What Is Separation Anxiety In Hindi: 35 वर्षीय रिया को अक्सर अपने करीबियों को खोने का डर सताता रहता था। उसे पता था कि ऐसा डर सबके अंदर होता है। इसलिए, उसे कभी काफी सालां तक यह नहीं लगा कि उसके अंदर जो डर बैठा है, वह धीरे-धीरे गहराता जा रहा है। यहां तक कि उसका यह डर एंग्जाइटी में बदल गया। जब भी कोई अपना उससे दूर जाता, वह परेशान हो उठती। थोड़ी-थोड़ी देर में कॉल करती और पूछती थी कि क्या वह सही है? उसकी इस आदत ने घर कई सदस्यों को परेशान कर दिया था। रिया की इस आदत ने जब उसकी निजी लाइफ को पूरी तरह डिस्टर्ब कर दिया, तब वह साइकोलॉजिस्ट के पास पहुंची। जहां उसे पता चला कि वह सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर की शिकार है।
रिया की यह केस स्टडी क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और माइंडट्राइब की फाउंडर डॉ. प्रेरणा कोहली ने शेयर की। रिया की बातचीत के जरिए डॉ. कोहली को पता चला कि सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर की मरीज है।
ओनलीमायहेल्थ ‘मेंटल हेल्थ मैटर्स’ नाम से एक विशेष सीरीज चला रहा है। इस सीरीज में आपको कई तरह की मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर के बारे में जानने को मिलेगा। आज की इस सीरीज में हम आपको रिया की कहानी के माध्यम से बता रहे हैं कि सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर क्या होता है। इसमें आपको लक्षण, कारण और इलाज जानने को मिलेंगे। साथ ही, जान सकेंगे कि आखिर किसी नजदीकी को अगर सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर हो जाए, तो कैसे उसका साथ दिया जा सकता है।
क्या है सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर- What Is Separation Anxiety Disorder In Hindi
सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर एक तरह की मनोवैज्ञानिक स्थिति है। यह समस्या होने पर मरीज में अपनों को खोने का डर बहुत ज्यादा सताता रहता है। यहां तक उसका यह डर एंग्जाइटी में बदल जाता है, जो व्यक्ति की निजी लाइफ को प्रभावित करता है।
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सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर के लक्षण- Symptoms Of Separation Anxiety Disorder In Hindi
रिया अक्सर हेल्थ इश्यूज से गुजरती थी, अक्सर मन में डर बेठजा रहता था, इसलिए बार-बार अपनों के पास जाने के बहाने तलाशती रहती थी। वह किसी को भी खुद से अलग नहीं करना चाहती थी। वहीं, सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर के कई अन्य लक्षण हो सकते हैं, जैसे-
- अकेले रहने की आदत
- अलगाव से डर
- बहुत ज्यादा चिंता करना
- अपनों को खोने के बारे में बहुत ज्यादा सोचना
- अलगाव के डर की वजह से शारीरिक समस्याएं होना
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सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर का कारण- Causes Of Separation Anxiety Disorder In Hindi
डॉ. कोहली की मानें, तो रिया को सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर एन्वायरमेंटल फैक्टर की वजह से हुआ। उसके परिवार में ऐसा कुछ हुआ था, जिस वजह से उसे अपनों को खोने का डर बैठ गया। यह डर धीरे-धीरे उसकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को इफेक्ट करने लगा। इसके अन्य कारणों इस प्रकार हैं-
- जेनेटिकल फैक्टर
- स्वभाव
- परिवार में पहले किसी को स्ट्रेस या एंग्जाइटी डिसऑर्डर
- जीवन में से जुड़ तनाव या कोई एक्सीडेंट
- कोई बड़ा बदलाव
- कभी कोई रिश्ता टूटना या अलगाव होना
सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर का उपचार- Treatment Of Separation Anxiety Disorder In Hindi
डॉ. प्रेरणा कोहली ने रिया का ट्रीटमेंट किया। इस दौरान उन्होंने उसकी फैमिली हिस्ट्री जानी, उसकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में क्या चल रहा है, इस बारे में जाना। इसी के आधार पर उसका उपचार किया गया। ट्रीटमेंट के दौरान रिया की पर्सनालिटी को बदलने की कोशिश की गई, उसे अपने इमोशंस कंट्रोल करना सिखाया गया, किसी भी तरह के दबाव को कैसे डील करना, यह समझाया गया। इसी तरह, धीरे-धीरे उसे यह सिखाया गया कि अगर किसी से दूर हो जाएं, तो कंडीशन को कैसे स्वीकार करना है। सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर के अन्य उपचार के तरीके इस प्रकार हैं-
कॉग्नीटिव बिहेवियरल थेरेपी लेना
- एक्सपर्ट की मदद लेना
- बहुत गंभीर मामलां में दवाई लेना
- व्यक्ति को अपनी लाइफ को मैनेज करना सिखाना
- किसी भी बात पर चिंता करने से पहले तर्क संगत यानी रीजनिंग रवैया रखना
सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर के मरीज की मदद कैसे करें- How To Help Someone With Separation Anxiety Disorder In Hindi
सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर से गुजर रहे व्यक्ति को एकदम से खुद से दूर न करें। उनकी लाइफस्टाइल को मैनेज करें, उन्हें अलग होने को स्वीकार करना सिखाएं। बेहतर होगा कि इस संबंध में आप प्रोफेशनल्स से मदद लें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल- Frequently Asked Questions
एंग्जाइटी डिसऑर्डर का मतलब क्या होता है?
आमतौर पर हर व्यक्ति को अपने छोटे-मोटे काम को लेकर चिंता होती है। वहीं, अगर व्यक्ति की चिंता बढ़ जाए, तो यह एंग्जाइटी डिसऑर्डर में बदल जाता है। एंग्जाइटी होने पर व्यक्ति में डर की भावना उत्पन्न होने लगती है।
एंग्जाइटी कब तक ठीक होता है?
एंग्जाइटी डिसऑर्डर का ट्रीटमेंट लंबे समय तक चलता है। जरूरी हो, तो मरीज को दवा भी दी जाती है और प्रोफेशनल्स मरीज की काउंसलिंग भी करते हैं। यह व्यक्ति की सिचुएशन पर निर्भर करता है कि उसकी हालत कितनी गंभीर है।
एंग्जाइटी के शारीरिक लक्षण क्या है?
एंग्जाइटी होने पर व्यक्ति में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे अनियमित दिल का धड़कना, बहुत ज्यादा पसीना आना, सांस फूलना, सीने में दर्द या जलन का अहसास होना, घबराहट महसूस होना, हाथ-पैर कांपना आदि।