लाइफस्टाइल का प्रभाव आपकी सेहत और त्वचा पर देखने को मिलता है। ज्यादा देर तक जागना और खानपान की गलत आदतों की वजह से त्वचा पर मुंहासे, झाइयां, और झुर्रियां हो सकती हैं। ठीक इसी तरह तनाव, चिंता और निगेटिव विचारों से भी आपकी स्किन पर कई तरह की समस्याएं शुरु हो सकती है। कुछ लोग ज्यादा चिंता करते हैं, या वह किसी एक बात को बार-बार सोचने लगते हैं। इस स्थिति को ओवरथिंकिंग करना कहा जाता है। यह व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर बुरा असर डालती है। दरअसल, जब व्यक्ति ज्यादा तनाव लेता है तो उनके शरीर में स्ट्रेस हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है। स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने से शरीर के अन्य हार्मोन भी प्रभावित होते हैं। जिसकी वजह से त्वचा पर कील-मुंहासे, दाने, दाग और झाइयां हो सकती हैं। इस लेख में श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के सीनियर कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजी डॉ विजय सिंघल से जानते हैं कि क्या अधिक सोचने (Overthinking) से त्वचा से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं?
ओवरथिंकिंग और त्वचा की समस्याओं के बीच कनेक्शन - Connection Between OverThinking And Skin Issues in Hindi
जब व्यक्ति किसी चीज के बारे में ओवरथिंकिंग करते हैं तो इससे उनके शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। इससे त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। इससे स्किन की तैलीय ग्रंथियां (sebaceous glands) अधिक सक्रिय हो जाती हैं, जिससे त्वचा पर ज्यादा तेल उत्पन्न होता है। इससे स्किन पोर्स बंद हो जाते हैं और मुंहासे (acne) होने लगते हैं। इसके अलावा, तनाव के कारण शरीर में सूजन की प्रक्रिया तेज हो जाती है, जिससे त्वचा पर लालिमा, खुजली और एक्जिमा जैसी सूजन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
ओवरथिंकिंग से त्वचा पर क्या प्रभाव पड़ता है? - What effect does overthinking on the skin?
ज्यादा सोचने (Overthinking) के कारण शरीर में तनाव में बढ़ोतरी होती है। जब हम किसी बात को बार-बार सोचते रहते हैं, तो शरीर में कॉर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है। इस हार्मोन का सीधा असर त्वचा पर पड़ता है। इससे त्वचा में होने वाले समस्याओं के बारे में जानते हैं।
मुंहासे (Acne)
तनाव के कारण शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे तैलीय ग्रंथियां (sebaceous glands) अधिक तेल का उत्पादन करती हैं। यह त्वचा के रोमछिद्रों को बंद कर सकता है, जिससे मुंहासे, ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स की समस्या उत्पन्न होती है।
एक्जिमा और सोरायसिस (Eczema And Psoriasis)
अत्यधिक तनाव और ओवरथिंकिंग से त्वचा की सूजन संबंधी समस्याएं जैसे एक्जिमा (eczema) और सोरायसिस (psoriasis) बढ़ सकती हैं। यह त्वचा में खुजली, सूजन और लाल चकत्तों का कारण बनती हैं।
झुर्रियां और बेजान त्वचा (Dull And Wrinkles in Skin)
तनाव और चिंता के कारण त्वचा की नमी और इलास्टिसिटी कम हो जाती है। इससे त्वचा समय से पहले बूढ़ी दिखने लगती है, और झुर्रियां अधिक गहरी हो सकती हैं।
डार्क सर्कल्स का बनना (Dark Circles)
नींद की कमी और अत्यधिक सोचने के कारण डार्क सर्कल्स बन सकते हैं। नींद न पूरी होने से त्वचा को सही समय पर रिपेयर नहीं मिल पाता, जिससे आंखों के नीचे काले घेरे और थकान के संकेत दिखने लगते हैं।
खुजली होना (Itching)
तनाव और अत्यधिक सोचने से बालों का झड़ना और त्वचा में लगातार खुजली की समस्या भी बढ़ सकती हैं। यह शरीर के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ता है, जिससे बाल कमजोर हो जाते हैं।
ओवरथिंकिंग से त्वचा की समस्याओं से कैसे बचाव करें? - How To Protect Skin Issues Due To Overthinking In Hindi
- रोजाना सुबह कम से कम 10 से 15 मिनट योग और मेडिटेशन करें।
- गहरी सांसों वाले योगासन (deep breathing exercises) से आप तनाव और स्ट्रेस को तेजी से कम कर सकते हैं।
- लोगों के साथ मजाक करें, हंसाने वाले टीवी शो देखें।
- अपनी डाइट में ताजे फल, सब्जियां, नट्स और हाइड्रेटिंग फूड्स को शामिल करें।
- दोस्तो और रिश्तेदारों के साथ अपनी समस्याओं को शेयर करें।
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ओवरथिंकिंग से त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिसमें मुंहासे, झुर्रियां, सूजन और अन्य त्वचा समस्याएं होने का जोखिम बढ़ जाता है। इस स्थिति से बचने के लिए आप नियमित रूप से योग करें। साथ ही, डाइट और लाइफस्टाइल में आवशयक बदलाव करें। इससे आपका स्ट्रेस कम होगा और त्वचा में होने वाली समस्याएं भी दूर होगीं।