पेट संबंधित समस्या आजकल एक आम समस्या है जिसके कारण बड़े से लेकर बच्चे तक परेशान रहते हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए अक्सर लोग कुछ न कुछ तरीकों को अपनाने की कोशिश करते रहते हैं। ऐसे ही नवजात यानी नए जन्में बच्चों के साथ भी पाचन संबंधित कई समस्याएं देखने को मिलती है जिसके कारण लोग अपने बच्चे को लेकर काफी चिंतित हो जाते हैं। कई बच्चों को बचपन से ही पेट या पाचन संबंधित समस्याएं होने लगती है। माता-पिताओं में अक्सर ये सवाल होता है कि नए जन्में बच्चों में इस तरह की समस्या क्यों होती है जबकि वो एक पर्याप्त भोजन का भी सेवन नहीं करते हैं। आप ही नहीं बल्कि ज्यादातर लोगों को इस सवाल का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम इस लेख में बताएंगे कि नवजात में पाचन संबंधित समस्याएं क्यों होती है और इससे छुटकारा पाने के लिए क्या आसान तरीके हैं। हमने बात की इस विषय पर हमने बात की पारस अस्पताल , गुरुग्राम में पीडियाट्रिक्स और नियोनेटोलॉजी, मदर एंड चाइल्ड यूनिट के एचओडी, डॉक्टर मनीष मनन से। जिन्होंने बताया कि किन कारणों से बच्चों में इस तरह की समस्या पैदा होती है और आसानी कैसे इस समस्या से निपटा जा सकता है।
डॉक्टर मनीष मनन बताते हैं कि बच्चों में पाचन संबंधित समस्या कोई बहुत अलग स्थिति नहीं है बल्कि ज्यादातर नए माता-पिता के लिए ये एक आम समस्या है जिसके कारण वो अक्सर परेशान होते दिखाई देते हैं। वहीं, डॉक्टर बताते हैं कि कुछ लोगों को अपने बच्चों के पाचन समस्या के बारे में जानकारी नहीं होती जिसके कारण उनका बच्चा काफी परेशान हो रहा होता है। हालांकि, इसका सबसे बड़ा कारण बच्चों में एसिड रिफ्लक्स होता है जिसके कारण ये समस्या देखने को मिलती है।
नए जन्में बच्चों में पाचन संबंधित समस्या के कारण (Causes Of Digestive Problems In New Born Babies In Hindi)
- नए जन्में बच्चों में पाचन संबंधित समस्या के कारण कई हो सकते हैं, जिसमें वायरल या बैक्टीरिया एक अहम भूमिका निभाते हैं। जिन बच्चों की माता अपनी डाइट में खास ख्याल नहीं रखती उन नवजातों में पाचन संबंधित समस्या बहुत ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसा तब हो सकता है जब बच्चे की मां कुछ भी खाती है तो वो दूध के जरिए बच्चे के पेट में पहुंचते हैं। जिसके कारण कुछ बैक्टीरिया भी बच्चे के शरीर में आसानी से पहुंच जाते हैं।
- माता द्वारा गैस बनाने वाले पदार्थों का सेवन करने के कारण बच्चे के पेट में भी इस तरह की समस्या दिखाई दे सकती है। इसके कारण बच्चे के पेट में काफी गैस बनने लगती है जो पेट दर्द जैसे लक्षणों को दिखा सकते हैं।
- नवजात के पेट में किसी बीमारी के कारण।
बच्चों में पाचन क्रिया सुधारने के आसान तरीके (Ways To Improve Digestion In Babies)
1. बच्चे की मालिश
डॉक्टर मनीष मनन बताते हैं कि बच्चे के लिए मालिश करना बहुत जरूरी है, इससे न सिर्फ बच्चे को शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलती है बल्कि बच्चे का पेट भी स्वस्थ रह सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आपको रोजाना बच्चे के पेट की मालिश करना चाहिए, इससे बच्चे का पाचन तंत्र मजबूत बनता है और बच्चे को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। आप पेट से लेकर बच्चे के पैर तक अच्छी तरह से मालिश करें, ये प्रक्रिया आपको रोजाना करनी होगी तभी आपक बच्चे की पेट संबंधित समस्या को दूर कर सकते हैं।
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2. गर्म सेक
