Is it possible to get a headache from thinking: फिजिकल हेल्थ की तरह मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना भी जरूरी है। अक्सर हम शरीर में हो रही समस्याओं पर गौर तो कर लेते हैं। लेकिन मन में चल रही परेशानियों को नजरअंदाज कर देते हैं। इस कारण ये समस्याएं बड़ा रूप ले लेती हैं और मानसिक बीमारियों की वजह बन जाती हैं। इसी तरह ही एक बड़ी समस्या है ज्यादा सोचना। यह सुनने में नॉर्मल लग सकता है। लेकिन, अगर यह आदत बन जाती है तो इससे रोजमर्रा की जिंदगी पर भी असर पड़ने लगता है। आपने ध्यान दिया होगा जब हम ज्यादा सोचने लगते हैं, तो इस कारण हमें सिर दर्द भी होने लगता है। लेकिन क्या आप इसकी वजह जानते हैं ऐसा क्यों होता है? इस बारे में जानने के लिए हमने सर गंगाराम हॉस्पिटल की सीनियर साइकोलॉजिस्ट आरती आनंद से बात की। आइये लेख में एक्सपर्ट से समझें इस बारे में।
ज्यादा सोचने के कारण सिर दर्द क्यों हो जाता है? Why Thinking Too Much Cause Headaches
मसल्स पर दवाब पड़ता है
जब हम ज्यादा सोचने लगते हैं, तो इस कारण हमारी फिजिकल हेल्थ पर भी असर पड़ता है। ज्यादा सोचने पर हमारी गर्दन, कंधों और स्कैल्प की मसल्स पर भी दवाब पड़ता है। इस कारण हमें सिर दर्द शुरू हो जाता है।
मानसिक थकान बढ़ती है
ज्यादा सोचने के कारण हमारे ब्रेन पर भी प्रेशर पड़ने लगता है। इस कारण हमारी मेंटल एनर्जी कम होने लगती है। क्योंकि, कई सारे विचार लगातार आने से ब्रेन थकावट महसूस करने लगता है। यह थकावट सिरदर्द और सिर में प्रेशर के रूप में सामने आती है।
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नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है
ओवरथिंकिंग के कारण नर्वस सिस्टम पर भी बुरा असर पड़ता है। इस कारण बॉडी में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन हार्मोन लेवल बढ़ जाते हैं। ये चेंजेस ब्लड वेसेल्स सिकुड़ने और फैलने लगती है, जिस कारण माइग्रेन पेन उठ सकता है।
नींद पर असर पड़ता है
ओवरथिंकिंग के कारण हमारे स्लीप साइकिल पर भी असर पड़ता है। इस कारण नींद पूरी नहीं हो पाती और इसका असर हमारे ओवरऑल हेल्थ पर होता है। ऐसे में बॉडी पोस्चर खराब हो सकता है और मील मिस हो सकते हैं। जिस कारण सिर दर्द की समस्या हो सकती है।
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ज्यादा सोचने की आदत को कैसे कंट्रोल करें? How To Stop Headache Due To Overthinking
- माइंडफुलनेस प्रैक्टिस करें इससे आपको काफी राहत मिलेगी। समय मिलने पर मेडिटेशन, डीप ब्रिदिंग और ग्राउंडिंग टेक्निक अपनाएं। इससे आपको ज्यादा सोचने की आदत कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
- अगर आप बार-बार ओवरथिंक करने लगते हैं, तो इस आदत को धीरे-धीरे बदलें। सोचने का समय तय करें और अपना ध्यान दूसरे कामों में लगाने की कोशिश करें।
- अगर आपके लिए ओवरथिंकिंग कंट्रोल करना मुश्किल है, तो जर्नलिंग करें। अपने विचार लिखने से आपको काफी राहत मिलेगी। इससे आपको अपनी समस्या को समझने और उसका हल ढूंढने में भी मदद मिलेगी।
- रोज थोड़ा बहुत योग या एक्सरसाइज करने की आदत जरूर बनाएं। फ्री टाइम में गर्दन, कंधों और कमर की स्ट्रेचिंग जरूर करें। इससे मसल्स पर स्ट्रेस कम होगा और आपको काफी रिलैक्स मिलेगा।
- डिहाइड्रेशन के कारण भी आपको बार-बार सिर दर्द हो सकता है। इसलिए खूब पानी पिएं और बॉडी को हाइड्रेट रखें।
- किसी करीबी से अपनी परेशानी पर खुलकर बात करें। इससे आपका मन हल्का होगा और आपको ओवरथिंकिंग को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
निष्कर्ष
ज्यादा सोचने के कारण भी सिरदर्द हो सकता है। ऐसे में हमारे ब्रेन की मसल्स पर दवाब पड़ता है। जिस कारण सिर दर्द हो सकता है। ज्यादा सोचने के कारण नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है, नींद पर असर पड़ता है और मानसिक थकान भी बढ़ सकती है। लेख में आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस बारे में अधिक जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।