What is Cold Diarrhea: सर्दियों का मौसम भले ही गर्मी और चिलचिलाती धूप से राहत देता है, लेकिन इस मौसम में बीमारियों का खतरा उतना ही बढ़ जाता है। खासतौर से बुजुर्गों और बच्चों को सर्दियों के मौसम में बीमार होने का खतरा ज्यादा ही रहता है। मौसम बदलते ही इन्फेक्शन, सर्दी-जुकाम और पेट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। छोटे बच्चों की सेहत पर इसका ज्यादा असर देखने को मिलता है। इस मौसम में बच्चों में उल्टी, दस्त, खांसी-जुकाम और बुखार जैसी परेशानियां बढ़ जाती हैं। इन परेशानियों को नजरअंदाज करना खतरनाक होता है। सर्दी के मौसम में कोल्ड डायरिया (Cold Diarrhea in Hindi) के मामले भी बढ़ जाते हैं। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं कोल्ड डायरिया क्या है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।
क्या है कोल्ड डायरिया?- What is Cold Diarrhea in Hindi
कमजोर इम्यूनिटी के कारण सर्दियों के मौसम में बच्चे कोल्ड डायरिया का शिकार हो जाते हैं। लेकिन कोल्ड डायरिया सिर्फ बच्चों को ही नहीं बड़े और बुजुर्गों को भी हो सकता है। दरअसल ठंड लगने की वजह से कोल्ड डायरिया की बीमारी होती है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ समीर कहते हैं कि, "ठंड लगने की वजह से बुखार, खांसी, जुकाम और लूज मोशन की समस्या को ही कोल्ड डायरिया कहते हैं। इस बीमारी में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और कमजोर इम्यूनिटी के कारण यह बीमारी शरीर को अपनी चपेट में ले लेती है।" सर्दियों में कोल्ड डायरिया के मामले बच्चों में सबसे ज्यादा देखे जाते हैं। इस बीमारी की वजह से बच्चे बहुत कमजोर हो जाते हैं और कई दूसरी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
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कोल्ड डायरिया के कारण- What Causes Cold Diarrhea in Hindi
कोल्ड डायरिया के मुख्य कारण कमजोर इम्यूनिटी और ठंड लगना हैं। ठंड लगने की वजह से मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है और इसकी वजह से सर्दी-जुकाम हो जाता है। सर्दी-जुकाम और बुखार के कारण बच्चे रोट्रो और नोरो वायरस की चपेट में आ जाते हैं और इसकी वजह से दस्त, उल्टी और मतली की समस्या होने लगती है। बाहर का खाना खाने, दूषित पानी पीने और ठंड लगने की वजह से बच्चे, बड़े और बुजुर्ग कोल्ड डायरिया का शिकार हो सकते हैं।
कोल्ड डायरिया के लक्षण- Cold Diarrhea Symptoms in Hindi
ठंड और वायरस अटैक के कारण होने वाली बीमारी कोल्ड डायरिया में बच्चों को सर्दी-जुकाम, बुखार, मांसपेशियों में दर्द के साथ उल्टी और दस्त की समस्या होती है। एक दिन में दो से तीन बार दस्त और उल्टी होने को कोल्ड डायरिया का लक्षण माना जाता है। ठंड की वजह से बच्चे पानी भी कम पीते हैं, जिसके कारण शरीर में पानी की कमी होने का खतरा बना रहता है। इस स्थिति में कोल्ड डायरिया का अटैक गंभीर हो जाता है।
कोल्ड डायरिया से बचाव के उपाय- Cold Diarrhea Prevention in Hindi
कोल्ड डायरिया का खतरा आमतौर पर बच्चों को ज्यादा रहता है। 3 से 5 साल के बच्चों में यह समस्या सर्दियों के मौसम में खूब होती है। इससे बचने के लिए बच्चों को गुनगुना और लिक्विड डाइट देनी चाहिए। इसके अलावा रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाने से इस बीमारी का खतरा कम होता है। कोल्ड डायरिया कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चों में ज्यादा होता है, इसलिए बच्चों की डाइट में ऐसे फूड्स शामिल करने चाहिए, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं।
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इसके अलावा बच्चों को ठंड से बचाना चाहिए। सर्दी के मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को बाहर का खाना या शादी-पार्टी में भी खाने से बचना चाहिए। कोल्ड डायरिया के लक्षण दिखते ही सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इस समस्या को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है।
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