बारिश का मौसम केवल वायरल फीवर और सर्दी-खांसी ही नहीं लाता, बल्कि कई बार कुछ गंभीर इंफेक्शन भी इस मौसम में बढ़ जाते हैं। ऐसे ही इंफेक्शन में एक नाम आता है ब्रूसेलोसिस (Brucellosis) का, जो एक बैक्टीरियल डिजीज है और इंसानों में जानवरों के संपर्क में आने से फैलती है। ये बीमारी, ज्यादातर उन लोगों को होती है जो पशुपालन, डेयरी, मांस उद्योग या जानवरों से जुड़े कार्यों में रहते हैं। संक्रमित जानवरों का दूध, मांस या पेशाब-खून जैसे बॉडी फ्लूइड्स के जरिए यह इंफेक्शन, इंसानों में पहुंचता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह एक ज़ूनॉटिक डिजीज (Zoonotic Disease) है यानी जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है।
ब्रूसेलोसिस कई बार मामूली बुखार जैसा लगता है, लेकिन जब समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह शरीर के कई अंगों पर असर डाल सकता है, खासकर जॉइंट्स, लिवर और हार्ट। इस लेख में हम जानेंगे कि ब्रूसेलोसिस क्या है, इसके लक्षण, कारण, बचाव के उपाय और इलाज के बारे में। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
ब्रूसेलोसिस क्या है?- What is Brucellosis
ब्रूसेलोसिस एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो ब्रुसेला (Brucella) नाम के बैक्टीरिया से होता है। यह बैक्टीरिया ज्यादातर जानवरों (जैसे गाय, भैंस, बकरी, सूअर, भेड़) में पाया जाता है और उनके शरीर के फ्लूइड्स के संपर्क में आने से इंसानों में प्रवेश करता है। इस रोग को माल्टा फीवर (Malta Fever) या भी कहा जाता है।
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ब्रूसेलोसिस के लक्षण- Symptoms of Brucellosis
ब्रूसेलोसिस के लक्षण अक्सर सामान्य बुखार जैसे होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे ये गंभीर रूप ले सकते हैं-
- बार-बार बुखार आना (Intermittent Fever)
- ज्यादा पसीना आना, खासकर रात में
- सिरदर्द और बदन दर्द
- भूख में कमी और थकान
- पीठ दर्द और जोड़ों में सूजन
- मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन
- कुछ मामलों में लिवर, स्प्लीन या हार्ट वाल्व्स पर असर
अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत जांच करवाना जरूरी है।
कैसे फैलता है ब्रूसेलोसिस?- Transmission of Brucellosis
ब्रूसेलोसिस इन तरीकों से फैल सकता है-
- अधपका या कच्चा दूध, मांस या चीज खाना
- संक्रमित जानवर के संपर्क में आना
- जानवरों के खून, पेशाब या डिलीवरी फ्लूइड्स को बिना सुरक्षा के छूना
- इनफेक्टेड जानवरों की हवा में फैली बूंदें सांस से अंदर लेना
- यह बीमारी इंसान से इंसान में आमतौर पर नहीं फैलती, लेकिन इंफेक्शन से बचाव जरूरी है।
ब्रूसेलोसिस की जांच कैसे होती है?- Diagnosis of Brucellosis
अगर आपके शरीर में ब्रूसेलोसिस के लक्षण नजर आते हैं और आप पशुओं के संपर्क में आते हैं, तो डॉक्टर नीचे दिए गए टेस्ट करा सकते हैं-
- ब्लड टेस्ट
- सीरोलॉजिकल टेस्ट
- कल्चर टेस्ट
- एमआरआई या एक्स-रे
ब्रूसेलोसिस का इलाज क्या है?- Treatment of Brucellosis
ब्रूसेलोसिस का इलाज पूरी तरह संभव है अगर समय पर शुरू किया जाए-
- एंटीबायोटिक्स का कोर्स 6-8 हफ्तों तक चलता है।
- दर्द और सूजन के लिए पेन किलर्स दिए जाते हैं।
- ज्यादा गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है।
- कभी-कभी इंफेक्शन दोबारा भी हो सकता है, इसलिए पूरा कोर्स खत्म करना जरूरी होता है।
ब्रूसेलोसिस से बचाव कैसे करें?- Prevention of Brucellosis
ब्रूसेलोसिस से बचने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें-
- हमेशा पाश्चराइज्ड दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें।
- जानवरों को टच करते समय दस्ताने, मास्क वगैरह पहनें।
- मांस को अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं।
- पशु डिलीवरी या गाय, भैंस के इलाज में सावधानी बरतें।
- डेयरी या फार्म में काम करने वालों को नियमित जांच करवाते रहना चाहिए।
ब्रूसेलोसिस एक गंभीर बैक्टीरियल रोग है। अगर आप पशुपालन या दूध-डेयरी उद्योग से जुड़े हैं, तो इस रोग की जानकारी रखना और समय पर टेस्ट कराना आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
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FAQ
ब्रुसेलोसिस वायरस के लक्षण क्या हैं?
ब्रुसेलोसिस में बुखार, पसीना, सिरदर्द, थकान, भूख कम लगना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण होते हैं। ये लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं और कई बार महीनों तक बने रह सकते हैं।ब्रुसेलोसिस होने पर क्या नहीं करना चाहिए?
इंफेक्शन के दौरान अधपका मांस या कच्चा दूध न खाएं। बिना दस्ताने जानवरों को न छुएं। एंटीबायोटिक कोर्स अधूरा न छोड़ें और खुद से इलाज न करें। थकान और भारी काम से बचें।क्या ब्रुसेलोसिस से गर्दन में दर्द हो सकता है?
हां, ब्रुसेलोसिस से जोड़ों और मांसपेशियों में सूजन हो सकती है, जिससे गर्दन, पीठ या रीढ़ में दर्द हो सकता है। लंबे समय तक इंफेक्शन रहने पर ये लक्षण ज्यादा नजर आते हैं।