Black Fever Symptoms: आमतौर पर बुखार वायरल संक्रमण के कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया है। शरीर की कुछ गंभीर बीमारियों के कारण भी आपको बुखार आ सकता है। हमारे शरीर का सामान्य तापमान लगभग 97 डिग्री फॉरेन्हाइट से लेकर 99 डिग्री फॉरेन्हाइट तक होता है। शरीर का तापमान इससे ज्यादा बढना बुखार आना होता है। बुखार किसी एक चीज की वजह से नहीं बल्कि शरीर में हो रही कई तरह की समस्याओं के कारण हो सकता है। दो सप्ताह से ज्यादा बुखार रहना काला-अजार या ब्लैक फीवर (Black Fever) का संकेत होता है। काला-अजार के लक्षणों को सही समय पर पहचानकर डॉक्टर की देखरेख में इलाज लेने से इसे जल्दी ठीक करने में मदद मिलती है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं काला-अजार या काला बुखार के लक्षण और बचाव के उपाय।
काला-अजार के लक्षण- Black Fever Symptoms in Hindi
बाबू ईश्वर शरण काला-अजार या ब्लैक फीवर बालू मक्खी के काटने से होता है। बालू मक्खी गंदगी वाली जगह पर ज्यादा पाए जाते हैं। इस बीमारी के लक्षणों को नजरअंदाज करने से गंभीर परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है। बुखार को मेडिकल की भाषा में हाइपरथर्मिया (Hyperthermia) और पायरेक्सिया (Pyrexia) भी कहा जाता है।
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काला-अजार या ब्लैक फीवर के मुख्य लक्षण इस तरह से हैं-
- बार-बार होने वाला बुखार रुक-रुक कर या रुक-रुक कर होता है और अक्सर दोगुना बढ़ जाता है
- भूख में कमी, पीलापन और प्रगतिशील दुर्बलता के साथ वजन में कमी
- स्प्लेनोमेगाली - प्लीहा तेजी से बढ़कर बड़े पैमाने पर बढ़ जाती है, आमतौर पर नरम और कोमल नहीं
- यकृत - प्लीहा की सीमा तक वृद्धि नहीं, नरम, चिकनी सतह, तेज धार वाली लिम्फैडेनोपैथी - भारत में बहुत आम नहीं है
- त्वचा - शुष्क, पतली और पपड़ीदार तथा बाल झड़ सकते हैं
- हल्के रंग वाले व्यक्तियों के हाथ, पैर, पेट और चेहरे की त्वचा का रंग भूरा हो जाता है
- एनीमिया - तेजी से विकसित होता है
कला-अजार से बचाव- Kala Azar Prevention in Hindi
काला अजार से बचने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल के अलावा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। गंदे पानी, संक्रमित जूस या पेय के साथ साल्मोनेला बैक्टीरिया हमारे शरीर में चले जाते हैं। शरीर के अंदर जाने के बाद ये बैक्टीरिया एक अंग से दूसरे अंग में पहुंचने लगते हैं। काला-अजार का इलाज बहुत ही जल्द कराना चाहिए और सही तरीके से, जिससे की पीड़ित जल्द से जल्द स्वस्थ हो सके।
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