Reasons Of Increasing Vata In Body: आयुर्वेद के अनुसार हर व्यक्ति की अपनी अलग-अलग प्रकृति होती है, जिसे वात, पित्त और कफ में बांटा गया है। हर व्यक्ति का शरीर उसके प्रकृति के अनुसार ही काम करता है। लेकिन अगर शरीर में यह दोष असंतुलित हो जाए तो व्यक्ति को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। इसी तरह, शरीर में वात दोष बढ़ने से भी व्यक्ति में पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे कब्ज, ब्लोटिंग और एसिडिटी हो सकती है। इतना ही नहीं यह दोष व्यक्ति को कमजोर या थकान भी महसूस करवा सकता है। ऐसे में आइए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ तन्मय गोस्वामी से जानते हैं कि शरीर में वात बढ़ने के क्या कारण है?
शरीर में वात क्यों बढ़ता है? - Why Does Vata Dosha Increase in Hindi?
आयुर्वेद में त्रिदोष में वात दोष भी शामिल है, जिसे गति और वायु का दोष माना जाता है। लाइफस्टाइल, डाइट, इमोशनल और पर्यावरण से जुड़े कारकों के कारण किसी भी व्यक्ति में वात दोष बढ़ सकता है। आइए जानते हैं ये कारण आपके शरीर में वात दोषों को कैसे बढ़ाते हैं-
जीवनशैली की कौन-सी आदतें वात बढ़ाती हैं?
- अपने इमोशन्स को कंट्रोल करने या भावनाओं को सीमित करने से शरीर में वात दोष बढ़ सकता है।
- बहुत ज्यादा एक्सरसाइज या शारीरिक गतिविधियां करने से, शरीर में थकान महसूस होती है, जो वात के बढ़ने का कारण बन सकता है।
- देर रात तक जागते रहने से आपके शरीर की प्राकृतिक लय बाधित होती है, जिससे बेचैनी और वात असंतुलन हो सकता है।
- बहुत तेज आवाज में बात करने से गले में जलन हो सकती है, और वात बढ़ सकता है।
- लंबी दूरी या लगातार यात्रा करने के दौरान, हवा या ठंडी आपके शरीर में वात दोष को बढ़ावा दे सकती है।
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क्या खाने से वात बढ़ता है?
- अत्यधिक कड़वे, कसैले या सूखे खाद्य पदार्थ जैसी, कच्ची सब्जियां, और कड़वी जड़ी-बूटियां आपके शरीर में वात बढ़ने का कारण बन सकते हैं।
- बहुत ज्यादा खाना खाने या उपवास करने से भी आपका पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है, जिससे शरीर में वात बढ़ सकता है।
वात बढ़ने के इमोशनल ट्रिगर क्या हैं?
- चिंता, भय या दुख जैसी भावनाएं आपके शरीर में वात दोष के बढ़ने का कारण बन सकती हैं, या बढ़े हुए वात दोष का लक्षण हो सकती है।
- बहुत ज्यादा यौन गतिविधियों में रहने के कारण आपके शरीर से जरूरी ऊर्जा कम हो सकती है, जो वात असंतुलन का कारण बन सकता है।
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वात दोष पर पर्यावरण का प्रभाव
बरसात के मौसम में वात दोष बढ़ने या असंतुलित होने की समस्या सबसे ज्यादा होती है। दरअसल, नमी, पाचन को कमजोर करती है, जिससे वात असंतुलन की समस्या बढ़ जाती है। ठंडी जलवायु, वात के प्राकृतिक गुणों को बढ़ाती है।
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निष्कर्ष
वात दोष को संतुलित करने के लिए जरूरी है कि आप हेल्दी रूटीन फॉलो करें, गर्म और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें, अपने इमोशन्स को कंट्रोल करें और ज्यादा मेहनत करने से बचें। साथ ही वात दोष को बढ़ने के कारणों के बारे में पता करके आप इसे ज्यादा सही तरह से कंट्रोल कर सकते हैं।
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