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बुखार कितने प्रकार के होते हैं? डॉक्टर से जानें बुखार के लक्षण और बचाव के उपाय

बुखार कभी-न-कभी हर किसी को ही होता है। इसमें शरीर का तापमान अधिक हो जाता है। बुखार कई प्रकार का हो सकता है। जानें बुखार के प्रकार और लक्षण-

Anju Rawat
Written by: Anju RawatUpdated at: Jan 25, 2022 14:17 IST
 बुखार कितने प्रकार के होते हैं? डॉक्टर से जानें बुखार के लक्षण और बचाव के उपाय

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fever types and symptoms: बुखार एक शारीरिक समस्या है। जब आपके शरीर का तापमान सामान्य सीमा से ऊपर होता है, तो इसे फीवर या बुखार कहा जाता है। आपका शरीर संक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए या भीतर से किसी समस्या का संकेत देने के लिए आपका तापमान बढ़ाता है। बुखार तब होता है, जब शरीर का तापमान 98 से 100 डिग्री फारेनहाइट की सामान्य सीमा से ऊपर हो जाता है। जैसे-जैसे आपका तापमान बढ़ता है, ठंड लग सकती है। इस दौरान आपका इम्यून सिस्टम बुखार बनाकर बीमारी के कारण को दूर करने की कोशिश कर रहा होता है। बुखार के कारण अलग-अलग होते हैं, साथ ही बुखार की समय सीमा भी अलग-अलग होती है। ऐसे में बुखार को कुछ भागों में वर्गीकृत किया गया है। बुखार के प्रकारों को जानने के लिए हमने फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया, ग्रेटर नोएडा के अध्यक्ष डॉक्टर रमन कुमार (Dr. Raman Kumar, President, Family Physicians of India, Greater Noida) से बातचीत की। आगे पढ़ें...

बुखार के प्रकार (Fever types in hindi)

बुखार में शरीर का तापमान बढ़ जाता है। बुखार में कुछ स्थिति में तापमान जल्दी उतर जाता है, तो कभी-कभी समय अधिक लगता है। साथ ही बुखार अलग-अलग लोगों को विभिन्न तरीके से प्रभावित करता है। ऐसे में हेल्थ विशेषज्ञों ने बुखार के पांच मुख्य प्रकारों को वर्गीकृत किया है। जानें बुखार के प्रकार (Types of fever) 

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1. आंतरायिक बुखार (Intermittent fever)

आंतरायिक बुखार में पूरे दिन शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, लेकिन रात के समय तापमान बढ़ जाता है। यह बुखार बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है। इस तरह का बुखार मलेरिया में आता है। आंतरायिक बुखार को कोटिडियन बुखार, तृतीयक ज्वर, क्वार्टन फीवर में बांटा गया है।

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2. रेमिटेंट बुखार (Remittent fever)

रेमिटेंट फीवर या रेमिटेंट बुखार में दिन के समय शरीर का तापमान काफी ज्यादा होता है। इस स्थिति में शरीर के तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस का उतार-चढ़ाव रहता है। रेमिटंट बुखार भी बैक्टीरियल इंफेक्शन जैसे ब्रूसीलोसिस (brucellosis) के कारण होता है। इसे मेडिकल टर्म में इंफेक्टिव एंडोकार्डिटिस (infective endocarditis) कहा जाता है। यह हृदय की आंतरिक ऊतकों में सूजन पैदा करता है।

3. लगातार बुखार (Continuous fever)

इसे निरंतर बुखार भी कहा जाता है। यह एक लंबे समय तक चलने वाला बुखार है। इसमें  दिन के दौरान तापमान में बहुत कम या कोई बदलाव नहीं होता है। यह बुखार निमोनिया, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और थायराइड के कारण भी हो सकता है।

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4. अचानक से तेज बुखार

जैसे कि इस बुखार के नाम से ही साफ हो रहा है कि इसमें व्यक्ति को अचानक से तेज बुखार हो जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति के शरीर का तापमान अचानक से बढ़ता है। यह बुखार थकान,  शरीर में दर्द और सिर दर्द के कारण भी हो सकता है। अचानक तेज बुखार डेंगू (dengue fever) होने पर आता है।

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5. रूमेटिक फीवर (rheumatic fever)

रूमेटिक फीवर या बुखार streptococcal बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया गले में तेज दर्द का भी कारण बन सकता है। टॉन्सिल, सिरदर्द और सूजन रूमेटिक फीवर के सामान्य लक्षण हैं।

बुखार के लक्षण (fever symptoms)

बुखार कोई बीमारी नहीं है, बल्कि आपके शरीर में किसी बीमारी या संक्रमण का संकेत है। हालांकि, बुखार आमतौर पर अन्य लक्षणों के साथ होता है। बुखार के लक्षणों में शामिल हैं-

  • पसीना या ठंड लगना
  • सिर दर्द होना
  • मांसपेशियों में दर्द
  • तेज, लगातार दर्द का अनुभव होना
  • भूख कम लगना
  • बेचैनी
  • कमजोरी और थकान महसूस होना
  • मांसपेशियों की ताकत में कमी
  • मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन

बुखार के लिए घरेलू उपाय (fever prevention at home)

  • बुखार से बचाव के लिए ठंडे और बहुत ज्यादा गर्म पानी से नहाने से बचें। आप गुनगुने पानी से नहाएं। इससे आपको आराम मिलेगा।
  • बुखार में कमजोरी महसूस होती है। ऐसे में आपको डिहाइड्रेटेड हो जाते हैं। इससे बचने के लिए अधिक मात्रा में पानी पिएं। रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं।
  • बुखार आने पर घर का बना खाना ही खाएं। लिक्विड डाइट लें। बाहर का खाना अवॉयड करें।
  • ठंडे खाद्य पदार्थों, पानी से परहेज करें।

अगर आपक भी बुखार आता है, तो आप अपनी बुखार के प्रकार का पता आसानी से लगा सकते हैं। बुखार के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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