What is Periodic Fever: शरीर में किसी तरह की गड़बड़ी होने पर व्यक्ति को सबसे पहले बुखार की समस्या होती है। बुखार आमतौर पर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। अगर दो दिन से ज्यादा लगातार बुखार बना रहे, तो डॉक्टर की सलाह लेकर आपको जांच जरूर करानी चाहिए। बुखार आने पर शरीर का तापमान बढ़ जाता है। शरीर का नार्मल तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है और बुखार आने पर यह 100.4 डिग्री से ज्यादा हो जाता है। अगर आपको बार-बार बुखार आता रहता है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। बार-बार बुखार आने की समस्या को एपिसोडिक फीवर या पीरियोडिक फीवर (Periodic Fever in Hindi) कहा जाता है। यह समस्या 5 साल से कम उम्र के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में देखी जा सकती है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं पीरियोडिक फीवर के बारे में।
क्या है पीरियोडिक फीवर?- What is Periodic Fever in Hindi
पीरियोडिक फीवर या बार-बार बुखार आने की समस्या आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के शिशुओं में होती है। लेकिन यह समस्या शिशुओं के अलावा किसी भी उम्र के व्यक्ति को भी हो सकती है। इसे पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम भी कहा जाता है। ज्यादातर लोगों को यह समस्या आनुवांशिक कारणों से होती है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि, "पीरियोडिक फीवर जेनेटिक डिफेक्ट की वजह से सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा कई अन्य समस्याओं के कारण भी आपको इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।" आमतौर पर पीरियोडिक फीवर की समस्या शिशुओं में देखी जाती है। शिशुओं के शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होता है और इसकी वजह से यह परेशानी हो सकती है।
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क्यों होता है पीरियोडिक फीवर?- What Causes Periodic Fever in Hindi
आमतौर पर पीरियोडिक फीवर की समस्या जेनेटिक कारणों से ही होती है। इसे एक तरह की ऑटोइंफ्लेमेटरी कंडीशन भी कहा जाता है। बच्चों के जन्म के बाद 5 साल की उम्र तक इस समस्या का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। पीरियोडिक फीवर के कुछ प्रमुख कारण इस तरह से हैं-
- जेनेटिक कारणों की वजह से
- बैक्टीरियल इन्फेक्शन
- वायरल संक्रमण
- वैक्सीनेशन के कारण
- फैमिलियल मेडिटेरियन फीवर
- एफ्थस स्टामाटाइटिस और मक्कल वेल सिंड्रोम जैसी स्थिति
पीरियोडिक फीवर के लक्षण- Periodic Fever Symptoms in Hindi
बार-बार बुखार आने को ही पीरियोडिक फीवर का लक्षण माना जाता है। आमतौर पर इसकी वजह से शरीर में कमजोरी, भूख की कमी और थकान जैसी परेशानियां होती हैं। पीरियोडिक फीवर के प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
- शरीर का तापमान 100.4 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा होना
- शरीर में कमजोरी और थकान
- भूख न लगना
- शरीर में ठंड लेकिन स्किन पर गर्माहट
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पीरियोडिक फीवर का इलाज और बचाव- Periodic Fever Treatment And Prevention in Hindi
बार-बार बुखार आने पर सबसे पहले आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर बच्चों की जांच करने के बाद दवाओं की सलाह देते हैं। इसके अलावा इस समस्या से बचने के लिए शरीर की इम्यूनिटी को स्ट्रांग रखना चाहिए। इसके लिए ऐसे फूड्स जिनमें विटामिन सी जैसे पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा होती है, उनका सेवन करना चाहिए। इसके अलावा बुखार आने को नजरअंदाज करने से बचना चाहिए।
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