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ठीक होने के बाद दोबारा बुखार आना हो सकता है बाइफेजिक फीवर, डॉक्‍टर से जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज

बाइफेजिक फीवर में व्‍यक्‍त‍ि को बुखार दो चरणों में आता है। मरीज के शरीर में बुखार के लक्षण ठीक हो जाने के बाद दोबारा नजर आने लगते हैं।
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ठीक होने के बाद दोबारा बुखार आना हो सकता है बाइफेजिक फीवर, डॉक्‍टर से जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज

अक्सर जब हम किसी इंफेक्‍शन या बुखार से ठीक हो जाते हैं, तो हमें लगता है कि अब हमारा शरीर पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है और दोबारा कोई समस्या नहीं होगी। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बुखार कुछ दिनों के लिए चला जाता है और फिर दोबारा लौट आता है। इस तरह के दो चरणों में आने वाले बुखार को बाइफेजिक फीवर (Biphasic Fever) कहा जाता है। यह कोई आम बुखार नहीं होता, बल्कि यह शरीर में मौजूद किसी इंफेक्‍शन या किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। इस तरह के बुखार में मरीज को पहले कुछ दिनों तक तेज बुखार रहता है, फिर बुखार उतर जाता है और व्यक्ति को लगता है कि वह पूरी तरह से ठीक हो गया है। लेकिन कुछ दिनों बाद बुखार फिर से आता है, जो पहले जितना या उससे भी ज्यादा गंभीर हो सकता है। यह समस्या वायरल, बैक्टीरियल या अन्य इंफेक्‍शन के कारण हो सकती है। अगर बुखार ठीक होने के बाद फिर से लौट रहा है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सही समय पर जांच और इलाज से इस समस्या को गंभीर होने से बचाया जा सकता है। इस लेख में जानेंगे बाइफेजिक फीवर के लक्षण, कारण और इलाज। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

बाइफेजिक फीवर क्या है?- What is Biphasic Fever

बाइफेजिक फीवर का मतलब है कि बुखार दो चरणों में आता है। इसमें मरीज को पहले कुछ दिनों तक तेज बुखार होता है, फिर बुखार उतर जाता है और व्यक्ति को ऐसा लगता है कि वह ठीक हो गया है। लेकिन कुछ दिनों बाद बुखार के लक्षण दोबारा आ जाते हैं, जो पहले जितना या उससे भी ज्यादा गंभीर हो सकता है।

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बाइफेजिक फीवर के लक्षण- Biphasic Fever Symptoms

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इस तरह के बुखार में दो अलग-अलग चरण होते हैं, जिनमें मरीज इन लक्षणों का अनुभव करता है-

पहला चरण:

  • अचानक तेज बुखार (101-104°F)
  • सिरदर्द और बदन दर्द
  • थकान और कमजोरी
  • गले में खराश या सूजन
  • शरीर में अकड़न

दूसरा चरण (कुछ दिनों बाद):

  • दोबारा तेज बुखार
  • शरीर में तेज दर्द और थकान
  • पसीना आना और ठंड लगना
  • पेट दर्द, उल्टी या डायरिया (कुछ मामलों में)
  • सांस लेने में तकलीफ (गंभीर मामलों में)

बाइफेजिक फीवर के कारण- Biphasic Fever Causes

बाइफेजिक बुखार कई अलग-अलग बीमारियों के कारण हो सकता है, जिनमें कुछ इस प्रकार हैं-

1. वायरल इंफेक्‍शन- Viral Infection

डेंगू, चिकनगुनिया, कोविड-19 और इंफ्लुएंजा जैसे वायरल इंफेक्‍शन में बाइफेजिक बुखार देखा जाता है।

2. बैक्टीरियल इंफेक्‍शन- Bacterial Infection

टाइफाइड, लेप्टोस्पायरोसिस और ब्रुसेलोसिस जैसी बीमारियों में भी यह पैटर्न दिख सकता है।

3. इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया- Immune System Response

कुछ मामलों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इंफेक्‍शन के खिलाफ दो चरणों में प्रतिक्रिया देती है, जिससे बुखार दो बार आता है।

4. सेकेंडरी इन्फेक्शन- Secondary Infection

अगर शरीर पहले इंफेक्‍शन से पूरी तरह रिकवर नहीं कर पाता है, तो दोबारा इंफेक्‍शन होने की संभावना रहती है।

5. अनुचित इलाज- Improper Treatment

अगर पहले चरण में बुखार को ठीक से नहीं संभाला गया या सही दवा नहीं ली गई, तो यह दोबारा आ सकता है।

बाइफेजिक फीवर का इलाज- Biphasic Fever Treatment

बाइफेजिक बुखार का सही इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। अगर यह किसी वायरल इंफेक्‍शन की वजह से हुआ है, तो लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है। अगर यह किसी बैक्टीरियल इंफेक्‍शन के कारण है, तो एंटीबायोटिक्स दी जा सकती हैं।

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

अगर बुखार दोबारा आने के साथ ये लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें-

  • बहुत तेज बुखार (104°F से ज्‍यादा)
  • तेज सिरदर्द या गर्दन में अकड़न
  • बहुत कमजोरी या चक्कर आना
  • सांस लेने में कठिनाई
  • त्वचा पर रैशेज या खून की उल्टी होना

बाइफेजिक फीवर से कैसे बचें?- How to Prevent Biphasic Fever

  • शरीर को ठीक होने के लिए पूरा आराम देना जरूरी है इसलि‍ए पर्याप्त आराम करें।
  • खूब पानी प‍िएं, नारियल पानी, सूप और हर्बल चाय प‍िएं। इससे आप हाइड्रेटेड रहेंगे।
  • हल्का भोजन करें ताकि शरीर को पोषण मिले।
  • डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लें ताक‍ि बुखार कंट्रोल हो सके।
  • हाथों को साफ रखें और अपने आस-पास साफ-सफाई का ध्यान रखें ताकि इंफेक्‍शन न फैले।

बाइफेजिक फीवर किसी सामान्य इंफेक्‍शन का हिस्सा भी हो सकता है या किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी दे सकता है। इसलिए अगर बुखार ठीक होने के बाद दोबारा आ रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। समय पर सही जांच और इलाज से इस समस्या को गंभीर होने से रोका जा सकता है।

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