एंथ्रेक्स (Anthrax) एक दुर्लभ लेकिन खतरनाक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो मुख्य रूप से जानवरों और पशु उत्पादों के संपर्क में आने से इंसानों में फैलता है। ओम स्किन क्लीनिक, लखनऊ के वरिष्ठ कंसलटेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ देवेश मिश्रा ने बताया कि एंथ्रेक्स, बैसिलस एन्थ्रेसिस (Bacillus Anthracis) नाम के बैक्टीरिया से होता है, जो मिट्टी में मौजूद रहता है और इसके बीजाणु (Spores) वर्षों तक जीवित रह सकते हैं। जब ये स्पोर्स त्वचा, फेफड़ों या पाचनतंत्र के संपर्क में आते हैं, तो एंथ्रेक्स की बीमारी फैल सकती है। यह इंफेक्शन, सामान्य लोगों में कम ही होता है, लेकिन पशुपालकों, चमड़ा उद्योग से जुड़े लोगों और उन क्षेत्रों में ज्यादा देखने को मिलता है जहां पशुओं की देखरेख या पशु उत्पादों का काम होता है। खास बात यह है कि एंथ्रेक्स इंफेक्शन होने के बावजूद आमतौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। इसके बावजूद, अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि एंथ्रेक्स के लक्षण क्या होते हैं, इसके कारण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
एंथ्रेक्स क्या है?- What is Anthrax
एंथ्रेक्स एक बैक्टीरियल डिजीज (Bacterial Disease) है, जो बैसिलस एन्थ्रेसिस (Bacillus Anthracis) नाम के बैक्टीरिया से होता है। यह बैक्टीरिया स्पोर्स के रूप में मिट्टी में निष्क्रिय रूप से मौजूद रहता है और अनुकूल वातावरण मिलने पर एक्टिव होकर इंफेक्शन फैलाता है। इंसान में यह रोग तब फैलता है जब-
- संक्रमित जानवरों को छुआ जाता है।
- संक्रमित मांस खाया जाता है।
- एंथ्रेक्स स्पोर्स वाली हवा में सांस ली जाती है।
- चमड़े, ऊन या हड्डियों जैसे संक्रमित पशु उत्पादों से संपर्क होता है।
इसे भी पढ़ें- मानसून में क्यों होता है बैक्टीरियल इंफेक्शन? जानें डॉक्टर से
एंथ्रेक्स के लक्षण- Symptoms of Anthrax
एंथ्रेक्स के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि इंफेक्शन किस रास्ते से शरीर में पहुंचा है-
1. त्वचा से हुआ इंफेक्शन- Cutaneous Anthrax
- लाल खुजलीदार फोड़ा
- काले रंग का घाव
- हल्का बुखार, सूजन और जलन
- अगर समय पर इलाज मिल जाए, तो आमतौर पर जानलेवा नहीं होता
2. सांस से हुआ इंफेक्शन- Inhalation Anthrax
- बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में दिक्कत
- छाती में दर्द, खांसी
- यह सबसे गंभीर प्रकार है और जानलेवा हो सकता है
3. पाचन तंत्र से- Gastrointestinal Anthrax
- पेट दर्द, उल्टी, दस्त
- खून की उल्टी या मल
- संक्रमित मांस खाने से होता है
4. इंजेक्शन से- Injection Anthrax
- संक्रमित ड्रग्स से
- स्किन और मांसपेशियों में सूजन
एंथ्रेक्स के कारण- Causes of Anthrax
- संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क में आना।
- संक्रमित जानवरों के मांस, ऊन या चमड़े को छूना।
- जानवरों के मृत शरीर को बिना सुरक्षा के निपटाना।
- संक्रमित क्षेत्र में सांस के माध्यम से स्पोर्स का प्रवेश।
एंथ्रेक्स की पहचान- Diagnosis of Anthrax
डॉक्टर लक्षणों के आधार पर जांच करते हैं, और पुष्टि के लिए ये जांचें की जाती हैं-
- ब्लड टेस्ट
- स्किन सैंपल टेस्ट
- थ्रोट स्वैब या बलगम जांच
- सीटी स्कैन या एक्स-रे
- पीसीआर टेस्ट
एंथ्रेक्स का इलाज- Treatment of Anthrax
- अगर शुरुआत में पहचान हो जाए, तो एंथ्रेक्स का इलाज संभव है।
- इलाज के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्स खाने की सलाह दे सकते हैं।
- गंभीर केस में आईसीयू में ऑक्सीजन, आईव फ्लूइड्स और सपोर्टिव केयर दी जाती है।
- गंभीर मामलों में मरीज को विशेष निगरानी वाले आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है।
- एंथ्रेक्स बैक्टीरिया शरीर में टॉक्सिन बनाते हैं जो अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर विशेष टॉक्सिन-न्यूट्रलाइजिंग इलाज देते हैं (इसे एंटीटॉक्सिन थेरेपी कहते हैं)।
एंथ्रेक्स से बचाव के उपाय- Prevention of Anthrax
- संक्रमित जानवरों से दूरी बनाएं।
- चमड़ा, ऊन या जानवरों के उत्पादों को संभालते समय दस्ताने पहनें।
- मृत जानवरों का निपटान सुरक्षित तरीके से करें।
- हाई-रिस्क पेशेंट्स या आर्मी पर्सनल को एंथ्रेक्स वैक्सीन दी जा सकती है।
- फूड सेफ्टी का पालन करें, खासकर मांस पकाने में।
एंथ्रेक्स एक गंभीर इंफेक्शन है। यह जानवरों से फैलता है और शरीर में कई तरीकों से प्रवेश कर सकता है। अगर समय रहते पहचान हो जाए और सही इलाज शुरू किया जाए, तो इस बीमारी से बचाव संभव है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।
image credit: www.gavi.org, nejm.org
FAQ
मनुष्य को एंथ्रेक्स कैसे होता है?
मनुष्य को एंथ्रेक्स संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने, उनका मांस खाने, स्पोर्स वाली हवा में सांस लेने या चमड़े-ऊन जैसे उत्पाद को छूने से हो सकता है।एंथ्रेक्स के लिए कौन सा टेस्ट किया जाता है?
एंथ्रेक्स की पुष्टि के लिए ब्लड टेस्ट, स्किन सैंपल टेस्ट, पीसीआर टेस्ट, एक्स-रे या सीटी स्कैन और बलगम की जांच की जाती है ताकि बैक्टीरिया का पता चल सके।एंथ्रेक्स को कैसे रोका जाता है?
संक्रमित जानवरों से दूरी रखें, सुरक्षा के लिए दस्ताने पहनें, मांस अच्छी तरह पकाएं और जरूरत पड़ने पर वैक्सीन लगवाकर एंथ्रेक्स से बचा जा सकता है।