प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जो न सिर्फ महिला को एक मां बनाता है, बल्कि उनके सोचने और समझने के तरीके को भी बदल देता है। डिलीवरी के बाद न सिर्फ महिला के शरीर में बदलाव आता है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। डिलीवरी के बाद के समय को पोस्टपार्टम टाइम के रूप में जाना जाता है, जो मां और नवजात शिशु दोनों के लिए बहुत सेंसिटिव होता है। इस समय मां को शारीरिक, मानसिक और इमोशनल बदलावों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में पोस्टपार्टम का 5-5-5 नियम फॉलो करने से महिला को सही देखभाल और रिकवर होने में मदद मिलती है। तो आइए दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर क्लीनिक की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन (Dr. (Col.) Gunjan Malhotra Sarin, Senior Consultant, Obstetrics and Gynecologist, Gynecology: Every Woman Matters Clinic, located in Anand Niketan, Delhi) से जानते हैं कि पोस्टपार्टम का 5-5-5 नियम क्या है?
5-5-5 पोस्टपार्टम नियम क्या है? - What Is 5-5-5 Postpartum Rule in Hindi?
5-5-5 पोस्टपार्टम नियम तीन हिस्सों में बंटा होता है, जो डिलीवरी के बाद के पहले 15 दिनों से जुड़ा है। आइए जानते हैं विस्तार से इसके बारे में-
1. पहले 5 दिन बिस्तर पर रहें
5-5-5- पोस्टपार्टम नियम के पहले 5 का मतलब है कि आप शुरुआत के 5 दिन पूरी तरह बिस्तर पर रहे। यह समय पूरी तरह आराम करने का होता है, सिर्फ बाथरूम जाने के लिए ही उठना चाहिए। इस समय शरीर बहुत ज्यादा कमजोर होता है, क्योंकि डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होती है और एनर्जी की कमी हो जाती है। इतना ही नहीं यह समय शिशु से स्किन-टू-स्किन कांटेक्ट, ब्रेस्टफीडिंग की शुरुआत और इमोशनल जुड़ाव के लिए भी बहुत जरूरी होता है।
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2. अगले 5 दिन बिस्तर के पास रहें
5-5-5 पोस्टपार्टम नियम के अनुसार महिला हल्की गतिविधि कर सकती है, जिसमें थोड़ी देर उठकर बैठना शामिल है। लेकिन, फिर भी भारी काम करना, झुकना या सीढ़ियां चढ़ने या उतरने से पूरी तरह बचना चाहिए। इस दौरान मां के लिए पोषक तत्वों से भरपूर डाइट, पर्याप्त मात्रा में नींद पूरी करना और इमोशनल सपोर्ट की जरूरत होती है।
3. फिर अगले 5 दिन घर में हल्की गतिविधियां करना
5-5-5 पोस्टपार्टम नियम के अनुसार महिला घर के अंदर छोटे-छोटे काम कर सकती है, जिसमें बच्चे के कपड़े बदलना, थोड़ा चलना आदि गतिविधियां कर सकती है। लेकिन अभी भी भारी काम करने, कही ट्रेवल करने या बहुत देर तक खड़े रहने जैसे कामों से परहेज करें। इस चरण में मां धीरे-धीरे अपने रूटीन में वापस लौट सकती हैं।
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5-5-5 पोस्टपार्टम नियम क्यों जरूरी है?
डिलीवरी के बाद महिलाओं के लिए 5-5-5 पोस्टपार्टम नियम का पालन करना बहुत जरूरी है, क्योंकि डिलीवरी के दौरान शरीर के कई अंगों पर दबाव पड़ता है, जिससे इस समय के दौरान उन अंगों को आराम देने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं, हार्मोन में बदलाव के कारण मां में होने वाले मूड स्विंग, एंग्जाइटी या पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचाव या इन्हें संभालने में भी ये समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही मां को बच्चे की सही देखभाल करने और अपने शरीर को ठीक होने के लिए पर्याप्त समय मिलता है।
निष्कर्ष
5-5-5 पोस्टपार्टम नियम का पालन करना किसी भी महिला के लिए बहुत मुश्किल नहीं है। बल्कि इसे आसानी से किया जा सकता है, जो महिला के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को डिलीवरी के बाद रिकवर होने में मदद करता है।
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FAQ
पोस्टपार्टम का मतलब क्या होता है?
पोस्टपार्टम का मतलब होता है बच्चे के जन्म के बाद का समय। यह समय वह होता है, जब मां का शरीर गर्भावस्था और डिलीवरी के बाद धीरे-धीरे ठीक होता है और अपने सामान्य अवस्था में लौटने लगता है।डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन क्या है?
डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन बच्चे के जन्म के बाद के पहले साल में होने वालीी एंग्जाइटी, थकान और उदासी की भावना से जुड़ा होता है, जिसे बेबी ब्लूज के नाम से भी जाना जाता है।नॉर्मल डिलीवरी के बाद अपना ध्यान कैसे रखें?
नॉर्मल डिलीवरी के बाद महिला को अपना खास ध्यान रखना चाहिए, जिसमें भरपूर मात्रा में आराम, संतुलिन और पौष्टिक डाइट और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना शामिल है।