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क्रोनिक गैस्ट्राइटिस का इलाज न किया जाए तो शरीर पर क्या असर पड़ता है? जानें डॉक्टर से

Is Chronic Gastritis Life Threatening: क्रोनिक गैस्ट्राइटिस जैसी बीमारी की अनदेखी करना सही नहीं है। यह कई घातक बीमारी का कारण बन सकता है। यहां तक कि यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
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क्रोनिक गैस्ट्राइटिस का इलाज न किया जाए तो शरीर पर क्या असर पड़ता है? जानें डॉक्टर से

What If Chronic Gastritis Is Not Improving: क्रोनिक गैस्ट्राइटिस पेट की परत में लंबे समय तक होने वाली सूजन को कहा जाता है। यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और इसके लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि लोग इसे कोई कॉमन बीमारी समझ बैठते हैं। आपको बता दें कि हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया के लगातार इंफेक्शन या ऑटोइम्यून रेस्पॉन्स की वजह से यह बीमारी होती है। इसमें इम्यून सिस्टम अपने ही पेट के सेल्स पर अटैक करता है। समय के साथ-साथ इसकी गंभीरता बढ़ती जाती है। यहां तक कि पेट में अल्सर तक हो जाता है। बहरहाल, कई बार पेट की समस्या सोचकर लोग इसे इग्नोर कर बैठते हैं। ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि अगर क्रोनिक गैस्ट्राइटिस का इलाज समय पर न किया जाए, तो इसका शरीर पर क्या असर पड़ सकता है? आइए, जानते हैं नोएडा सेक्टर 71 स्थित कैलाश अस्पताल में Sr. Consultant-Gastroenterology डॉ. जे एस भोगल से।


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क्रोनिक गैस्ट्राइटिस का इलाज न किया जाए तो क्या होगा?- What If Chronic Gastritis Is Not Treated Well

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क्रोनिक गैस्ट्राइटिस का इलाज समय पर किया जाना बहुत जरूरी होता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो इसका स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। जैसे-

  1. पेप्टिक अल्सर का रिस्कः अगर क्रोनिक गैस्ट्राइटिस का इलाज समय पर न किया जाए, तो पेप्किट अल्सर होने का जोखिम बढ़ जाता है। इसका मतलब है कि पेट में आई सूजन की वजह से इसकी परत पर खुले घाव हो सकते हैं, जो समय के साथ बड़े और गंभीर हो सकते हैं।
  2. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंगः क्रोनिक गैस्ट्राइटिस की वजह से गंभीर अल्सर हो जाता है, जिसकी जह से ब्लीडिंग हो सकती है। कुछ मामलों में यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
  3. एनीमियाः हैवी ब्लीडिंग किसी भी मायने में सही नहीं है। इसी तरह, अगर क्रोनिक गैस्ट्राइटिस के कारण पेट के अंदर ब्लीडिंग हो रही है, तो इसकी वजह से एनीमिया हो सकता है। यही नहीं, क्रोनिक गैस्ट्राइटिस से विटामिन -बी12 की कमी हो सकती है, जिससे पर्निशियस एनीमिया का कारण बन सकता है। पर्निशियस एनीमिया तब होता है, जब बॉडी विटामिन-बी12 को अच्छी तरह से एब्जॉर्ब नहीं कर पाता है। आमतौर पर ऐसा ऑटोइम्यून डिजीज के कारण होता है।
  4. पेट के कैंसर का खतराः National Institute Diabetes Digestive Kidney Diseases के अनुसार, "जब आप लंबे समय तक क्रोनिक गैस्ट्राइटिस का इलाज नहीं करते हैं, तो धीरे-धीरे यह समस्या गंभीर हो जाती है और भविष्य में पेट के कैंसर का कारण बन सकती है।"
  5. एट्रोफिक गैस्ट्राइटिसः क्रोनिक सूजन धीरे-धीरे पेट की परत को खराब कर सकती है। इस कंडीशन को एट्रोफिक गैस्ट्राइटिस कहा जाता है। यह न सिर्फ गंभीर समस्या है, बल्कि कई अन्य बीमारियों का कारण बनती है।

इसे भी पढ़ें: पेट में सूजन क्यों होती है? जानें इसके लक्षण कारण और इलाज

क्रोनिक गैस्ट्राइटिस होने पर क्या करें?

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क्रोनिक गैस्ट्राइटिस जैसी बीमारी होने पर इसका इलाज घर में किया जाना सही नहीं है। इसके बजाय, जरूरी है कि आप डॉक्टर के पास जाएं और अपना प्रॉपर ट्रीटमेंट करवाएं। हां, आप चाहें तो जीवनशैली में हेल्दी आदतों को अपना सकते हैं, जैसे-

  1. नशीले पदार्थ जैसे स्मोकिंग से दूर रहें और शराब का सेवन न करें।
  2. अपनी डाइट में हेल्दी चीजें शामिल करें, जैसे लीन प्रोटीन, फल और सब्जियां खाएं। फैटी, स्पाइसी और एसिडिक फूड्स से पूरी तरह दूरी बना लें।
  3. अगर क्रोनिक गैस्ट्राइटिस के कारण अक्सर पेट में दर्द रहता है, तो आप डॉक्टर की दी हुई दर्द निवारक दवा को समय पर लें।
  4. क्रोनिक गैस्ट्राइटिस होने की कंडीशन में एक साथ हैवी मील लेने से बचें। बेहतर होगा कि थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई बार खाएं।
  5. अपने वजन को नियंत्रण में रखें। मोटापे के कारण कंडीशन बिगड़ने का रिस्क रहता है।
  6. अपने सोने की पोजिशन में सुधार करें। विशेषज्ञों का कहना है कि पेट को सपोर्ट करने के लिए कई तकियों के साथ सो सकते हैं। इससे आराम मिलता है।

निष्कर्ष

क्रोनिक गैस्ट्राइटिस एक गंभीर समस्या है। इसके लक्षण सामान्य नजर आ सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक इसकी अनदेखी करना सही नहीं है। क्रोनिक गैस्ट्राइटिस होने पर समय पर इसका इलाज किया जाना जरूरी है, वरना यह कैंसर जैसी घातक बीमारी का कारण हो सकता है। अगर किसी को यह समस्या हो गई है, तो वे इसके लक्षणों के असर को कम करने के लिए अपनी जीवनशैली में जरूरी बदलाव कर सकते हैं, जिनका जिक्र हमने इस लेख में किया है।

All Image Credit: Freepik

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  • Current Version

  • Nov 24, 2025 15:39 IST

    Published By : Meera Tagore

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