किसी ने बिल्कुल ठीक कहा है कि छोटे बच्चे को संभालना, उनकी परवरिश करना कोई बच्चों का खेल नहीं है। जन्म के बाद बच्चे का शारीरिक विकास सही तरीके से हो रहा है या नहीं, उसके खाने, पीने, रहन-सहन और तमाम जिम्मेदारियां पेरेंट्स की होती हैं। कई बार आपने देखा होगा कि जन्म के साथ ही कुछ बच्चों के पैर और घुटने थोड़े से मुड़े हुए या टेढ़े (Bow Legged (Genu Varum)) होते हैं। बच्चों के घुटने और पैर मुड़े हुए देखकर पेरेंट्स परेशान हो जाते हैं और फिर समझ नहीं पाते हैं कि आखिरकार किया क्या जाए।
लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आनंद केयर क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद के पास भी अक्सर पेरेंट्स बच्चों से जुड़ी इस तरह की परेशानी लेकर आते है और पूछते हैं कि उनके बच्चे के पैर और घुटने थोड़े से टेढ़े (Bow Legged in Child) हैं। शुरुआत में देखने में ऐसा लगता है कि बच्चे का पैर धनुष के आकार का है। अब उन्हें क्या करना चाहिए।
इसे भी पढ़ेंः मैश्ड दाल या दाल का पीना: जानें शिशु की सेहत के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंद?
बच्चों के पैर और घुटने मुड़े हुए होने के क्या कारण हो सकते हैं?- What causes bowed legs in babies?
इंस्टाग्राम वीडियो में बच्चों के पैर और घुटने मुड़े हुए होने का कारण बताते हुए डॉ. तरुण कहते हैं, जन्म के बाद लगभग 9 से 10 महीने तक शिशु बिस्तर ही लेटा हुआ रहता है। लेटे हुए रहने के कारण बच्चे का पैर सही तरीके से सीधा नहीं होता है। मेडिकल की भाषा में इसे बो लेग कहा जाता है। लेकिन जैसे-जैसे बच्चा चलना सीखता है उसके पैर टेढ़े नजर आने लगते हैं। डॉक्टर का कहना है कि बच्चों को इस तरह की समस्या परिवारिक इतिहास, विटामिन डी की कमी (रिकेट्स), या अन्य अंतर्निहित स्थितियों के कारण हो सकती है। लेकिन जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है और अपना पूरा वजन पैरों पर रखने लगता है तो समय के साथ धीरे-धीरे बच्चे के पैर सीधे हो जाते हैं और बच्चों के पैर सीधे हो जाते हैं।
इसे भी पढ़ेंः बच्चे की दूध की बोतल साफ करते समय जरूर रखें इन 5 बातों का ध्यान, वरना बीमार पड़ सकता है बच्चा
View this post on Instagram
इसे भी पढ़ेंः शिशु को स्तनपान कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट? डॉक्टर से जानें
बच्चों के पैर और मुड़े घुटने कब ठीक होते हैं?- Bow Legged (Genu Varum) Treatment
डॉ. तरुण की मानें तो, जब बच्चे के पैर घुटनों पर बाहर की ओर मुड़ जाते हैं, जिससे एक "धनुष" आकार बन जाता है। यह समस्या शिशुओं में आम है और आमतौर पर 2 साल की उम्र खुद से ठीक हो जाती है। बच्चे के पैर और घुटने का धनुषाकार होना अक्सर सामान्य विकास का हिस्सा होता है। इस परिस्थिति में पेरेंट्स को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। वहीं, बोलेग्स के विपरीत, जहां घुटने एक दूसरे को छूते हैं लेकिन टखने अलग रहते हैं। आमतौर पर यह समस्या 3-5 साल के बच्चों में देखी जाती है और 7 साल की उम्र तक स्वयं ही ठीक हो जाती है।
इसे भी पढ़ेंः बच्चा गर्दन कब से संभालना शुरू करता है और ये क्यों जरूरी है? जानें डॉक्टर से
डॉक्टर को कब दिखाएं- Bow Legged (Genu Varum) in Hindi
डॉक्टर का कहना है कि बच्चों के पैरों और घुटने के मुड़े हुए होने की समस्या तय समय के साथ ठीक नहीं होती है, पैर और घुटने में दर्द रहता है और बच्चे के 2 से 3 तक चलने में कठिनाई महसूस होती है, तो उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस तरह की समस्या में अमूनन ज्यादा दवाओं और इलाज की जरूरत नहीं होती है, लेकिन कुछ गंभीर मामलों में सर्जरी व फिजियोथेरेपी की जरूरत पड़ सकती है।
इसे भी पढ़ेंः छोटे बच्चों को मच्छरों से बचाने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय, जानें कैसे दूर भगाएं मच्छर
Image Credit: Freepik.com