गर्म सेक बच्चे के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, लेकिन आपको इसमें ध्यान रखना चाहिए कि आप बच्चे को किस हद तक गर्म सेंक दे रहे हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक गर्म सेंक आपके बच्चे के पेट में होने वाली गैस और ब्लोटिंग की समस्या को आसानी से दूर कर सकते हैं। इतना ही नहीं आपके बच्चे के पेट की मांसपेशियां भी इससे काफी हद तक मजबूत बनी रहती है। आप रोजाना अपने बच्चे को कम से कम 1 से 2 बार गर्म सेक दे सकते हैं। इसके लिए आप एक कटोरे में गर्म पानी ले लें और फिर उसमें एक तौलिये को अच्छी तरह से भिगो दें। अब आप उसे निचोड़कर अपने बच्चे के पेट पर कुछ सेकेंड के लिए रखें और फिर से गर्म पानी का इस्तेमाल करें। ध्यान रहे आपको बच्चे के लिए बहुत ज्यादा गर्म पानी लेने की जरूरत नहीं है।
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3. फीडिंग स्थिति को बदलें
स्तनपान बच्चे के लिए बहुत जरूरी है इसके साथ ही जरूरी ये भी है बच्चे को आप किस स्थिति या पोजिशन में दूध पिला रहे हैं। जी हां, अगर आप अपने बच्चे को गलत स्थिति या पोजिशन में बैठकर दूध पिलाते हैं तो इससे आपके बच्चे के शरीर में एसिड रिफ्लक्स जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। जिसके कारण अक्सर बच्चे के पेट में दर्द और जलन रह सकती है। इतना ही नहीं अगर आप अपनी आदत को नहीं सुधारते तो बच्चे के पाचन के लिए ये एक गंभीर स्थिति भी पैदा कर सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने बच्चे को दूध पिलाने की स्थिति या पोजिशन को जरूर बदलें। एक्सपर्ट की सलाह है कि जब आप अपने बच्चे को दूध पिलाते हैं तो उस दौरान आपको बच्चे को एक सीध में रखने की जरूरत होती है जिससे दूध वापस न निकल सके। इसके अलावा आप दूध पिलाने के बाद बच्चे को डकार जरूर दिलाएं या बच्चे की कमर को कुछ देर मसलें।
4. दही
दही में हम सभी के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है जिसकी मदद से हम खुद को बीमारियों से दूर रखने के साथ ही पेट की समस्याओं से भी निजात पा सकते हैं। एक्सपर्ट की सलाह है कि बच्चों में गैस्ट्रोइटेस्टाइनल की समस्याओं को दूर करने के लिए दही एक बेहतरीन विकल्प है जिसकी मदद से आसानी से आप बच्चे के पेट के स्वास्थ्य को स्वस्थ रख सकते हैं। इसके लिए बच्चे की मां को रोजाना अपनी डाइट में दही को शामिल करना चाहिए जिससे की बच्चे के शरीर में भी पौष्टिक तत्व पहुंच सके और उनकी पाचन क्रिया स्वस्थ रह सके।
5. स्तन का दूध ही पिलाएं
बच्चे के स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने के लिए और पाचन को ठीक रखने के लिए जरूरी है कि आप अपने बच्चे को स्तनपान जरूर कराएं। एक्सपर्ट की सलाह है कि 6 महीने तक बच्चे सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए जिससे बच्चे के शरीर में सभी पोषण आसानी से पहुंच सके और इसकी मदद से बच्चे का पेट भी स्वस्थ रहता है। हालांकि बच्चे की मां के लिए जरूरी है कि वो अपनी डाइट में उन चीजों को शामिल बिलकुल न करें जो उन्हें गैस या एसिडिटी का शिकार बनाते हों। इससे आपके बच्चे के पेट में भी गैस बन सकती है और इसके कारण दर्द पैदा हो सकता है।
जरूरी बातें
एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चों में पाचन संबंधित समस्या उनकी मां पर निर्भर करता है। जैसा भोजन उनकी माता करती होगी उसी तरह से बच्चे के पेट को असर देखने को मिलेगी। इसलिए जरूरी है कि बच्चे की मां को भी अपनी डाइट में उन पोषक तत्वों या आहारों को शामिल करना चाहिए जो उन्हें और उनके बच्चे के पेट को स्वस्थ रखें साथ ही एसिडिटी जैसी समस्या को भी दूर किया जा सकता है। हालांकि, एक्सपर्ट की सलाह है कि जब आपके बच्चे को कई दिनों तक पेट दर्द या जलन रहे तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।