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सहजन की तासीर कैसी होती है? जानें किसे इसका सेवन करना चाहिए और किसे नहीं?

सहजन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इसकी तासीर ठंडी होती है। ऐसे में आयुर्वेदाचार्य की सलाह अनुसार इसे आप अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।
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सहजन की तासीर कैसी होती है? जानें किसे इसका सेवन करना चाहिए और किसे नहीं?


Drumstick Taseer In Hindi: सहजन, जिसे हम मोरिंगा के नाम से भी जानते हैं। यह बहुत ही फायदेमंद पौधा है। विशेषज्ञों का कहना है कि मोरिंगा का सेवन सबको करना चाहिए। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद है। जैसे इसका सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं और लिवर से जुड़ी परेशानियों का जोखिम भी कम होता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व भी पाए जाते हैं, जिसकी वजह से यह सूजन संबंधी समस्याओं को दूर रखने में मददगार साबित हो सकता है। बहरहाल, कई बार लोगों को इसका सेवन करते समय यह पता नहीं होता है कि आखिर इसकी तासीर क्या है? ऐसे में किन लोगों को इससे दूर रहना चाहिए, इसकी जानकारी पर्याप्त नहीं होती है। अगर आप सहजन खाने का भरपूर लाभ उठाना चाहते हैं, तो पहले इसकी तासीर के बारे में जान लें। यही नहीं, इस लेख में आपको यह भी पता चलेगा कि किन लोगों को इसका सेवन करना चाहिए और किन लोगों को नहीं। आइए, Divya Gandhi's Diet & Nutrition Clinic की डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से जानते हैं इनके बारे में।

सहजन की तासीर कैसी होती है?- What Is Drumstick Taseer In Hindi

What Is Drumstick Taseer In Hindi

आयुर्वेद के अनुसार सहजन या मोरिंगा सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसका सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। आयुर्वेदाचार्यों की मानें, तो जो लोग सहजन को अपनी बैलेंस्ड डाइट का हिस्सा बनाते हैं, उनके बीमार होने का जोखिम कम रहता है। खैर, सवाल ये है कि आखिर सहजन की तासीर क्या है? इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि सहजन की तासीर ठंडी होती है। यह शरीर में अतिरिक्त गर्मी या पित्त दोष को बैलेंस करने में मदद करता है।’ विशेषज्ञ आगे सलाह देते हैं कि बहुत कम पाचन अग्नि (अग्नि) वाले या पाचन संबंधी समस्याओं से ग्रस्त लोगों को इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। अगर उन्हें इसका सेवन करना है, तो बेहतर होगा कि इस संबंध में एक बार एक्सपर्ट से बात कर लें।

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किन स्थितियों में सहजन का सेवन न करें

पेट से जुड़ी बीमारियों मेंः अगर किसी को अक्सर पेट से जुड़ी बीमारी रहती है या फिर पाचन संबंधी समस्या बनी रहती है, तो उन्हें सहजन का सेवन करने से बचना चाहिए। दरअसल, सहजन में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो पाचन संबंधी समस्या को बढ़ा सकते हैं।

ब्रेस्टफीडिंग कराने के दौरानः वैसे तो यह माना जाता है कि ब्रेस्टफीडिंग में मोरिंगा या सहजन का सेवन करना अच्छा होता है। लेकिन, अब तक इसमें पर्याप्त शोध मौजूद नहीं हैं, जो इस दावे को पुख्ता तौर पर सही कह सके। इसलिए, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मोरिंगा का सेवन करने से बचना बेहतर होता है।

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प्रेग्नेंसी मेंः मोरिंगा में एंटी-इंप्लांटेशन प्रॉपर्टीज होती हैं। यही कारण है कि विशेषज्ञ उन महिलाओं को इसका सेवन करने से मना करते हैं, जो प्रेग्नेंट हैं या प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं।

कुल मिलाकर कहने की बात ये है कि सहजन का सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। लेकिन, कई स्थितियों में इसका सेवन करने से बचना चाहिए। अगर आपको इसे अपनी बैलेंस्ड डाइट का हिस्सा बनाना है, तो बेहतर होगा कि एक बार विशेषज्ञ से इस बारे में जान लें।

All Image Credit: Freepik

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