Malta Fever In Hindi: भारत के गुजरात में हुई स्टडी से इस बात खुलासा हुआ है कि राज्य में माल्टा फीवर का जोखिम बढ़ सकता है। इस स्टडी को सेंटर फॉर वन हेल्थ एजुकेशन के द्वारा किया गया था। जानवरों और बैक्टीरिया से फैलने वाले रोगों के बारे में पता लगाने के लिए ये स्टडी की गई थी। स्टडी में पाया गया कि गुजरात राज्य में माल्टा फीवर के अलावा रैबिज और अन्य बीमारियों का खतरा काफी अधिक है। दरअसल, ब्रुसेला बैक्टीरिया से संक्रमित जानवरों के दूध या दूध के प्रोडक्ट खाने या इंफेक्टेड जानवरों के संपर्क में आने से यह रोग (ब्रुसेलोसिस- Brucellosis) व्यक्तियों को भी हो सकता है। इसके संक्रमण के बाद व्यक्ति को तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, उल्टी आदि लक्षण महसूस हो सकते हैं। इस लेख में आगे यशोदा अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर छवि गुप्ता से जानते हैं कि माल्टा फीवर क्या होता है। साथ ही, माल्टा फीवर के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में विस्तार से बताया गया है।
ब्रुसेलोसिस (मल्टा बुखार) मनुष्यों में कैसे फैलता है?
ब्रुसेला, बैक्टीरिया ब्रुसेलोसिस का कारण बनता है। यह बैक्टीरिया व्यक्ति के मुंह, नाक, आंखों और त्वचा से व्यक्ति के जरिए व्यक्ति को इंंफेक्टेड कर सकते हैं। इसके बाद यह बैक्टीरिया लिम्फ नोड्स व टिश्यू (ऊतकों) में प्रेवश करता है। इसके बाद बैक्टीरिया धीरे-धीरे बढ़ना शुरु कर सकता है। इसके बाद यह बैक्टीरिया शरीर के अन्य हिस्सों जैसे की हृदय, लिवर, ब्रेन और हड्डियों को प्रभावित करता है। ब्रुसेलोसिस व्यक्ति में सूजन और अन्य हिस्सों को डैमेज करने की वजह बन सकता है।
ब्रुसेलोसिस (माल्टा फीवर) के लक्षण
ब्रुसेलोसिस या माल्टा फीवर (Symptoms of Malta Fever) के लक्षण कई अन्य सामान्य बीमारियों की तरह ही होते हैं, इसलिए इसकी पहचान करना कठिन हो सकता है। यह इंफेक्शन धीरे-धीरे विकसित होता है, और इसके लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। आगे जानते हैं इसके मुख्य लक्षण।
- बुखार आना: ब्रुसेलोसिस होने पर व्यक्ति को बुखार होता है, जो धीरे-धीरे बढ़ता है और आते जाता रहता है। यह बुखार दिन में कम होता है और रात में बढ़ता है।
- थकान होना: व्यक्ति अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस करता है, भले ही उसने कोई ज्यादा काम न किया हो।
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द: संक्रमित व्यक्ति को मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द गंभीर हो सकता है। यह दर्द समय के साथ बढ़ सकता है और लाइफस्टाइल को प्रभावित कर सकता है।
- अधिक पसीना आना: रात के समय अत्यधिक पसीना आना, जो रोग की गंभीरता को दर्शाता है।
- सिरदर्द: लगातार सिरदर्द रहना भी माल्टा बुखार का एक प्रमुख लक्षण है।
- भूख में कमी और डिप्रेशन: संक्रमित व्यक्ति की भूख कम होती है, जिसकी वजह वजन घट सकता है। इसके अलावा, चिंता, तनाव और अवसाद रह सकता है।
माल्टा बुखार के क्या कारण होते हैं?
माल्टा बुखार का मुख्य कारण (causes of malta fever) ब्रुसेला बैक्टीरिया की वजह से होता है। यह बैक्टीरिया जानवरों में पाया जाता है और उनके संपर्क में सीधे रूप से आने पर या उनके दूध को पीने से यह माल्टा बुखार हो सकता है। आगे जानते हैं इसके कारण के बारे में।
इंफेक्टेड जानवरों के दूध या उससे बने प्रोडक्ट का सेवन
ब्रुसेला बैक्टीरिया से इंफेक्टेड जानवरों के दूध या उससे बने प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से माल्टा फीवर का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, इंफेक्टेड जानवरों के कच्चे मीट को खाने (uncooked meat) से भी आपको ब्रुसेलोसिस या माल्टा फीवर हो सकता है।
संक्रमित जानवरों के संपर्क में आना
जिन लोगों का काम पशुओं से संबंधित होता है, जैसे किसान, पशुओं के डॉक्टर, या डेयरी के काम करने वाले कर्मचारियों को माल्टा फीवर होने का खतरा रहता है। इसके अलावा, इंफेक्टेड जानवरों के रक्त, यूरिन से भी व्यक्तियों को खतरा रहता है।
एरोसोल इंफेक्शन
प्रयोगशालाओं में काम करने वाले लोग या जानवरों के इलाज के दौरान एरोसोल के माध्यम से भी संक्रमण हो सकता है। यह एक दुर्लभ तरीका है, लेकिन यह संभव हो सकता है।
माल्टा बुखार की रोकथाम के उपाय
- माल्टा बुखार से बचने के लिए आप पास्चुराइज़्ड दूध और दूध से बने उत्पादों का ही सेवन करें। कच्चे दूध, पनीर और दही से परहेज करें। दूध को अच्छी तरह से उबलाकर ही पिएं।
- मीट को अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं। कच्चे या अधपके मांस में ब्रुसेला बैक्टीरिया व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है, जो संक्रमण की वजह बन सकता है।
- अगर, आप पशु चिकित्सक, या डेयरी उद्योग में काम करते हैं, तो दस्ताने और मास्क का उपयोग करें। संक्रमित जानवरों के संपर्क से बचें।
- डेयरी प्रोडक्ट को संभालने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं और व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें।
- यदि आप प्रयोगशाला में काम करते हैं, तो एरोसोल से बचने के लिए सुरक्षात्मक उपकरणों का उपयोग करें।
ब्रुसेलोसिस (माल्टा फीवर) का इलाज कैसे किया जाता है?
डॉक्टर माल्टा फीवर के लक्षणों और गंभीरताओं के आधार पर आपको एंटीबायोटिक दवाएं देते हैं। अलग-अलग व्यक्तियों में रोग के लक्षण के आधार पर इलाज का समय कम या ज्यादा हो सकता है। इस दौरान, डॉक्टर मरीज की डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव का सुझाव दे सकते हैं।
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Malta Fever In Hindi: माल्टा बुखार एक गंभीर बीमारी है, जो पशुओं से इंसानों में फैलती है। इसके लक्षण अन्य सामान्य बीमारियों से मिलते-जुलते होते हैं, इसलिए इसका सही समय पर पहचान और इलाज की आवश्यकता होती है। इससे बचने के लिए दूध को अच्छी तरह उबलाकर ही पिएं। साथ ही, कच्चे पनीर का सेवन न करें। इसके लक्षण महसूस होने आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।