
ठंड लगातार बढ़ रही है, साल खत्म होने के साथ तापमान का पारा भी धीरे-धीरे गिर रहा है। तापमान गिरने का बुरा असर बच्चों पर भी पड़ता है। ऐसे ही मौसम में बच्चों को ठंड लगने का खतरा बढ़ जाता है जिसके कारण मासूम डायरिया, जुकाम, खांसी जैसी समस्याओं के शिकार हो जाते हैं। शीत लहर का असर बच्चों पर ज्यादा होता है इसलिए आपको अपने बच्चे के लिए खास एहतियात बरतने की जरूरत है। लखनऊ के डफरिन अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ सलमान खान ने बताया कि इस मौसम में आपको बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखना होगा। अगर आपको बच्चे में दस्त, बुखार, गले में खराश, जुकाम आदि लक्षण नजर आएं तो अस्पताल में जाकर डॉक्टर से इलाज करवाएं। इसके साथ ही बच्चे को सभी जरूरी वैक्सीन लगवाएं। इस लेख में हम बच्चों को ठंड लगने के जोखिम, लक्षण और बचाव के टिप्स पर चर्चा करेंगे।
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बच्चों को ठंड लगने पर ये लक्षण नजर आते हैं (Symptoms of cold in kids)
ठंड लगने पर बच्चों में ये लक्षण नजर आ सकते हैं-
- बच्चों को ठंड लगने पर गले में दर्द की समस्या हो सकती है।
- ठंड लगने पर बच्चे के व्यवहार में चिड़चिड़ापन भी नजर आ सकता है।
- ठंड के कारण बच्चे को बोलने में परेशानी या गले में खराश भी हो सकती है।
- ठंड लगने पर बच्चे के शरीर में कमजोरी के लक्षण भी नजर आ सकते हैं।
- ठंड के कारण बच्चे के शरीर का तापमान बढ़ सकता है।
- बच्चे को ठंड लगने पर सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
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बच्चों को ठंड लगने पर होने वाले खतरे (Risks involved with cold in kids)
ठंड लगने पर बच्चों में इन समस्याओं का खतरा रहता है-
- ठंड लगने से बच्चे की तबीयत गंभीर रूप से बिगड़ सकती है। ठंड बढ़ने के कारण बच्चे के डायरिया की समस्या हो सकती है।
- ठंड लगने पर बच्चों में जुकाम के लक्षण नजर आ सकते हैं, ये केस ठंड के दिनों में बढ़ जाते हैं।
- ठंड लगने से बच्चे को बुखार भी आ सकता है, इस स्थिति में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- ठंड लगने पर बच्चे को निमोनिया, सांस से जुड़ी बीमारी, पेट दर्द की समस्या आदि शिकायतें भी हो सकती हैं।
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बच्चों को ठंड से कैसे बचाएं? (How to prevent kids from cold)
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इन तरीकों से बच्चों को ठंड से बचा सकते हैं-
- अगर आपका बच्चा पांच वर्ष या उससे कम उम्र का है और ज्यादा ठोस आहार नहीं लेता है तो आप बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए उसे दाल का पानी पिलाएं, ताजे फल का रस पिलाएं, दूध दें, टमाटर का सूप या वेजिटेबल सूप पिला सकते हैं।
- अगर बच्चे को दस्त हो गए हैं तो आप बच्चे के शरीर में नमक की कमी हो सकती है जिसे दूर करने के लिए आप बच्चे को ओआरएस घोल पिला सकते हैं।
- ठंड के दिन में बच्चे को ठंडी हवा न लगे इसके लिए आप बच्चे के कमरे में हवा न आनें दें, वहीं कमरा गरम करने के लिए हीटर का इस्तेमाल करने से बचें।
- हीटर के कारण कमरे की नमी कम हो जाती है जिससे बच्चे की सांस लेने की नली में सूजन या सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
- बच्चे को गरम कपड़े पहनाकर रखें पर ज्यादा लेयर्स में बच्चे को लपेटने से आपको बचना चाहिए।
- बच्चे को ठंड के दिनों में गुनगुना, ताजा खाना ही खिलाएं।
- अगर बच्चा छोटा है तो उसे स्तनपान करवाएं, इससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहेगी।
ठंड के दिनों में भी बच्चे के शरीर और उसके आसपास सफाई बनाए रखें, गंदगी से भी कई बीमारियां बच्चों को अपना शिकार बना लेती हैं इसलिए बचाव के लिए आप बच्चों को साफ और सुरक्षित जगह पर ही रखें।
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