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शिशु के पेट में ज्यादा गैस बनने के हो सकते हैं ये 5 कारण, डॉक्टर से जानें कैसे करें उनकी मदद

What Causes Too Much Farting In Newborn In Hindi: नवजात शिशुओं में गैस बनने की दिक्कत होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं। जैसे मां का खानपान या स्तनपान करने के साथ-साथ अधिक हवा निगल जाना।
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शिशु के पेट में ज्यादा गैस बनने के हो सकते हैं ये 5 कारण, डॉक्टर से जानें कैसे करें उनकी मदद


What Causes Too Much Farting In Newborn In Hindi: आपने अक्सर देखा होगा कि नवजात शिशुओं के पेट में काफी ज्यादा गैस बनती है। इसलिए, वे थोड़ी-थोड़ी देर में गैस छोड़ते रहते हैं। हालांकि, नवजात शिशुओं के लिए गैस छोड़ना सही संकेत होता है। इससे पेट में गैस फंसती नहीं है, जिससे उन्हें ब्लोटिंग या पेट दर्द जैसी कई समस्याएं नहीं होती हैं। यहां सवाल यह उठता है कि आखिर नवजात शिशुओं में बहुत ज्यादा गैस बनने की समस्या क्यों होती है? क्या अधिक गैस बनना उनके स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचा सकता है? और इस स्थिति में पैरेंट्स को क्या करना चाहिए? इस बारे में हमने नवी मुंबई स्थित अपोलो अस्पताल के Lead consultant Pediatric Critical Care Specialist डॉ. नारजोहन मेश्राम से बात की।

नवजात शिशुओं में अधिक गैस बनने के कारण- What Causes Too Much Farting In Newborn In Hindi

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हवा निगलना

नवजात शिशुओं पूरी तरह अपनी मां के दूध पर निर्भर होता है। नवजात शिशुओं कई बार अनजाने में दूध पीने के साथ-साथ हवा भी अंदर ले लेते हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो नवजात शिशुओं में गैस बनने की यह मुख्य वजह है। आपने कई बार नोटिस किया होगा कि दूध पिलाने के बाद नवजात शिशुओं को डकार जरूर दिलवाया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि गैस बाहर निकल जाए और उन्हें पेट दर्द जैसी परेशानी न उठानी पड़े।

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कमजोर पाचन क्षमता

नवजात शिशुओं की पाचन क्षमता बहुत ज्यादा कमजोर होती है। इसलिए, उन्हें थोड़ा-थोड़ा करके दिन में कई बार दूध पिलाया जाता है। अगर एक बार में उन्हें ज्यादा पिला दिया जाए, तो वे उल्टी कर देते हैं या उनके पेट में दर्द होने की दिक्कत हो सकती है। आपको बता दें कि नवजात शिशुओं के ऑर्गन वयस्कों की तरह मजबूत नहीं होते हैं। उनके शरीर के सभी ऑर्गन अभी विकसित होने की प्रक्रिया में होते हैं। ऐसे में उनके पेट में बार-बार गैस बनना कोई हैरानी की बात नहीं है।

सही तरह से दूध न पिलाना

वैसे तो नवजात शिशुओं को पूरी तरह से मां का ही दूध पिलाना चाहिए। कई बार मां का दूध पर्याप्त नहीं होने पर फॉर्मूला मिल्क पिलाया जाता है। ऐसे में उन्हें दूध पिलाने के लिए बोतल का उपयोग किया जाता है। बोतल के जरिए दूध पीने के कारण उनके मुंह में अधिक हवा घुसने की गुंजाइश रहती है। नतीजतन, उनके पेट में गैस बनने लगती है। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि जब भी शिशु को बोतल के जरिए दूध पिलया जाए, तो उन्हें डकार जरूर दिलवाई जाए। इससे उन्हें आराम मिलता है।

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मां का खानपान

मां का दूध नवजात शिशुओं के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि मां जो भी पौष्टिक आहार का सेवन करती है, उसका लाभक नवजात शिशुओं को होता है। यही कारण है कि यह कह जाता है कि ब्रेस्टफीड करवाने वाली महिलाओं को सही डाइट फॉलो करना चाहिए। ऐसी चीजें नहीं खानी चाहिए, जिससे पेट में गैस बनती है। प्रेग्नेंट महिलाओं को ब्रोक्ली, चना और छोले जैसी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके बजाय, उन्हें ऐसी चीजें खानी चाहिए, जो फाइबर युक्त होते हैं। इससे पेट से संबंधी समस्याएं कम होती हैं।

All Image Credit: Freepik

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