कि क्या वाकई रोने का स्ट्रेस से कोई संबंध है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए आइए लेख आगे पढ़ते हैं।
रोने का स्ट्रेस रिलीज होने से संबंध
मेडिकल न्यू टूडे के अनुसार, "जब व्यक्ति स्ट्रेस के कारण रोता है, तो उसकी आंखों से आंसू के साथ-साथ कई तरह के केमिकल्स और स्ट्रेस हार्मोंस भी रिलीज होते हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो रोने से जब ये केमिल और स्ट्रेस हार्मोन रिलीज हो जाते हैं, तो मन धीरे-धीरे हल्का होने लगता है और दिमाग में जो भारीपन होता है, वह भी कम हो जाता है।" वहीं, हावर्ड मेडिकल स्कूल में प्रकाशित लेख के अनुसार, "रोना बहुत जरूरी है। आमतौर पर लोग जब बहुत दुखी या उदास होते है, उस स्थिति में रो लेना जरूरी है। अगर व्यक्ति नहीं रोता है, तो उसके मन में अलग किस्म का द्वंद्व चलता रहता है, वह उसके लिए बहुत ही कठिन दौर हो जाता है। कई अध्ययनों से भी यह बात साबित हो चुकी है कि अगर मन भारी हो, स्ट्रेस बहुत ज्यादा हो तो ऐसे में इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, ब्लड प्रेशर कम हो जाता है, तनाव, चिंता और डिप्रेशन होने का रिस्क भी बढ़ाता है। वहीं, अगर व्यक्ति रो लेता है, अपने किसी साथी के साथ बातचीत कर लेता है, इससे उनका दुख कम हो जाता हे, व्यवहार पोजिटिव हो जाता है और वे अपने करीबियों के साथ नजदीकी भी महसूस करते हैं।"
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रोने के अन्य फायदे
रोने से मूड बेहतर होता है
सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और साइकोथैरेपिस्ट दीपाली बेदी कहती हैं, "कई बार रोने को कमजोरी से जोड़कर देखा जाता है। जबकि, रोना हमारे ओवर ऑल स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। जैसा कि पहले ही बताया जाता है कि रोने से स्ट्रेस हार्मोन रिलीज हो जाते हैं। इससे तनाव का स्तर कम हो जाता है और मूड बेहतर होता है।"
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मन शांत रहता है
सीनियर कंसलटेंट साइकेट्रिस्ट (MD Psychiatry) डॉ. विजय पाठक के अनुसार, "जब आप रोते हैं, तो इसेस पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिव हो जाता है। पीएनएस शरीर का खाना पचाने और रिलैक्स करने में मदद करता है। जबकि, यह आपको पता ही होगा कि स्ट्रेस के कारण पेट में दर्द, सीने में जलन जैसी कई समस्याएं हो जाती है, जिससे मन अस्थिर हो जाता है। वहीं, अगर आप रो लेते हैं, तो मन शांत हो जाता है और अच्छा महसूस होता है।"
दर्द से राहत महसूस होती है
सीनियर कंसलटेंट साइकेट्रिस्ट (MD Psychiatry) डॉ. विजय पाठक आगे कहते हैं, "चाहे, आपको भावनात्मक दर्द हो या शारीरिक। अगर आप रो लेते हैं, तो इससे दर्द की गंभीरता को कम करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, रोने से एंडोर्फिन रिलीज होता है, जो कि दर्द के अहसास को कम करने में मदद करता है। रोने के बाद फील गुड का अहसास होता है और तीव्र से तीव्र दर्द को कम करने में भी यह भूमिका निभाता है।"
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