What Happens If You Skip Breakfast In PCOD In Hindi: आज के समय में अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण बहुत सी महिलाएं या लड़कियां पीसीओडी यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (Polycystic Ovarian Disease) की समस्या से परेशान रहती हैं। यह एक हार्मोनल विकार है। इस समस्या में महिलाओं की ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट (गांठे) बन जाती हैं, जो शरीर में हार्मोन्स के असंतुलित होने के कारण होती है। इस समस्या में अक्सर महिलाओं को हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने और खानपान पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है। लेकिन आज के समय में काम क भागदौड़ के कारण ज्यादातर महिलाएं अपना नाश्ता छोड़ देती हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऐसा करना सही है? ऐसे में आइए भोपाल के बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ की फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ. सोनल चौकसे (Dr. Sonal Chouksey, Fertility Specialist, Birla fertility & IVF, Bhopal) से जानें पीसीओडी की समस्या में नाश्ता छोड़ने से क्या होता है?
पीसीओडी में खाना जरूरी है? - Is It Necessary To Eat In PCOD?
डॉ. सोनल चौकसे के अनुसार, पीसीओडी यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज की समस्या रिप्रोडक्टिव एज की महिलाओं में हार्मोन्स, मेटाबॉलिज्म और फर्टिलिटी की क्षमता को प्रभावित करता है। आमतौर पर इसके प्रबंधन (इसको मैनेज करने) का मतलब सिर्फ दवा लेने से ज्यादा होता है। इस समस्या में रोजमर्रा की आदतों पर ध्याना देना शामिल है, जैसे कि खाना कैसे और कब खाया जाता है। खासकर नाश्ते को अक्सर कम करके देखा जाता है।
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पीसीओडी में नाश्ता छोड़ने पर क्या होता है? - What Happens If You Skip Breakfast In PCOD?
डॉ. सोनल चौकसे बताती हैं कि जब पीसीओडी से पीड़ित महिला नाश्ता छोड़ देती है, तो आमतौर पर इसका पहला प्रभाव ब्लड शुगर में दिखाई देता है। क्योंकि पीसीओडी में इंसुलिन प्रतिरोध पहले से ही आम है, इसलिए शरीर को शुगर का प्रभावी ढंग से उपयोग करने में परेशानी होती है। ऐसे में दिन का पहला भोजन यानी नाश्ता न करने से पूरे दिन शरीर में ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से उतार-चढ़ाव हो सकता है। इसके बाद महिलाओं में तेजी से रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट या कुछ मीठा खाने की तेज लालसा होती है, जो इंसुलिन प्रतिरोध को और भी बढ़ा देता है। इसलिए कैलोरी का सेवन कम करने के बजाय, नाश्ता छोड़ना अक्सर उल्टा असर करता है।
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पीसीओडी की समस्या में नाश्ता करना क्यों है जरूरी? - Why Is It Important To Have Breakfast In PCOD Problem?
डॉ. सोनल के अनुसार, हार्मोन्स भी पीसीओडी की स्थिति का एक और पहलू है। इस समस्या में कोर्टिसोल, जो एक स्ट्रेस हार्मोन है, यह सुबह के समय यह चरम पर होता है। ऐसे में जागने के तुरंत बाद कुछ खाने से इसको कम करने में मदद मिलती है। अगर नाश्ता छोड़ दिया जाए, तो कोर्टिसोल लंबे समय तक हाई बना रहता है। इस स्थिति के लंबे समय तक रहने से पेट के आसपास वजन बढ़ सकता है और पीरियड्स के अनियमित होने की समस्या हो सकती है, साथ ही, इससे भूख को नियंत्रित करने वाले ग्रेलिन और लेप्टिन जैसे हार्मोन्स भी बाधित होते हैं, जिसके कारण भूख और तृप्ति को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है।
बता दें, पीसीओडी की समस्या में अक्सर महिलाओं को थकान, स्ट्रेस और काम पर फोकस करने में परेशानी होती है। ऐसे में सुबह का नाश्ता न करने से शरीर में एनर्जी कम रहती है, जिससे पीसीओडी के लक्षणों को बढ़ावा मिल सकता है। ऐसे में इस दौरान शरीर में स्वस्थ बनाए रखने के लिए प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट्स से युक्त नाश्ता करें। इससे शरीर को पूरे दिन एनर्जी बनाए रखने और पीसीओडी के कारण होने वाली शरीर की थकान को कम करने में मदद मिलती है।
पीसीओडी की समस्या में नाश्ते में क्या खाएं? - What To Eat For Breakfast In Case Of PCOD Problem?
पीसीओडी की समस्या में नाश्ते को कॉम्लीकेट करने की जरूरत नहीं है। इसके लिए नाश्ते में हेल्दी और पोषक तत्वों से युक्त बीजों के साथ ओट्स, फल के साथ दही और अंडे के साथ सब्जियों को खाया जा सकता है। ये एक सरल लेकिन प्रभावी नाश्ता है। इसके लिए निरंतरता बनाए रखना जरूरी है।
निष्कर्ष
पीसीओडी की समस्या में नाश्ता नहीं छोड़ना चाहिए। ऐसा करने से इंसुलिन प्रतिरोध बिगड़ सकता है। इसके अलावा, नाश्ता छोड़ने से दिन में या बाद में अधिक खाने को बढ़ावा मिल सकता है और हार्मोन्स असंतुलित हो सकते हैं। ऐसे में नियमित रूप से सुबह के समय बैलेंस नाश्ता करना पीसीओडी के लक्षणों को बेहतर कर नियंत्रण में लाने के सरल उपायों में से एक है।
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FAQ
पीसीओडी को कैसे पहचानें?
पीसीओडी की समस्या होने पर महिलाओं को पीरियड्स के अनियमित होने , मुंहासे होने, चेहरे पर अनचाहे बाल आने, हार्मोन्स के असंतुलित होने बालों के झड़ने, मूड खराब होने और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं हो सकती है।पीसीओडी में क्या-क्या परहेज करना चाहिए?
पीसीओडी की समस्या से परेशान महिलाओं को अधिक मीठा, प्रोसेस्ड मीट, प्रोसेस्ड फूड, अधिक कैफीन, डेयरी प्रोडक्ट्स और कार्बोहाइड्रेट्स से युक्त फास्ट फूड का सेवन करने से बचना चाहिए।पीसीओडी में क्या खाना चाहिए?
पीसीओडी की समस्या में महिलाओं को डाइट में फल, सब्जियों, जई और क्विनोआ जैसे साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, नट्स, ड्राई फ्रूट्स, सीड्स, एवोकाडो और ऑलिव ऑयल जैसे हेल्दी फैट्स युक्त फूड्स को डाइट में शामिल करना चाहिए।