पेरेंट्स हमेशा अपने बच्चे की एक्टिविटी और ग्रोथ के लिए हमेशा ही एक्साइटेड रहते हैं। विशेषकर जो लोग पहली बार पेरेंट्स बनें हैं वह अपने बच्चे की हर एक्टिविटी पर नजर रखते हैं। बच्चे के पहली बार अंगड़ाई लेने से लेकर, बच्चे के मुंह में हाथ डालने और पैरों को पकड़ने तक के पल पेरेंट्स के लिए बहुत भावुक होते हैं। जो लोग पहली बार पेरेंट्स बनें हैं उन्हें इस बात का पता होना चाहिए कि बच्चा किस महीने में क्या नई स्किल सीखता है और उम्र के हिसाब से बच्चे की डेवलपमेंट पर नजर भी रखनी चाहिए।
जन्म के बाद जब बच्चे की गर्दन संभाल नहीं पाता है, तो न्यू पेरेंट्स अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि बच्चा गर्दन कब से संभालना शुरू करता है? आज इस लेख में हम न्यू पेरेंट्स को इसी सवाल का जवाब देने वाले हैं। इस विषय पर डॉ. तान्या गुप्ता ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो भी शेयर किया है।
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बच्चा गर्दन कब से संभालना शुरू करता है?
डॉ. तान्या गुप्ता का कहना है जन्म के बाद शिशु का शरीर और गर्दन दोनों ही बहुत कमजोर होते हैं। न्यू पेरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे का कोई भी अंग सही तरीके से काम नहीं करने लगता है। जन्म के समय शिशुओं के गर्दन की मांसपेशियां काफी ज्यादा कमजोर होती हैं। इसलिए इसे उठाते वक्त सपोर्ट देने आवश्यकता होती है। लगभग 1 से 2 महीने के बाद शिशु धीरे-धीरे गर्दन को उठाने की कोशिश करता है। लेकिन इस समय भी बच्चे की गर्दन कमजोर होती है। समय के साथ जैसे-जैसे पेरेंट्स शिशु को पेट के बल लेटने की कोशिश करते हैं, तो वह गर्दन को हल्का उठाता है और लगभग 4 से 6 महीने के बाद शिशु अपनी गर्दन को खुद संभालना सीख जाते हैं। 6 महीने की उम्र के बाद पेरेंट्स को बच्चे की गर्दन को सपोर्ट देने की जरूरत नहीं पड़ती है।
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बच्चों का गर्दन संभालना क्यों जरूरी है?
डॉ. तान्या गुप्ता का कहना है कि बच्चों का खुद गर्दन संभालना बहुत जरूरी है। यह शिशु के शारीरिक विकास का अहम हिस्सा है। अगर जन्म के 5 से 6 महीने के बाद शिशु खुद से गर्दन को नहीं संभाल पाता है, तो यह भविष्य में बच्चे के उठने और बैठने में परेशानी खड़ी कर सकता है। कुछ बच्चों के गर्दन सामान्य बच्चों के गर्दन से अधिक बड़े और कमजोर होते हैं।
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ऐसे बच्चों के गर्दन की मांसपेशियां ज्यादा कमजोर होती हैं। हालांकि, यह नॉर्मल स्थित है। समय के साथ यह ठीक हो जाता है। लेकिन ऐसे बच्चों के सिर को घुमाना सामान्य बच्चों से थोड़ा मुश्किल हो जाता है। डॉ. तान्या की मानें तो जन्म के 6 महीने के बाद अगर गर्दन को संभालना नहीं सीखता है तो पेरेंट्स को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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